चैत्र नवरात्र : नौवें दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें विधि, बीज मंत्र व आरती
ewn24news choice of himachal 17 Apr,2024 12:13 am
चैत्र नवरात्र के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्र पर्व की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है।
नवरात्र की इन दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन किया जाता है। कुछ लोग अष्टमी तिथि पर तो कुछ लोग नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ मां की आराधना करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्र की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से धन, बल, यश के साथ सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और भक्तों को यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। वह अपने भक्तों को बुद्धि का आशीर्वाद देती हैं और उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं।
सिद्धि शब्द का अर्थ है अलौकिक शक्ति और धात्री का अर्थ है पुरस्कार देने वाला। यह माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री सभी दिव्य आकांक्षाओं को पूरा करती हैं । मां सिद्धिदात्री को सिद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है।
कमल पुष्प पर आसीन सामान्य रूप से मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन होती हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं।
इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है। मां अणिमा, महिमा, प्राकाम्य गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, ईशित्व और वशित्व अष्ट सिद्धि का संपूर्ण स्वरूपा हैं।