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हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन, क्या-क्या हुआ, पढ़ें

सुबह 11 बजे शुरू हुई सदन की कार्यवाही

धर्मशाला। कांगड़ा जिला के धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था। आखिरी दिन की कार्यवाही भी सुबह 11 बजे शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा नेता विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले कल राज्यपाल अभिभाषण देने आए तो सूची में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का नाम नहीं था।

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इस बारे सदन के नेता ने पहले क्यों नहीं विचार किया। ये बातें छोटी छोटी होती हैं और ज्यादा महत्वपूर्ण प्रतीत नहीं होती हैं। लेकिन यदि हम सामूहिकता में विश्वास रखते हुए विपक्ष को भी अपने साथ रखने की मंशा रखते हैं तो यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक बहुत बड़ा लैप्स है। ये हमारी परंपराएं हैं, इनको हमें जीवित रखना है।

मैं (विपिन परमार) यह भी कहना चाहता हूं कि नई सरकार बनने पर कार्यकर्ताओं में भी उत्साह होता है। शपथ ग्रहण वाले दिन अनगिनत पास जारी कर दिए गए और यहां दर्शक दीर्घा में तालियां बजती रहीं। दर्शकों को मोबाइल अंदर लाने की अनुमति कैसे दी गई, जबकि सदस्यों के मोबाइल अंदर नहीं आते हैं। यहां पर फोटो और वीडियो बनाई गईं, उनको पोस्ट करने के बाद उन पर कमेंट आ रहे हैं। यहां पर उस दिन (सत्र के पहले दिन) ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रभारी भी आए थे। हम उनका स्वागत करते हैं। मगर वह ऑफिसर गैलरी में आकर बैठ गए। मैं कोई आलोचना नहीं कर रहा हूं, लेकिन प्रशासन क्या कर रहा था। ये छोटी छोटी बातें हैं पर परंपराओं के अनुसार इन पर ध्यान देना चाहए।

अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदस्य ने जो व्यवस्था का प्रश्न उठाया है, उसके दो पार्ट हैं। उसमें यह भी है कि राज्यपाल का अभिभाषण हुआ तो प्रोटोकॉल के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष ने उनको न रिसीव किया और न प्रोसैशन में शामिल हुए। मैं यह कहना चाहूंगा कि यह जो सारी व्यवस्था है गवर्नर सचिवालय से ही आती हैं। नेता प्रतिपक्ष को भी बुलाने की परंपरा को आने वाले समय में जारी रखा जाएगा। साथ ही यह भी आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि विधानसभा के अंदर लॉ एंड आर्डर की स्थिति को मेंटेन करने की बात है उसको हम पूरी तरह से मेंटेन करना सुनिश्चित करेंगे।

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इसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कागजात सभा पटल पर रखे। फिर डिप्टी सीएम मुकेश  अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2023( 2023 का विधेयक संख्यांक  को विचार करने के लिए पेश किया। बाद में विधेयक पास किया गया। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने सदस्यों को बताया कि यह  बिल जो हम सदन में लाए हैं, यह बिल आपके समय (भाजपा सरकार) समय का है।

पिछले पांच साल में आपकी सरकार (भाजपा की सरकार) थी और आपकी परंपराओं के मुताबक हम इस बिल को लेकर आए हैं। इस साल के अंत तक 74,622 करोड़ रुपए कर्ज प्रदेश के ऊपर है। विपक्ष के साथी इस आंकड़े को जरूर नोट कर लें। आपके समय (भाजपा सरकार) का 26,716 करोड़ रुपए का कर्ज इस साल के अंत तक बनेगा। इसलिए एफआरबीएम एक्ट में संशोधन लाया जा रहा है। भारत सरकार ने इसे संशोधिक करने के ले कहा हैय़ केद्र सरकार का आग्रह है और आपके शासन के जो कर्ज हैं उसके हिसाब से यह बिल आया है।

इसके बाद हिमाचल प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2023(2023 का विधेयक संख्यांक 2) भी पारित किया गया। फिर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद अभिभाषण पारित किया गया। सत्र समापन की घोषणा से पहले हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि सदन की बैठक कुल 9 घंटे चलीं। इसमें तीन बैठकें हुईं। उन्होंने सत्ता पक्ष, कांगड़ा जिला प्रशासन, हिमाचल के अधिकारियों, पर्यटन निगम के अधिकारियों/कर्मचारियों और मीडिया का आभार व्यक्त किया।  4 बजकर 22 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

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