सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर किया रिकॉर्ड
चंबा। हिमाचल के चंबा जिला में फिर भूकंप रिकॉर्ड किया गया है। भूकंप सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर दर्ज किया गया। तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2.7 आंकी गई है। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। इस माह आठ दिन में चंबा में तीन बार भूकंप आ चुका है। 14 जनवरी को दो बार भूकंप रिकॉर्ड किया गया था।
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बता दें कि 14 जनवरी को भी हिमाचल के कांगड़ा और चंबा जिला में भूकंप (Earthquake) आया था। पहले कांगड़ा जिला में धरती डोली। इसके बाद चंबा में झटके महसूस हुए। कांगड़ा जिला के धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप के झटके महसूस हुए थे। यानी चंबा की तरफ के क्षेत्र में भूकंप आया था।
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कांगड़ा जिला में धर्मशाला से 8 किलोमीटर ईस्ट में सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर 2.8 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) रिकॉर्ड किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। इससे करीब सात मिनट बाद चंबा में सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर भूकंप आया था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 आंकी गई था। इसका केंद्र जमीन में 5 किलोमीटर नीचे था। धर्मशाला से 22 किलोमीटर ईस्ट में भूकंप रिकॉर्ड हुआ था। 14 जनवरी को ही दोपहर करीब 12 बजकर 11 मिनट पर चंबा में फिर 2.6 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया।
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हिमाचल में पिछले दो माह में 12 बार भूकंप रिकॉर्ड किया जा चुका है। इससे पहले 9 जनवरी को बिलासपुर में 2.3 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप (Earthquake) रात 12 बजकर 42 मिनट दर्ज किया गया। 3 जनवरी को सोलन में सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर धरती कांपी। तीव्रता 2.7 रही। 31 दिसंबर को मंडी में सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर 2.8, 26 दिसंबर को कांगड़ा में सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर 2.8, 21 दिसंबर को लाहौल स्पीति में दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर 2.6 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया। किन्नौर में 16 दिसंबर को रात 10 बजकर 2 मिनट पर 2.8 और चंबा में 9 दिसंबर को रात 11 बजकर 30 मिनट पर 2.8 और चंबा में 3 दिसंबर को रात 12 बजकर 38 मिनट पर 3.4 रिक्टर स्केल का भूकंप आंका गया।
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भूकंप आने पर क्या करें
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप (Earthquake) आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप आने पर क्या ना करें
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और भूकंप के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाईओवर पर गाड़ी खड़ी न करें। अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें। अगर आप भूकंप (Earthquake) के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। घर में हैं तो चले नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं। अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।