नूरपुर : चिट्टा तस्कर पर बड़ी कार्रवाई, हिमाचल में पहली बार हुआ ऐसा-पढ़ें खबर
ewn24news choice of himachal 07 Jan,2024 7:27 pm
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट पहला ऑर्डर मिला
ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल के पुलिस जिला नूरपुर के तहत एक चिट्टा तस्कर पर बड़ी कार्रवाई अमल में लाई गई है। नूरपुर पुलिस को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत डिटेंशन ऑर्डर प्राप्त हुआ है।
इस एक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश में यह पहला ऑर्डर है। नूरपुर पुलिस ने फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन कर इस एक्ट के तहत नूरपुर तहसील निवासी पुनीत महाजन उर्फ चिंपू का केस दिल्ली भेजा था।
शनिवार को ही नूरपुर पुलिस को सचिव होम से डिटेंशन ऑर्डर मिला है। ऑर्डर मिलने के बाद पुलिस ने उक्त चिट्टा तस्कर की संपत्ति को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह जानकारी पुलिस जिला नूरपुर के एसपी अशोक रतन ने मीडिया से बातचीत में दी है।
उन्होंने बताया कि पुनीत महाजन उर्फ चिंपू के खिलाफ ड्रग तस्करी के पांच मामले दर्ज हैं। वर्ष 2023 में ही चिट्टे (हेरोइन) के 3 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें दो मामले पुलिस स्टेशन नूरपुर में दर्ज हुए हैं।
नूरपुर में दर्ज दूसरे केस के तहत डिटेंशन ऑर्डर के लिए केस बनाकर दिल्ली भेजा था। न्यायिक हिरासत से बाहर आने पर आरोपी दोबारा चिट्टा तस्करी में संलिप्त पाया गया। इसके बाद पुलिस स्टेशन इंदौरा में चिट्टे के साथ पकड़े जाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
पाया गया कि पुनीत महाजन उर्फ चिंपू जमानत पर आने के बाद भी इस धंधे में एक्टिव था। चिट्टे के कारोबार में लगातार संलिप्त था। वह आस पड़ोस की पंचायतों में चिट्टा सप्लाई करता था। नूरपुर पुलिस द्वारा भेजे प्रपोजल पर डिटेंशन ऑर्डर मिला है। इसे सचिव होम की तरफ से स्वीकृति मिली है।
एसपी ने बताया कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट ऐसा कानून है कि जिसमें बार बार ड्रग्स का धंधा करने वाले करते हैं और जमानत की शर्तों को भी नहीं मानते हैं, उनके खिलाफ प्रपोजल बनाया जाता है। इसे दिल्ली भेजा जाता है।
डिटेंशन अथॉरिटी सचिव होम होते हैं। इसके लिए हिमाचल सरकार ने भी एक एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया है। इसमें चेयरमैन और दो सदस्य हैं। यह ऐसा एक्ट है कि जिसमें पावर को जस्टिफाई भी करना है और ड्रग के प्रचलन को भी कम करना है।
उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट में सेक्शन 68 (F) के चेप्टर 5 (A) के तहत फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन करते हैं। इसमें उन्हीं की संपत्ति अटैच कर सकते हैं, जिसमें 10 साल और 10 साल से अधिक सजा है।
अगर किसी आरोपी के खिलाफ किसी अथॉरिटी ने डिटेंशन ऑर्डर दिया हो तो किसी भी आरोपी की संपत्ति को 68(A) (C) के तहत अटैच कर सकते हैं। एडवाइजरी बोर्ड मान्य मानेंगे तो उसे जब्त किया जा सकेगा।
एसपी ने बताया कि पुलिस जिला नूरपुर के तहत जो व्यक्ति बार-बार ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं और जिन्होंने अधिक से अधिक संपत्ति बनाई, उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कानून रूप से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि ड्रग्स तस्करों की सूचना पुलिस को दें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में नूरपुर पुलिस जिला के तहत ड्रग्स तस्करों की पौने चार करोड़ की संपत्ति अटैच की है। अब तक साढ़े 10 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुके हैं।
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