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हिमाचल हाईकोर्ट में डिप्टी सीएम और CPS मामले में अब 19 जून को होगी सुनवाई

ewn24news choice of himachal 20 May,2023 12:42 am

    तीन सीपीएस को नहीं मिले हैं नोटिस, इसलिए कोर्ट ने दिया समय

     

    शिमला। डिप्टी सीएम व  6 मुख्य संसदीय सचिव (CPS) बनाए जाने के मामले को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। पिछले सुनवाई में हाईकोर्ट ने सरकार, डिप्टी सीएम सहित 6 CPS को नोटिस जारी किए थे। तीन सीपीएस को नोटिस नहीं पहुंचे हैं, ऐसे में उन्हें जवाब देने के लिए अगली सुनवाई 19 जून को रखी गई है। मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी। इस मामले में भाजपा के दस विधायकों द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
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    भाजपा की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील सत्यपाल जैन ने कहा कि आज सुनवाई में सरकार की तरफ से एजी व डिप्टी सीएम के वकील कोर्ट में हाजिर हुए हैं। तीन सीपीएस  को नोटिस न मिलने के बाद उन्हें 19 जून तक रिप्लाई के लिए समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। कुल विधानसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत ही मंत्री बना सकते हैं।

    कांग्रेस सरकार ने असंवैधानिक तरीके से नौ मंत्री व छ संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। उन्होंने कोर्ट में दलील पेश की है कि अनुच्छेद 191 व 164 के तहत सर्वोच्च न्यायालय ने असम में फैसला सुनाया है कि किसी भी राज्य को मुख्य संसदीय सचिव बनाने व उनके संबंध में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। सांबा मणिपुर में सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द किया था।
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    संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री व मंत्री बनाए जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति असंवैधानिक है। 19 जून को इस पर कोर्ट में बहस होगी। सत्यपाल जैन ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों को मंत्रियों की सुविधा मिल रही है, ऐसे में यह सरासर नियमों के खिलाफ है। सीपीएस की नियुक्ति मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर भी अध्ययन कर रहे हैं। यदि यह मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट हुआ, तो मुख्य सचिवों को विधायक के तौर पर भी अपनी सदस्यता गंवानी पड़ेगी।
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