ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के नूरपुर में कई जगह पर प्राकृतिक संसाधनों की लूट के मामले सामने आ रहे हैं साथ ही प्रशासन की लापरवाही भी नजर आ रही है। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खननी बेल्ट ब्राह्मण दा नाल में।
यहां पर आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे बारिश का फायदा उठाते हुए करीब 15-20 वाहन पहुंच गए और बेफ्रिक होकर अवैध खनन शुरू कर दिया। स्थानीय युवाओं ने प्रशासन को सूचित भी किया लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। युवाओं ने ये सारा मंजर वीडियो में कैद कर लिया।
यह घटनाक्रम न सिर्फ कानून की खुलेआम अवहेलना है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक गंभीर खतरे की घंटी है। स्थानीय नागरिकों बशीरद्दीन, काका, विजय, राकेश, जोध द्वारा बताया गया कि इन वाहनों द्वारा खुलेआम खनन किया जा रहा है। कई पेड़ भी खनन की इस बेलगाम दौड़ में अपनी बलि चढ़ा चुके हैं। जिस क्षेत्र में यह अवैध गतिविधि हो रही है वह प्राकृतिक रूप से समृद्ध और जैव विविधता से भरपूर माना जाता है। बावजूद इसके, माफिया तत्वों की नजरें यहां की मिट्टी, बजरी और पेड़ों पर लगी हुई है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी समय रहते प्रशासन को भी दी गई, लेकिन मौके पर न तो कोई अधिकारी पहुंचा और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई। प्रशासनिक चुप्पी ने अवैध खननकर्ताओं के हौसले और बुलंद कर दिए हैं।
स्थानीय समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए। साथ ही, दोषी व्यक्तियों और वाहन मालिकों की पहचान कर उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो आने वाले समय में पर्यावरणीय संतुलन को भारी क्षति पहुंच सकती है।
नूरपुर थाना प्रभारी सुरिन्द्र धीमान का कहना है कि जब उन्हें इस बारे सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस को घटनास्थल पहुंचा और घटनाक्रम वाली जगह पर तैनात पुलिसकर्मियों को भी तुरंत भेजा, लेकिन तब तक सभी गाड़ियां भाग चुकी थीं। एक ट्रैक्टर मिला था जिसका चालान कर दिया गया था।
माइनिंग अधिकारी सुरेश कुमार से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद आ रहा है। यह पहली बार नहीं है जब वे मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। अब देखना ये होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले को लेकर कितनी तत्परता दिखाता है ।