ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के नूरपुर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को इलाज में परेशानी हो रही है। यहां कुल 34 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 20 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। इनमें से एक डॉक्टर को सीएच गंगथ में डेपुटेशन पर तैनात किया गया है। अस्पताल में सिर्फ 7 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हैं।
इनमें एक जनरल सर्जन, एक मेडिसिन विशेषज्ञ, एक हड्डी रोग विशेषज्ञ, एक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, एक ईएनटी सर्जन और दो एनेस्थेटिस्ट शामिल हैं। नेत्र रोग और त्वचा रोग विशेषज्ञ की पोस्ट खाली है। एक बाल रोग विशेषज्ञ और एक रेडियोलॉजिस्ट को 10 अप्रैल 2025 को यहां तैनात किया गया था, लेकिन दोनों ने अब तक ज्वाइन नहीं किया है।
नूरपुर अस्पताल में रोजाना करीब 600 मरीज ओपीडी में आते हैं। आपातकालीन विभाग में रोजाना 60 से 100 मरीज पहुंचते हैं। अस्पताल में हर महीने औसतन 45 बड़ी सर्जरी की जाती हैं। बता दें कि 100 बिस्तर का सिविल अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह पठानकोट की सीमा के साथ लगता है।
एसएमओ डॉ. सतीश पाल का कहना है कि अस्पताल किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। 47 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है। 20 बेड ग्राउंड फ्लोर इमरजेंसी और 17 वेड फर्स्ट फ्लोर पर व 17 बेड सेकंड फ्लोर पर लगाए गए हैं। इसके अलावा स्पेशलिस्ट डॉक्टर को 24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी व सहायक डॉक्टर को तैयार रहने के लिए कहा गया है।
बेहद महत्वपूर्ण टेस्टिंग, जरूरी दवाओं का स्टॉक व एंबुलेंस सेवा को दुरुस्त रखने को कहा गया है। ऑक्सीजन प्लांट पिछले 2 साल से तो बंद है, लेकिन 50 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर को इमरजेंसी हेतु भरवा कर रखा गया है। इसके अलावा मेडिकल कीटों को भी तैयार किया गया है। इसके मध्यनजर शनिवार शाम को मॉकड्रिल भी की गई। इसमें डॉक्टर आशीष, रूहानी, तुषार,रीशु, फार्मासिस्ट, लैब अटेंडेंट, नर्सें ,ओटीए व अन्य स्टाफ ने भाग लिया।