श्रावण अष्टमी मेले : हिमाचल के शक्तिपीठों में ये रहेगा आरती का समय
ewn24news choice of himachal 17 Aug,2023 3:00 pm
कांगड़ा। श्रावण अष्टमी मेले गुरुवार यानी आज से शुरू हो गए हैं। हिमाचल के पांच प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी, श्री ज्वालामुखी, श्री नैना देवी, श्री चामुंडा देवी तथा श्री छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी सज गए हैं। शक्तिपीठों में माता रानी के स्नान, श्रृंगार व आरती का अलग-अलग समय तय किया गया है।
श्रावण अष्टमी मेले के दौरान श्री छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे खुला रहेगा। सुबह चार बजे मइयों के स्नान के बाद शृंगार किया जाएगा और माता रानी को आरती के साथ भोग लगाया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 से साढ़े 12 बजे तक मंदिर बंद रहेगा।
श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर, कांगड़ा में सुबह चार से रात नौ बजे तक मंदिर खुला रहेगा। सुबह पांच बजे में मईया का स्नान, श्रृंगार व आरती के साथ चना-पूरी, मेवे व दुध का भोग मां को लगाया जाएगा।
इसके अलावा श्री ज्वालामुखी मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा। ज्वाला मां की सुबह चार से बजे तक बजे स्नान व श्रृंगार के बाद आरती होगी। दोपहर 12 से साढ़े 12 बजे तक माता रानी को आरती के साथ खीर व चावल का भोग लगेगा। शाम सात से आठ बजे तक माता को आरती के साथ पूरी-चने का भोग लगेगा। सातवीं, अष्टमी और नवमीं के दिन सारी रात मंदिर मइया के दर्शनों के लिए खुला रहेगा।
चामुंडा देवी मंदिर में सावन अष्टमी मेलों में मंदिर सुबह पांच बजे खुलेगा और रात को 10 बजे तक बंद होगा। सुबह मां को हलवा और चने का भोग लगेगा, उसके आद दोपहर 12 बजे मां को मां को दाल और चावल सब्जी का भोग लगेगा।
वहीं, श्री नैना देवी मंदिर बिलासपुर में रात 12 से दो बजे तक बंद किया जाएगा। इन दो घंटों में माता रानी का स्नान और श्रृंगार के बाद एक साथ चार आरतियां की जाएंगी। मंदिर में दोपहर 12 से साढ़े 12 बजे और शाम को माता रानी को विशेष भोग लगाए जाएंगे।