बीते कुछ दिनों से महिला आरक्षण सहित कई विधेयकों की चर्चा जोरों पर है। सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद बोलने के लिए खड़े हुए अधीर रंजन चौधरी ने मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल पारित करने की मांग की थी।
इस बात की अटकलें लगाई जा रहा थीं कि सरकार संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल ला सकती है। हालांकि, सरकार ने इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने महिला आरक्षण बिल लाने की मांग करते हुए लोकसभा के अंदर और बाहर गांधी मूर्ति पर प्रदर्शन भी किया था।
बीजेपी सहित कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी कहा कि वे लंबे समय से महिला आरक्षण की मांग कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने विशेष सत्र के दौरान कहा था कि नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक को पेश और पारित किया जाए। इसमें देर नहीं होनी चाहिए।
आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इसी में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ट्वीट कर बताया कि महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस केवल मोदी सरकार में था। कैबिनेट की मंजूरी से यह साबित हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार को बधाई।
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है। विधेयक में 33 फीसदी कोटा के भीतर एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव है।