राकेश चंदेल/बिलासपुर। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश का क्रमिक अनशन शनिवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया। शनिवार को भी सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक क्रमिक अनशन पर डटे रहे।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षक संघ के पूर्व पदाधिकारी हैं, जिनमें दो बार अध्यक्ष रहे देवेंद्र केवल, पूर्व राज्य महासचिव महेश शर्मा, पूर्व राज्य प्रेस सचिव शिवदत्त शर्मा और पूर्व कार्यालय सचिव खुशहाल ठाकुर शामिल हैं।
इन वरिष्ठ नेताओं ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को संघ की ऐतिहासिक धरोहर बताते हुए कहा कि इसे मिटने नहीं दिया जाएगा। देवेंद्र केवला ने कहा कि यह निदेशालय स्वर्गीय सरदार अवतार सिंह और उनकी टीम के संघर्षों का परिणाम है और इसे बचाना प्रत्येक शिक्षक का कर्तव्य है।
पूर्व अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के लिए अलग निदेशालय की स्थापना की जाए, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, केंद्रीय मुख्य शिक्षक व प्रमोशन की पूर्व व्यवस्था को बरकरार रखा जाए।
साथ ही क्लस्टर प्रणाली को और सुदृढ़ करने, बंद हो चुकी खेल गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर तक पुनः शुरू करने, रिक्त पड़े हजारों JBT पदों को भरने और नर्सरी शिक्षकों की नियुक्तियों की भी मांग की गई।
अनशन में शामिल नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगों पर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की और प्राथमिक शिक्षकों पर की गई निलंबन व अन्य कार्यवाहियों को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसकी कमान सेवानिवृत्त शिक्षक संभालेंगे। इस स्थिति के लिए पूरा उत्तरदायित्व सरकार और शिक्षा विभाग का होगा।
अनशन में राज्य अध्यक्ष जगदीश शर्मा, सहसचिव राकेश पटियाल, जिला बिलासपुर अध्यक्ष रमेश शर्मा, जिला शिमला अध्यक्ष प्रमोद चौहान, मंडी अध्यक्ष इंद्र भारद्वाज, कुल्लू अध्यक्ष इंद्र ठाकुर, लाहौल-स्पीति अध्यक्ष दिनेश कटोच, कांगड़ा अध्यक्ष अनिल भाटिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, राज्य महासचिव संजय पीसी, जिला शिमला महासचिव चंद्र मोहन केवला और राज्य मुख्य संरक्षक राम सिंह राव भी शामिल रहे।