Breaking News

  • हिमाचल के ऊना जिला का जवान परमवीर सिंह की लेह में शहीद
  • गुलेर पौंग झील अवैध खेती का मामला : विधायक कमलेश ठाकुर से मिले लोग
  • पालमपुर : ननाओं के प्रथम परमार बने फ्लाइंग ऑफिसर, गांव में जोरदार स्वागत
  • हिमाचल : कोल्ड वेव से राहत की उम्मीद, लगातार तीन दिन बारिश-बर्फबारी की संभावना-जानें डिटेल
  • बिलासपुर : प्लास्टिक की कैन में ले जा रहा था 28 लीटर अवैध शराब, पुलिस ने पकड़ा
  • मोहाली की कंपनी में नौकरी का मौका : ITI मंडी में 24 को इंटरव्यू
  • हिमाचल : इस दिन सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ, पूरे प्रदेश में बिगड़ सकता है मौसम
  • अंबेडकर राष्ट्र की धरोहर, अपमान हरगिज नहीं करेंगे बर्दाश्त : चमन राही
  • कांगड़ा : सिक्योरिटी गार्ड व सुपरवाइजर के 200 पदों पर भर्ती, 20 हजार तक सैलरी
  • हिमाचल युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव चुने गए मनीष भगनाल

संकष्टी चतुर्थी : भगवान गणेश के विकट रूप की पूजा कर पाएं परेशानियों से मुक्ति

ewn24news choice of himachal 08 Apr,2023 8:26 pm

    वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 9 अप्रैल (रविवार) को है। इस दिन वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इस व्रत में भगवान गणेश के विकट रूप की पूजा करने का विधान है इसलिए इसे विकट संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। भविष्य पुराण में भी कहा गया है कि संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन और आरोग्य मिलता है।

    हिमाचल कोरोना अपडेट : आज 258 नए मामले, दो लोगों ने तोड़ा दम

    भविष्य पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी की पूजा और व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। वैशाख माह के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा को अर्घ्य देने से संतान सुख मिलता है। इसके साथ ही शारीरिक परेशानियां भी दूर हो जाती है। मनोकामनाएं पूरी करने और हर तरह की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए ये संकष्टी व्रत किया जाता है। वैशाख माह की इस चतुर्थी पर व्रत और पूजा करने से समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
    कांगड़ा जिला बनेगा पर्यटन राजधानी, ब्लूप्रिंट तैयार- सीएम ने क्या दी जानकारी-पढ़ें खबर

    कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जलंधर नाम के राक्षस के विनाश के लिए उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया। उससे एक दैत्य उत्पन्न हुआ, उसका नाम था कामासुर। कामासुर ने शिव की आराधना करके त्रिलोक विजय का वरदान पा लिया।

    इसके बाद उसने अन्य दैत्यों की तरह ही देवताओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए। देवताओं ने भगवान गणेश का ध्यान किया। तब भगवान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया। इस रूप में भगवान मोर पर विराजित होकर अवतरित हुए। उन्होंने देवताओं को अभय वरदान देकर कामासुर को हराया।
    चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा विधि


    • सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं।

    • पूजा स्थान पर भगवान गणेश, शिवजी और देवी पार्वती की स्थापना करें।

    • दिनभर व्रत रखने का संकल्प लें और पूजा शुरू करें।

    • जल, पंचामृत, चंदन, अक्षत, फूल, दूर्वा और अन्य सामग्रियों से पूजा करें।

    • सूर्यास्त के पहले फिर से पूजा करें।

    • रात में चंद्रमा दर्शन कर के अर्घ्य दें और चंद्रमा की भी पूजा करें।

    • फल एवं मिठाईयों का नैवेद्य लगाएं और प्रसाद बांट दें।


    कांगड़ा दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री सुक्खू, नई दिल्ली से पहुंचेंगे बैजनाथ


    हरिपुर : नंदपुर भटोली में पौंग डैम में डूबा चंबा का युवक


    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather