राकेश/शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देकर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिससे उन्होंने कर्मचारी हितैषी नेतृत्व का परिचय दिया। इस सराहनीय पहल के लिए समस्त कर्मचारी वर्ग राज्य सरकार का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता है।
हालांकि, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि पूर्व में प्राप्त समस्त कर्मचारी अधिकारों को भी यथावत बनाए रखा जाना चाहिए। इस विषय में महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष संजीव शर्मा ने क्रमिक अनशन के दौरान बयान जारी करते हुए सरकार और शिक्षा विभाग से सौहार्दपूर्ण वार्ता की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाते हुए व्यापक स्तर पर संवाद आवश्यक है, ताकि शिक्षकों की समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान हो सके। साथ ही, 26 अप्रैल 2025 को आयोजित धरना प्रदर्शन के बाद जिन शिक्षकों पर की गई प्रतिशोधात्मक कार्रवाइयाँ जैसे निलंबन और पुलिस FIR दर्ज की गई, उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।
संजीव शर्मा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां संविधान द्वारा विरोध करने और शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है। ऐसे में आंदोलनों के जवाब में दमनकारी कार्रवाई करना पूर्णतः अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। उन्होंने सरकार से इन कार्रवाइयों को बिना देरी के वापस लेने की मांग की।