हिमाचल : हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने वाला विधेयक संसद में पास
ewn24news choice of himachal 10 Dec,2022 4:28 pm
अब सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार
शिमला। हिमाचल में जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के लिए खुशखबरी है। संसद ने गिरीपार क्षेत्र के हाटी इलाके को जनजातीय दर्जा दिए जाने को लेकर पेश किए गए विधेयक को ध्वनि मत से पास कर दिया है। गिरिपार को जनजाति क्षेत्र घोषित करवाने में शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर का योगदान रहा है। हालांकि वह इस मुद्दे को सिरे चढ़ाने में कामयाब हो गए, लेकिन चुनाव हार गए।
शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने का विधेयक संसद में रखा, जिसे देश की संसद ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
गौर हो कि 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी थी, लेकिन जब तक संसद से मंजूरी ना मिलने पर विधेयक लागू नहीं हो सकता। आज देश की संसद ने हाटी विधेयक को मंजूरी दे दी है जिससे जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की 155 पंचायत के लोगों को लाभ मिलेगा।
बता दें कि वर्ष 1967 में हिमाचल के साथ लगता उत्तरांचल के बाबर जौनसार इलाके को जनजाति का दर्जा दिया गया है। तब से लेकर आज तक गिरिपार क्षेत्र की जनता अपने भले ही हाटी मुद्दे का भारतीय जनता पार्टी को कोई चुनावी लाभ नहीं मिला है, लेकिन भाजपा ने इसे मंजूरी देकर जनता को तोहफा दिया है।
देश की संसद में शीतकालीन सत्र में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसे संसद के समक्ष रखा जिसे देश की संसद ने ध्वनिमत से पारित कर जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी कबीले की मांग को पूरा कर दिया है।
संसद से मंजूरी मिलने के बाद बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा और राष्ट्रपति से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद जिला सिरमौर 3 लाख आबादी को इसका लाभ मिलना आरंभ होगा। यह लाभ केवल 1.60 लाख लोगों को मिलना है, क्योंकि अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले समुदाय को एसटी से बाहर रखा गया है।