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हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुक्खू सरकार का ये प्लान-पढ़ें विस्तार से

निवेश आकर्षित करने के लिए लाई जाएगी विशेष नीति

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, हाइड्रो और खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष नीति ला रही है, ताकि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को कर्ज के बोझ से बाहर निकालकर राज्य को प्रगति और समृद्धि के पथ अग्रसर करने के लिए कर्मचारियों और समाज के हर वर्ग क सक्रिय सहयोग वांछित है।  मुख्यमंत्री ने यह बात शिमला के समीप घंडल में हिमाचल प्रदेश विधि विश्वविद्यालय के ‘ऋषिका संघमित्रा’ कन्या छात्रावास का शिलान्यास करने के बाद संबोधन में कही।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति न्यायमूर्ति अमजद ए. सईद ने आज शिमला के समीप घंडल में हिमाचल प्रदेश विधि विश्वविद्यालय के ‘ऋषिका संघमित्रा’ कन्या छात्रावास का शिलान्यास किया। इस छात्रावास के निर्माण पर लगभग 14.50 करोड़ की धनराशि व्यय की जाएगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार इस कन्या छात्रावास के निर्माण के लिए पर्याप्त अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से छात्रों की सुविधा के लिए एक ब्वॉयज हॉस्टल निर्मित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस छात्रावास के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होते ही 5 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करेगी। उन्होंने विद्यार्थियों को आवास की बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को छात्रावास के अच्छे डिजाइन तैयार करने को कहा।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का भारी वित्तीय बोझ है। इसके बावजूद राज्य सरकार बेहतर अधोसंरचना स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय को विस्तार प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 25 बीघा भूमि के लिए वन स्वीकृतियां शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के सहयोग से हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के प्रथम आग्रह पर ही विधि विश्वविद्यालय का दौरा किया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया ताकि यह विधि विश्वविद्यालय देश का प्रतिष्ठित और उत्कृष्ट संस्थान बनकर उभरे।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद ए. सईद ने इस अवसर पर कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का क्षण है कि विश्वविद्यालय परिसर में एक विश्व स्तरीय कन्या छात्रावास बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के उचित संरक्षण और सहयोग से ही शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को छात्र और छात्राओं के लिए लगभग छह छात्रावासों निर्मित करने के लिए अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में बेहतर अधोसंरचना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निष्ठा जसवाल ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय की कुछ मांगों को भी विस्तार पूर्वक उठाया।  राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एस.एस. जसवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव विधि राजीव भारद्वाज, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के चीफ आर्किटेक्ट राजीव शर्मा, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग सुरेश कपूर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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