मिशन डिनोटिफाई के खिलाफ हिमाचल भाजपा का बड़ा फैसला, कार्यसमिति में हुआ तय
ewn24news choice of himachal 14 Feb,2023 2:58 pm
कल से शुरू होगा हस्ताक्षर अभियान, 25 तक चलेगा
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार के मिशन डिनोटिफाई के खिलाफ भाजपा मुखर है। भाजपा ने विरोध को लेकर आगामी रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा ने 15 से 25 फरवरी तक मंडल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। 25 फरवरी से 5 मार्च तक केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के बड़े नेताओं का जिला प्रवास रहेगा। वह जिला केंद्रों पर आयोजित होने वाली जिला स्तरीय रोष रैलियों में भाग लेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा की जिस प्रकार से कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थानों को बंद कर जनता को भारी असुविधा पहुंचाने का कार्य किया है, उसका भाजपा विरोध करती है और कड़ी निंदा करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक दल और भाजपा कार्यसमिति में यह तय हुआ कि भाजपा मंडल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से कांग्रेस सरकार के तुगलकी फरमानों का जवाब देगी। इसको लेकर प्रत्येक मंडल में बैनर लगाकर भाजपा हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। हर चौक पर कुर्सी, माइक और बैनर लगाकर भाजपा विरोध प्रदर्शन करेगी। इस अभियान के प्रदेश संयोजक भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं श्री नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा रहेंगे।
उन्होंने बताया कि 15 से 25 फरवरी तक भाजपा मंडल स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। जिला स्तर पर भाजपा आम जनता के साथ घर-घर जाकर भी हस्ताक्षर अभियान के कार्यक्रम को चलाया जाएगा। जनता में इसको लेकर काफी रोष है और इससे कह कर जगह जगह पर एसडीएम या जिला उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा जाएगा।
इसके उपरांत 25 फरवरी से 5 मार्च तक नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व मंत्री, विधायक और केंद्रीय मंत्रियों का प्रवास जिला स्तर पर रहने वाला हैं, जहां वह जिला केंद्रों पर आयोजित होने वाली जिला स्तरीय रोष रैलियों में भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने कार्यालय एक साथ किसी सरकार ने बंद कर दिए और ऐसे कार्यालय भी बंद कर रहे हैं, जहां पर सरकारी कर्मचारी कार्यरत था। आज जनता को यह कार्यालय बंद होने से बहुत असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
कहीं तो लोगों को पीएचसी, बीडीओ कार्यालय और आईपीएच के कार्यालयों के बंद होने से लोगों को 30 से 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। यह सफर अपनी समस्याओं को समाधान करने के लिए करना पड़ रहा है। सुविधा अगर घर द्वार पर हो तो जनता को सुविधा प्राप्त होती है। अगर वह दूर हो तो उससे भारी असुविधा का सामना आम जनता को करना पड़ता है।