हिमाचल प्रदेश का शिक्षा विभाग सीबीएसई के फार्मूले से पूरी तरह से सहमत नहीं
शिमला। सीबीएसई के बाद अब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला तैयार कर दिया है। इस बार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड CBSE की तर्ज पर रिजल्ट नहीं निकालेगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अनुसार आठ बिंदुओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश कुमार सोनी ने इसको लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों को प्रमोट करने का फार्मूला बताया। आठ बिंदुओं के तहत इंटरनल असेस्मेंट, प्रेक्टिकल,प्रोजेक्ट रिपोर्ट, प्री बोर्ड, 10वीं और 11वीं का प्रदर्शन, टर्म और अंग्रेजी विषय के हुए एक पेपर का आकलन किया जाएगा। इस दौरान स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई के पांच बिंदुओं को इस फार्मूले में शामिल किया है।
ऐसे में 11वीं में कई विद्यार्थियों के अंक कम हो सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्री बोर्ड की परीक्षाएं भी करवाई गई हैं। सीबीएसई ने प्री बोर्ड परीक्षाएं नहीं ली हैं। ऐसे में इस परीक्षा के अंक भी वार्षिक परिणाम में शामिल करना आवश्यक है। हिमाचल में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाएं भी हुई हैं। अप्रैल में 12वीं कक्षा का एक पेपर भी हो चुका है। ऐसे में सीबीएसई के फार्मूले पर विचार करते समय प्रदेश की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाएगा। आने वाले दिनों में स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले प्रस्ताव में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।
सीबीएसई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बारहवीं कक्षा के अंक तय करने को बनाए फार्मूले की जानकारी दी थी जिससेसे प्रदेश का शिक्षा विभाग पूरी तरह से सहमत नहीं है। 11वीं कक्षा के तीस फीसदी अंकों को 12वीं कक्षा के परिणाम में शामिल करने को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों को आपत्ति है। शिक्षकों का तर्क है कि बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी अधिक मेहनत करे, इसके लिए ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में विद्यार्थियों की पेपर चैकिंग में बहुत अधिक सख्ती बरती जाती है। अप्रैल में हुई 12वीं कक्षा की एक विषय की परीक्षा के अंक भी इसमें शामिल किए जाएंगे। प्री बोर्ड परीक्षाओं और फर्स्ट-सेकेंड टर्म के नंबर भी जोड़ने की तैयारी है। सरकार ने राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से अंक निर्धारण को लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है