राकेश चंदेल/बिलासपुर। हिमाचल के बिलासपुर जिला के श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) बैहल में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सही प्रकार से नहीं मिल पा रही हैं। इस पीएचसी से बैहल और कौड़ा आदि पंचायतों के सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलती है। केंद्र में एक महिला चिकित्सक तैनात है, लेकिन डॉक्टर को डेपुटेशन पर अन्य जगहों पर भी सेवाएं देनी पड़ रही हैं। ऐसे में चिकित्सक नियमित रूप से बैहल पीएचसी नहीं पहुंच पाती हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि केंद्र में तैनात एकमात्र डॉक्टर के नियमित न मिलने से बीमार और आपातकालीन मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। एक ग्रामीण ने कहा, "डॉक्टर के बिना यह अस्पताल सिर्फ एक इमारत बनकर रह गया है। हमें मजबूरी में मरीजों को निजी अस्पताल या जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से बैहल पीएचसी में एक अतिरिक्त स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति की मांग की है, जिससे क्षेत्रवासियों को समय पर चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
पीएचसी बैहल में तैनात डॉक्टर तन्वी पठानिया ने बताया कि उन्हें महीने में चार से छह दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) घवांडल में 24 घंटे की ड्यूटी करनी होती है, जिसके बाद ‘नाइट ऑफ’ मिलता है। इसके अलावा श्री नैना देवी मेले और टोबा पीएचसी में भी ड्यूटी लगती है। फुर्सत मिलने पर ही वह बैहल पीएचसी में सेवाएं दें पाती हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बिलासपुर डॉ. शशि शर्मा ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। जल्द ही इस पर कार्रवाई करते हुए वहां किसी अन्य डॉक्टर की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोगों को परेशानी न हो।