चंबा। ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले का आगाज रविवार को हो गया है। मिर्जा परिवार द्वारा तैयार की गई मिंजर को मुख्यातिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के भगवान लक्ष्मीनाथ और रघुनाथ को अर्पित करने के साथ ही मेले का शुभारंभ हुआ।
इससे पहले राज्यपाल, मिर्जा परिवार, मंदिर के पुजारी, जिला प्रशासन और नगर परिषद चंबा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में नप कार्यालय चंबा से लक्ष्मीनाथ मंदिर के लिए शोभायात्रा निकली। शहर के मंदिरों में पूजा और मिंजर अर्पित करने के बाद चौगान मैदान तक शोभायात्रा निकाली गई। यहां मुख्यातिथि ने ध्वजारोहण किया।
इस मौके पर सदर विधायक नीरज नैयर, पूर्व विधायक पवन नैयर,नप अध्यक्ष नीलम नैयर, नप उपाध्यक्ष सीमा कश्यप, उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल, एसपी चंबा अभिषेक यादव आदि व शहर के प्रबुद्धजन शामिल रहे। सात दिवसीय मिंजर मेले का समापन 3 अगस्त को मुख्यातिथि के मिंजर को रावी नदी में विर्सजन के साथ ही संपन्न होगा।
ऐतिहासिक मिंजर मेले में इस बार एक नई और खास पहल देखने को मिलेगी। पहली बार मेला घड़े की रोटी और बबरू जैसे पारंपरिक चंबयाली व्यंजनों की खुशबू से महकेगा। यह पहल स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की ओर से की जा रही है। इसका उद्देश्य जहां स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देना है, वहीं महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम है।
घड़े की रोटी और बबरू चंबा की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं लेकिन आज की पीढ़ी में इनका स्वाद धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। एनयूएलएम की मैनेजर रुचि महाजन ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से इस बार मिंजर मेले में पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाने की अनुमति ली है। उन्होंने बताया कि उम्मीद की जा रही है कि यह स्टॉल न केवल लोगों के स्वाद को लुभाएगा, बल्कि स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर भी अग्रसर करेगा।