मंडी। विशेष न्यायाधीश-1, मंडी की अदालत ने एक अहम मामले में फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को दोषी करार दिया है।
दोषी नेता सिंह पुत्र श्याम लाल निवासी गांव ढलवानी डाकघर लागधार तहसील कोटली जिला मंडी व हुक्कम सिंह पुत्र बेली राम, निवासी गांव धवान डाकघर कोट तुंगल तहसील कोटली जिला मंडी हिमाचल प्रदेश को बड़ी मात्रा में चिट्टा रखने के दोष में 2 वर्ष के साधारण कारावास के साथ 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोषियों को 3 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने बताया कि 01 जनवरी 2020 को पुलिस थाना सदर की एक पुलिस टीम नियमित गश्त आदि के लिए मंडी शहर के लिए रवाना हुए। करीब सुबह 11:15 बजे सकोडी पुल से थोड़ा आगे जेल रोड में मस्जिद के पास पहुंचे तो सूचना मिली की रत्न ज्वलर्स की इमारत में दूसरी मंजिल में दो व्यक्ति रह रहे हैं, जो मिलकर चिट्टा बेचने का काम करते हैं।
उक्त गवाहों के साथ कमरे के दरवाजे के पास पहुंच कर दरवाजा खटखटाया तो कमरे से दो व्यक्ति दरवाजे पर आए और उनका नाम व पता पूछा गया। पुलिस द्वारा पूछने पर आरोपियों ने अपना नाम और पता नेता सिंह पुत्र श्याम लाल व हुक्कम सिंह पुत्र बेली राम बताया।
उक्त आरोपियों के कमरे की तलाशी लेने पर एक पॉलिथीन पाउच वरंग सफेद गांठ लगा बरामद हुआ, जिसे खोलकर देखा गया तो उसमें मटमैला सफेद रंग दो ठोस नुमा टुकड़े वाला पदार्थ प्राप्त हुआ। ठोस पत्थर नुमा टुकड़े से थोड़ा-थोड़ा पदार्थ खुरच कर निकाला और ड्रग डिटेक्शन किट से जांचने पर वह पदार्थ हेरोइन (चिट्टा) पाया गया, जिसका कुल भार 13.16 ग्राम था। इस मामले में जांच पूरा होने पर थाना अधिकारी ने मामले के चालान को न्यायालय में पेश किया।
जिला न्यायवादी मंडी ने यह भी बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 15 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषियों को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 21, 29 के तहत 2 वर्ष के साधारण कारावास के साथ 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माना न देने पर दोषियों को 3 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। दोषियों को सजा सुनाते समय न्यायालय ने जब दोनों पक्षों की दलीलों को सुना तो, अभियोजन पक्ष की तरफ से यह विशेष दलील दी गई कि यह अपराध समाज के खिलाफ है और युवा पीढ़ी को पतन की ओर धकेल रहा है।
जिला न्यायवादी ने यह भी कहा कि चिट्टे जैसा नशा हमारी युवा पीढ़ी को दीमक की तरह भीतर ही भीतर खोखला कर रहा है, यह एक इस किस्म का नशा है, जो एक बार इसको इस्तेमाल करता है तो वह हमेशा के लिए इसके चंगुल में फंस जाता है। यह मामला न केवल एक अपराधी को सजा दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में नशे के खिलाफ एक कड़ा संदेश देने का कार्य भी करता है।