कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के थुरल पंचायत के हलू गांव निवासी अग्निवीर नवीन कुमार का अंतिम संस्कार शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। बलिदानी नवीन को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे। चचेरे भाई ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
इससे पहले कारगिल के द्रास सेक्टर में भूस्खलन की चपेट में आने से जान गंवाने वाले अग्निवीर नवीन कुमार (25) की पार्थिव देह आज सुबह उनके घर पहुंची। वीरवार शाम देह पालमपुर आर्मी कैंप पहुंचा दी गई थी जहां से सुबह उसे गांव लाया गया।
जैसे ही शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची तो पूरा गांव नवीन कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा। परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। शहीद की मां अयोध्या देवी बेटे के शव से लिपटकर बिलख पड़ीं। शहीद नवीन कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए गांव में जनसैलाब उमड़ पड़ा।
आसपास के गांवों से भी लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। कुछ ही देर में नवीन कुमार का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। शहादत से कुछ घंटे पहले नवीन कुमार ने अपनी मां आयोध्या देवी से फोन पर बात की थी।
उन्होंने कहा था कि मां, मैं सितंबर में छुट्टी लेकर आऊंगा। मेरे लिए लड़की देख लेना, शादी की तारीख भी पक्की कर लेना नहीं तो आपको अकेले रहना पड़ेगा। लेकिन कौन जानता था कि यह उनकी आखिरी बातचीत होगी। मां का सपना था कि बेटे की बारात निकले, लेकिन आज तिरंगे में लिपटी उसकी अंतिम यात्रा निकली।
नवीन कुमार दो साल पहले भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल यूनिट में भर्ती हुए थे। देशसेवा का जज़्बा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था। उनके पिता 13 जैक राइफल में हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। लेकिन पांच साल पहले कैंसर के कारण उनका निधन हो गया था। नवीन अपने परिवार में अकेले बेटे थे।
उनकी एक बहन शिवानी है जिसकी शादी एक साल पहले हुई थी। शहीद नवीन कुमार अपने पीछे मां आयोध्या देवी, दादा भूमि राम और दादी चंपा देवी को छोड़ गए हैं। उधर, नवीन की शहादत के चलते आज थुरल का पूरा बाजार बंद रहेगा। स्थानीय व्यापारियों ने शहीद के सम्मान में यह निर्णय लिया है।