पालमपुर। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। जी हां, इस कहावत को काफी हद तक चरितार्थ कर दिखाया है पालमपुर उपमंडल के मरूहूं गांव के युवा विजय धीमान पालमपुरिया ने। जब किसी रोगी को अस्पताल में उपचार के दौरान रक्त की ज़रूरत पड़ती है तो अपने भी किनारा करते दिखते हैं, वहीं किसी रोगी को आपात में रक्त की ज़रूरत पड़ती है तो विजय धीमान पालमपुरिया हाज़िर रहते हैं। इस काम में उनकी दिव्यांगता भी कभी आड़े नहीं आती।
विजय धीमान खुद दिव्यांग होने पर भी जरूरतमंद और मजबूर लोगों की सेवा को हमेशा आगे रहते हैं। मात्र तीन साल की आयु से लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित हुए विजय धीमान पालमपुरिया आर्गन डोनर भी हैं। वह खुद भी तीन बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं।