रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स फेडरेशन ने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 59 वर्ष करने के मुद्दे को शीघ्र निरस्त करने की मांग उठाई है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष हिम्मत राम शर्मा, महासचिव टीडी ठाकुर, वरिष्ठ उप प्रधान अमर नाथ धीमान, वित्त सचिव डीडी शर्मा, डॉ सदाराम शर्मा, राजकुमार सोम प्रकाश संख्यान, अनिल गौतम, बिशन दास, सोहन लाल, चमन लाल शर्मा व समस्त प्रदेश कार्यकारिणी एवं समस्त जिला अध्यक्षों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं सभी कैबिनेट मंत्रियों से आग्रह किया है कि पांच मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 59 वर्ष करने के मुद्दे को शीघ्र निरस्त करें क्योंकि सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से 59 वर्ष करना प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ घोर अन्याय एवं धोखा है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर फेडरेशन के वरिष्ठ उप प्रधान अमरनाथ धीमान ने कहा कि जिन नौजवान युवाओं ने अपने जीवन का अमूल्य समय परीक्षा की तैयारी में लगाया है आज उन्हें इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करके हताश एवं निराश किया जा रहा है। युवाओं की अनदेखी सरकार के लिए खतरे की घंटी है।
हिमाचल पेंशनर्स फेडरेशन की प्रदेश कार्यकारिणी इस मुद्दे की कड़ी आलोचना करती है तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करती है कि सरकार को ऐसे बेतुके मुद्दों को नहीं उठाना चाहिए बल्कि जनहित में प्रदेश के जो बेरोजगार युवा नौजवान है उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए तथा सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन देना यह भी सरासर अन्याय है।
क्योंकि एक तरफ बेरोजगार बच्चे जो हैं वह बेरोजगारी की चक्की में पिस रहे हैं उनके रोजगार की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है बल्कि उल्टे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को एक्सटेंशन देकर उन युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार को बेरोजगारों की पीड़ा को समझना चाहिए।
दूसरी ओर पदोन्नति की आस में बैठे लोग भी पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे तो इस प्रकार के मुद्दों को कैबिनेट में उठाने की क्या आवश्यकता है। पेंशनर्स की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। वर्ष 2016 से 2021 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को नए वेतनमान का कोई लाभ नहीं मिला है।
प्रत्येक कर्मचारी को सरकार की ओर से 20 से 25 लाख रुपए की देनदारी है। करोड़ों रुपए के मेडिकल बिल लंबित पड़े हैं जिनकी अदायगी नहीं हो रही है। डीए की अदायगी लंबित है। पेंशनर्स के हितों की तरफ सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है जो कि पेंशनरों के साथ अन्याय है।
सरकार को पेंशनरों के प्रति सकारात्मक कराए अपनाते हुए उनके हितों की की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और उनके लिए अलग विशेष बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि उनको मिलने वाले सारे लाभ समय पर मिल सके तथा मेडिकल बिलों का भुगतान भी समय अनुसार हो सके।