शिमला। हिमाचल प्रदेश में लावारिस पशु गंभीर समस्या बने हुए हैं। अधिकतर सड़कों पर लावारिस घूमते पशु देखें जा सकते हैं। लावारिस पशुओं की समस्या से निजात के लिए गौ सदनों को अनुदान देने की योजना शुरू की गई।
गौ सदन को प्रति पशु 700 रुपए अनुदान मिलता है। इसके बावजूद लावारिस पशुओं की समस्या जैसी की तैसी ही है। वहीं, गौ सदनों की मांग की थी कि अनुदान कम है, इसे बढ़ाया जाए।
इस पर फैसला लेते हुए कैबिनेट की बैठक में गौ सदनों को मिलने वाले अनुदान को 700 रुपए प्रति पशु से 1200 रुपए प्रति पशु करने का निर्णय लिया है। यानी अब गौ सदन में एक पशु की देखरेख के लिए 1200 रुपए अनुदान मिलेगा।
अनुदान राशि बढ़ाने के बाद यह देखना बाकी होगा कि क्या लावारिस पशुओं की समस्या से निजात मिल पाती है या फिर समस्या फिर जैसी की तैसी रहेगी।
कैबिनेट बैठक में शिमला तारादेवी के पीछे साइड पहाड़ी को ग्रीन एरिया घोषित करने का निर्णय लिया है। यहां किसी प्रकार की कंस्ट्रक्शन को अनुमति नहीं होगी। शिमला एमसी एरिया मे नेशनल हाईवे या अन्य सड़कों के एक मीटर नीचे ही निर्माण हो सकेगा।
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण, हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के पांच पद भरने को भी मंजूरी दी। राज्य में क्षरित वन क्षेत्रों में कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत निजी उद्यमियों द्वारा वृक्षारोपण के लिए मुख्यमंत्री ग्रीन अडॉप्शन योजना को मंजूरी दी गई।
बैठक में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 के तहत ई-टैक्सियों को किराए पर लेने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करने को भी स्वीकृति दी गई।
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में डिजाइन विंग का सिविल विंग में विलय करने पर अपनी सहमति प्रदान की। इससे विभाग की कार्यशैली व्यवस्थित और दक्ष होगी।
बैठक में कुल्लू जिले के निरमंड विकास खंड में पशु चिकित्सा औषधालय सराहन का नाम बदलकर पशु चिकित्सा औषधालय बागा-सराहन करने को भी मंजूरी प्रदान की गई।