पालमपुर। न्यूगल नदी के किनारे कचरे की डंपिंग को लेकर जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए मामले को बंद कर दिया है। यह याचिका एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन के तहत स्वतः संज्ञान लेते हुए शुरू की गई थी।
हाईकोर्ट ने ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र (SWM Plant), पालमपुर द्वारा किए गए प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कई बार निरीक्षण और स्टेटस रिपोर्ट्स मंगवाईं। प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि संयंत्र से निकलने वाला तरल अपशिष्ट वर्षा जल के साथ मिलकर सीधे न्यूगल नदी में जा रहा था, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा था।
परंतु समय के साथ अदालत के निर्देशों के अनुपालन में पालमपुर नगर निगम ने ठोस कदम उठाए। संयंत्र में ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर मशीनें और ट्रॉमेल मशीन को सक्रिय किया गया, नालियों और सोख गड्ढों का निर्माण हुआ और कचरे से निकलने वाले तरल को रोकने के लिए विशेष ड्रेनेज प्रणाली विकसित की गई। रिपोर्ट के अनुसार, अब संयंत्र लगभग 2500 मीट्रिक टन कचरा साफ कर चुका है और 1100 मीट्रिक टन RDF सीमेंट फैक्ट्रियों को भेजा जा चुका है।
पालमपुर विधायक आशीष बुटेल ने पालमपुर की स्वच्छता व्यवस्था में सुधार के लिए महापौर, सभी पार्षदों और सफाई कर्मचारियों की टीम के प्रयासों की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक प्रयास पालमपुर को एक स्वच्छ और हरित नगर बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। नगर निगम की कार्यशैली आज उदाहरण बन रही है।
मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि अब चूंकि याचिका का उद्देश्य पूरा हो चुका है, इसलिए इसे बंद किया जाता है। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में संयंत्र संचालन में कोई लापरवाही सामने आती है, तो प्रभावित लोग दोबारा याचिका दाखिल कर सकते हैं।