वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार 2.0 का बजट पेश किया। सरकार के इस बजट को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में से भी जोड़कर देखा जा रहा है। केंद्रीय बजट पेश होने के बाद पक्ष-विपक्ष की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस बजट को आत्मनिर्भर भारत की ओर सशक्त कदम करार दिया है वहीं कांग्रेस का कहना है कि बजट में सिर्फ रस्म अदायगी की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी वर्गों को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए ऐतिहासिक और सराहनीय बजट पेश किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस बजट से भारत आर्थिक तौर पर मजबूती की ओर बढ़ेगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि निर्धन, ग्रामीण, मजदूर, मध्यम वर्ग किसान, कर्मचारी, महिला, बुजुर्गों और विद्यार्थियों को इस बजट में राहत देने का काम किया गया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी आभार व्यक्त किया।
शिमला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि भारत का आम बजट अमृत काल का बजट है और पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।
इस बार का बजट पूरे भारत के समग्र विकास का बजट है, चाहे वह कृषि भगवानों के लिए हो, महिला सशक्तिकरण, बच्चों के उद्धार के लिए हो, भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए हो। इस बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार मिडल क्लास के लिए सरकार ने बड़ा फायदा दिया है इनकम टैक्स में रिबेट लिमिट को बढ़ाकर 5 से 7 लाख कर दिया गया है साथ ही एक्सेम्पशन की सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख से तीन लाख कर दिया गया है। महिलाओं के लिए सम्मान बचत सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिसमें दो लाख की राशि लड़कियों के लिए 2 साल के लिए फिक्स डिपोजिट के रूप में रखी जाएगी जिस पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत से उपलब्ध होगा। मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकत्तम जमा सीमा को एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रूपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा की बजट देश को विकास के पथ पर ले जाने वाला है। टैक्स में छुट के साथ कई जगह रियायत दी गई है। कांग्रेस के नेताओं को सब्र रखना चाहिए और पहले बजट का अध्ययन कर लेना चाहिए उसके बाद बयान देना चाहिए।
उधर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने केंद्रीय बजट में हिमाचल की अनदेखी का आरोप लगाया है और कहा कि हिमाचल प्रदेश करोड़ों के कर्ज के बोझ तले दबा है ऐसे में केंद्रीय बजट में राहत देनी चाहिए थी। बजट से बेरोजगारों को काफी उम्मीदे थी जो पूरी नहीं हुई है। बजट में सिर्फ रस्म अदायगी की गई है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में प्रस्तुत वार्षिक बजट 2023-24 निराशाजनक व आम जनता की आशाओं के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह बजट मात्र आंकड़ों का मायाजाल है। इस बजट में समाज के सभी वर्गों विशेषकर मध्यम वर्ग, गरीब, युवा और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है और यह पूर्णतया निराशाजनक है।
सुक्खू ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता को आज भी केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनावों से पूर्व ‘अच्छे दिनों’ के वादे के पूर्ण होने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार सृजन की दिशा में कोई भी प्रावधान नहीं है और शहरी रोजगार का कहीं भी जिक्र नहीं है। किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि के अलावा कुछ नहीं है। इससे केवल किसानों पर ऋण की देनदारी का बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए खेती के उपकरणों और खाद में उपदान की कोई घोषणा नहीं है। इसके अलावा, मनरेगा में भी कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे साबित होता है कि इस बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार को पूर्णतयः नजर अंदाज किया गया है।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है की बजट में कुछ भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया गया है। अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश के लिए प्रस्तावित 64 हाईवे को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और बजट में कोई प्रावधान ना करने का आरोप लगाया। अनिरुद्ध सिंह ने इस दौरान कहा की ग्रामीण विकास के लिए 1.6 लाख करोड़ के बजट की घोषणा हुई मगर यह रुपए कैसे खर्च किए जाएंगे ये भी भी स्पष्ट नहीं किया गया। अनिरुद्ध सिंह ने कृषि के क्षेत्र में पेश किए गए बजट पर भी सवालिया निशान खड़े किए। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार देने की बात की गई मगर कैसे रोजगार पैदा किया जाएगा इसको लेकर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। अनिरुद्ध सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हर बार रेलवे के लिए बड़े बजट की घोषणा होती है मगर हम अभी तक 1 इंच भी रेलवे लाइन नहीं बना पाए हैं।
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को पूंजीपतिपरस्त व मजदूर विरोधी करार दिया है। यह बजट महज़ आंकड़ों का मकड़जाल है व आम जनता के लिए ऊंट के मुंह में जीरा डालने के समान है। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि यह बजट नवउदारवादी नीतियों की रफ्तार व सरकारी ढांचे को तोड़ कर निजीकरण की गति को तेज करने वाला है। इस से केवल पूंजीपतियों के फायदा होगा व महंगाई के मध्यनज़र मजदूरों की स्थिति और बिगड़ेगी। इस बजट में बैंक, बीमा, दूरसंचार, रेल, एयरपोर्ट, ऊर्जा, यातायात, परिवहन सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों की खुली बिक्री का दरवाजा खोल दिया गया है। बजट ने सेवा क्षेत्र को खोखला करने का ही कार्य किया है। इस बजट में मजदूरों व कर्मचारियों के हित में कुछ भी खास नहीं है।