शिमला। भगवान विश्वकर्मा के वंशज कहे जाने वाली विश्वकर्मा जाति के तहत लोहार, बढ़ई, तांबाकार, सुनार और मूर्तिकार आते हैं। आज के समय में ये सभी वर्ग बिखरे स्वरूप में हैं जिनको संगठित करने का काम कर रही है देव भूमि श्री विश्वकर्मा महासभा।
देवभूमि श्री विश्वकर्मा महासभा हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष केवल राम सरांटा का कहना है कि एक होने के बावजूद विश्वकर्मा जाति को विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो कि सही नहीं है।
उन्होंने सरकार से अपील की है कि इन सभी वर्णों को एक ही कैटेगिरी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में रखा जाए। इसी के साथ उन्होंने ये भी मांग की है कि सरकार द्वारा अन्य जातियों की हितों की रक्षा के लिए गठित कल्याण बोर्ड की तरह ही विश्वकर्मा के तहत जातियों के लिए भी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।