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सोलन: घर लौटी पहाड़ की बेटी बलजीत कौर, मां के छलके आंसू, क्या बोलीं-पढ़ें खबर

ewn24news choice of himachal 30 Apr,2023 3:55 am

    दिल्ली से शनिवार को सीधे सोलन के एक निजी होटल पहुंचीं

    सोलन। मौत को मात देने वाली पहाड़ की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर घर पहुंची। बेटी को देखकर मां शांति देवी की आंखें भर आईं। मां ने अपनी बहादुर बेटी को गले लगाया। पर्वतारोही बलजीत कौर दिल्ली से शनिवार को सीधे सोलन के एक निजी होटल पहुंचीं। जहां पर उनकी माता शांति देवी और अन्य परिजन पहले से मौजूद थे। इस मौके विभिन्न संस्थाओं ने बलजीत कौर को सम्मानित भी किया।
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    मीडिया से बातचीत में बलजीत कौर ने कहा कि ट्रैकिंग एजेंसी की लापरवाही से ही उनके साथ हादसा हुआ। बीते 16 अप्रैल को वह नेपाल की अन्नपूर्णा पहाड़ी के लिए रवाना हुई थीं। 17 अप्रैल को उसके साथ मौजूद शेरपा बीच रास्ते में छोड़कर चला गया। कुछ दूरी पर जाने के बाद एक अन्य शेरपा कंपनी द्वारा भेजा गया।

    करीब 36 घंटे का सफर तय करने के बाद 17 अप्रैल को शाम 6 बजे वह माउंट अन्नपूर्णा पर पहुंचीं। वह और उनके साथ शेरपा दोनों थके हुए थे। शेरपा दो दिन पहले ही एक अन्य चोटी पर जाकर आया था। अन्नपूर्णा पहाड़ी से लौटते वक्त भी वह थकी हुईं महसूस कर रही थीं। शेरपा एक अन्य पर्वतारोही की सहायता के लिए चला गया।
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    वह अकेली चलती रहीं। 10 मीटर चलने के बाद वह आराम करती। इसके बाद फिर सफर शुरू करतीं। बलजीत ने कहा कि तेज बर्फीला तूफान चल रहा था। थकान की वजह से देर रात नींद आ गई।

    18 अप्रैल की सुबह उनकी नींद खुली। उस वक्त करीब आठ बजे थे। वह वहां पर अकेली थीं। उन्होंने सुरक्षा रस्सी को नहीं छोड़ा था। सुरक्षा रस्सी के सहारे आगे बढ़ती रहीं।
    अपने मोबाइल के एप से रेस्क्यू टीम से सहायता लेने को सैटेलाइट सिग्नल भेजा। करीब पांच घंटे बाद रेस्क्यू दल उनके पास पहुंचा। उस वक्त दोपहर के करीब 1 बजे थे।

    वह 48 घंटे तक बर्फ में रहीं। जो प्रशिक्षण प्राप्त किया था, वह इस खतरे के बीच काम आया। इसी वजह से वह आज जिंदा हैं। बलजीत ने कहा कि वह भविष्य में भी इस प्रकार की यात्राएं जारी रखेंगी। पर अभी कुछ माह आराम करेंगी।







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