Categories
TRENDING NEWS Top News Himachal Latest Shimla State News

हिमाचल : IGMC में सिखाई जा रही शल्य चिकित्सा की बारीकियां

तीन दिवसीय फैलोशिप प्रोग्राम में देशभर से पहुंचे 200 सर्जन

शिमला। आईजीएमसी शिमला द्वारा इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रो इन्टेस्टाइनल एण्डो सर्जियन (आईएजीईएस) के संयुक्त तत्वावधान में सर्जरी के क्षेत्र में तीन दिवसीय फैलोशिप प्रोग्राम और सम्मेलन आज से आरंभ किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भाग लिया।

शिमला में तीसरी आँख का पहरा : हर व्यक्ति पर रहेगी CCTV की नजर

erson/इस सम्मलेन में राज्यपाल ने कहा कि ऐसे राष्ट्रीय सम्मेलन से स्वास्थ्य और शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में किस प्रकार से नई टेक्नोलॉजी और ज्ञान का इस्तेमाल किया जा सकता है इस पर विचार किया जाएगा और प्रशिक्षु डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने में लाभ होगा उन्होंने बताया कि एलोपैथी और नई तकनीकों के साथ-साथ हमारी संस्कृति में पुराने समय से उपलब्ध चिकित्सीय ज्ञान को संजोने और बढ़ाने की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य चिकित्सा के तहत एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी के सिवा हमारे संस्कृति मे बहुत से ऐसे विधाएं है जो स्थानीय स्तर पर है और उन्हें पहचानने व अपनाने की जरूरत है।

HPBose : शीतकालीन स्कूलों की 8वीं कक्षा की परीक्षा तिथियों में बदलाव

राज्यपाल ने लाहौल-स्पीति की प्राचीन पद्धति किमची और कांगड़ा की कान-गढ़ा चिकित्सा का उल्लेख करते हुए कहा कि हिमाचल मे ऐसे बहुत ज्ञान और प्राचीन पद्धतिया है जो दर्शाती हैं कि चिकित्सा के क्षेत्र में कितना व्यापक ज्ञान प्राचीन समय से ही उपलब्ध है।

राज्यपाल ने कहा कि आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने मे ऐसे सम्मेलन मदद करते है जिनमे हम विचार करते हैं किस प्रकार नयी टेक्नोलॉजी और ज्ञान का इस्तेमाल चिकित्सा क्षेत्र में किया जाए। जिससे आम जनमानस को लाभ हो।

वायु सेना की अग्निवीर भर्ती के लिए करें ऑनलाइन पंजीकरण, यह लास्ट डेट

इस सम्मेलन में देश भर से लगभग 200 प्रतिष्ठित शल्य चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं। आईआईएमसी के शल्य चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ आरएस जोबटा ने बताया कि फैलोशिप कार्यक्रम में शल्य चिकित्सा की बारीकियों और नई तकनीकों के लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाएगा और खास बात यह है कि हिमाचल के लगभग 90% सर्जन इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

इससे हिमाचल में शल्य चिकित्सा के नई तकनीकों का इस्तेमाल बेहतर ढंग से किया जा सकेगा और प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में भी यह डॉक्टर लोगों को बेहतर सुविधाएं दे पाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में प्रतिभागियों के लेप्रोस्कोपिक कौशल को निखारने तथा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की नई चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *