Cyber Crime पर मोदी सरकार का बड़ा हमला, I4C से हो रही तगड़ी चोट - पढ़ें खबर
ewn24news choice of himachal 06 May,2024 5:58 pm
राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 बन रहा मददगार
नई दिल्ली। आधुनिक भारत की तस्वीर बदल रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जो डिजिटल इंडिया का सपना देखा था, उसका फायदा लोगों को मिल रहा है। अब अधिकतर हाथों में स्मार्ट फोन है। इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मोटे मोटे आंकड़ों पर गौर करें तो देश में 83 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। डिजिटल लेन देन में बढ़ोतरी हुई है। लोगों को बैंक और एटीएम जाने की जरूरत नहीं रही है। यूपीआई या अन्य माध्यम से तुरंत कैशलेस भुगतान कर सकते हैं। घर बैठे ही एक क्लिक से पैसा एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाता है।
बड़े से बड़े दुकानदार से लेकर छोटे से रेहड़ी फड़ी वाले ने भी डिजिटेल लेन देन को अपनाया है। पर इसका एक चिंताजनक पहलू भी है, जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। यह है साइबर हमले। सबसे बड़ी चुनौती साइबर सिक्योरिटी है। अक्सर सवाल उठता है कि आखिर साइबर अपराध पर लगाम कैसे लगेगी।
दूसरी तरफ, केंद्र की मोदी सरकार भी साइबर सेफ इंडिया को लेकर गंभीर है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ठान लिया है कि साइबर सिक्योरिटी में भारत को अग्रिम पंक्ति में खड़ा किया जाएगा। इसके चलते ही पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की साइबर सेफ इंडिया पहल गृह मंत्रालय की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
इस कड़ी में जनवरी 2020 में गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर अपराधों से लड़ने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र यानी I4C और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल का उद्घाटन किया था। इसके माध्यम से लोग साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं।
गृह मंत्रालय के दावे के अनुसार भारत में वित्तीय धोखाधड़ी का सामना कर रहे लगभग 50,000 नागरिकों की सहायता की जा रही है। लगभग 4.3 लाख पीड़ितों ने I4C की मदद से 11.27 करोड़ रुपये बचाए हैं।
I4C ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों आदि के अधिकारियों को साइबर स्वच्छता प्रशिक्षण प्रदान किया है। साथ ही 17,000 से अधिक एनसीसी कैडेटों को भी प्रशिक्षण दिया है। अब तक 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक कम परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं।
यही नहीं 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की गई 3.2 लाख से अधिक सिम कार्ड और 49000 IMEI को भारत सरकार द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है।
I4C की एक और पहल राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 आम नागरिक को ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी दर्ज करने में मदद कर रही है। राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर हर दिन लगभग 50,000 कॉल आती हैं।
2019 में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल लॉन्च किया गया था। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अब तक 29 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। साइबरदोस्त सोशल मीडिया हैंडल भी आपकी मदद कर सकता है।
भारत ही नहीं पूरा विश्व साइबर सिक्योरिटी के लिए परेशान है। इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत के युवाओं पर भरोसा जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक जितने भी राजनेताओं से मिले हैं, उनमें से 25-30 राजनेताओं की चिंता साइबर सिक्योरिटी रही है।
क्या भारत का युवा साइबर सिक्योरिटी में फूल प्रूफ इनोवेशन ला सकता है, ताकि दुनिया चैन की नींद सो सके। पीएम मोदी का कहना है कि यह बहुत बड़ा मार्केट होगा। क्योंकि दुनिया की सारी ताकत को साइबर सिक्योरिटी की जरूरत खड़ी हुई है।
वहीं, 05 मई 2024 को द संडे गार्डियन में रमीश कैलासम, जो देश के जाने माने emerging technology and cyber security के जानकार हैं, उनका एक लेख छपा है। उनके अनुसार "साइबर सुरक्षा के प्रति भारत का प्रयास ऐसे समय में बहुत महत्त्व रखता है, जब देश शीर्ष तीन सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं में से एक बनने के लिए खुद को आगे बढ़ा रहा है।