Breaking News

  • शिमला : HRTC इलेक्ट्रिक बस में फ्री सफर, तीन दिन मिलेगी यह सुविधा
  • लेखिका बबीता जसवाल का कविता संग्रह 'बाल प्रहर' : बच्चों को दें बचपन की सीख
  • कारगिल विजय दिवस : जयराम ठाकुर बोले- सिर्फ रस्मी नहीं होने चाहिए ये कार्यक्रम
  • बद्दी में अवैध खनन रोकने को लेकर बड़ा फैसला, होगी तगड़ी चोट- पढ़ें खबर
  • दिल्ली के जंतर मंतर पर 29 जुलाई को गरजेगी महिला कांग्रेस
  • देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर ने कही बड़ी बात- कार्य योजना होगी तैयार
  • हमीरपुर के 8 जवानों ने कारगिल में लिखी थी शौर्य और बलिदान की गाथा
  • हिमाचल : गुट में बंटे कर्मचारी कैसे मनवाएंगे मांगें- एक मंच पर आना जरूरी
  • यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता पर भाजपा ने उठाए सवाल, कांग्रेस सरकार को घेरा
  • ITI मंडी में प्रथम चरण की दाखिला प्रक्रिया समाप्त, काउंसलिंग 31 को

कांगड़ा : निकिता का डॉक्टर बनने का सपना होगा पूरा, हाईकोर्ट ने पक्ष में दिया फैसला

ewn24news choice of himachal 13 Dec,2022 1:11 pm

    डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में करेगी MBBS

    शिमला। मेधावी दिव्यांग छात्रा निकिता चौधरी का डॉक्टर बनने का सपना अब पूरा हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा को उसे MBBS में प्रवेश देने का आदेश दिया है।

    उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने व्हीलचेयर यूजर निकिता चौधरी की याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि अदालत के आदेश पर पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल बोर्ड ने उसकी विकलांगता 78% प्रमाणित की है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार 80% तक विकलांगता वाले विद्यार्थियों को MBBS में प्रवेश दिया जा सकता है।

    सीएम के निर्णय से खफा जयराम, बोले - कांग्रेस ने बदले की भावना के साथ की शुरुआत

    गौर हो कि कांगड़ा जिला की बडोह तहसील के गांव सरोत्री के निवासी राजेश कुमार और रंजना देवी की बेटी निकिता चौधरी ने पहले ही प्रयास में एमबीबीएस के लिए आयोजित नीट की कठिन परीक्षा पास कर ली थी। लेकिन, टांडा मेडिकल कॉलेज अपने नियमों का हवाला देकर विकलांगता के कारण एमबीबीएस में दाखिला देने से इनकार कर दिया था।
    एक्शन मोड में सीएम सुक्खू : पैरा स्टाफ की नई भर्ती पर रोक, टेंडर भी रोके

    मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार एमबीबीएस में प्रवेश के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र उसके द्वारा अधिकृत मेडिकल कॉलेज या अस्पताल से बनवाना पड़ता है। चंडीगढ़ के सेक्टर 32 का राजकीय मेडिकल कॉलेज इसके लिए अधिकृत है। वहां निकिता को 78% विकलांगता का प्रमाण पत्र दिया गया था। लेकिन टांडा मेडिकल कॉलेज ने फिर से उसकी विकलांगता का आकलन किया। और विकलांगता 78% से बढ़ाकर 90% कर दी ताकि वह एमबीबीएस में दाखिले की पात्रता से बाहर हो जाए।
    अटल टनल के बाहर लगेगी सोनिया गांधी के नाम की शिलान्यास पट्टिका 

    निकिता ने परेशान होकर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से लेकर के पिछली सरकार के आला अफसरों तक को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। अंत में उसने वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव भूषण के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

    हाईकोर्ट ने पीजीआई के निदेशक को आदेश दिया कि वह निकिता की विकलांगता का आकलन करके प्रमाणपत्र 9 दिसंबर तक सीधे कोर्ट में जमा कराएं। वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव भूषण की दलीलों पर सोमवार को हाईकोर्ट ने सहमति जताई और निकिता को एमबीबीएस में प्रवेश देने के आदेश दिए।


    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें  

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather