हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बिलासपुर की निशानदेही का मामला फिर उलझ गया है। हालांकि, जमीन की निशानदेही तो हो गई है, लेकिन अब स्कूल प्रबंधन ने निशानदेही पर आपत्ति जताते हुए निशानदेही को नामंजूर कर दिया है।
बता दें कि बिलासपुर स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जे के अंदेशे के चलते स्कूल प्रबंधन ने निशानदेही के लिए आवेदन किया है। स्कूल प्रबंधन और एसएमसी सदस्यों का तर्क था कि जल्द निशानदेही करवाई जाए, ताकि स्कूल में कमरे बनाए जा सकें। क्योंकि छात्रों के लिए कमरों की दिक्कत है। इसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी पत्र लिखा था। इसके बाद निशानदेही की प्रक्रिया में तेजी आई।
6 दिसंबर, 2024 को तहसीलदार ने फील्ड कानूनगो को निशानदेही के आदेश जारी किए। टीम मौके पर पहुंची तो दूसरी पार्टी ने फसल बीजने का हवाला देते हुए निशानदेही पर आपत्ति जताई। इसके अगले दिन स्कूल प्रबंधन और एसमएसी सदस्य तहसील ऑफिस हरिपुर पहुंचे और दूसरी पार्टी द्वारा निशानदेही लटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
साथ ही जल्द निशानदेही करवाने की बात कही। इसके बाद तहसीलदार ने फील्ड कानूनगो को फिर निशानदेही के आदेश जारी किए। 10 दिसंबर तिथि तय की गई, लेकिन दूसरी पार्टी ने व्यस्तता का हवाला देकर निशानदेही से दूरी बनाए रखी। इसके बाद आज यानी 11 दिसंबर को फिर निशानदेही की तारीख तय की।
तय तारीख पर बुधवार को फील्ड कानूनगो और पटवारी अन्य कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और निशानदेही की प्रक्रिया को पूरा किया। पर स्कूल प्रबंधन ने निशानदेही को नामंजूर कर दिया है।
बिलासपुर स्कूल की प्रधानाचार्य शीला देवी ने कहा कि निशानदेही उलझाने वाली हुई है, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है। स्कूल के साथ गुजरने वाली सड़क को स्कूल की भूमि में बताया जा रहा है। सड़क का कुछ हिस्सा स्कूल में बताया जा रहा है। डीसी कांगड़ा ने हमें भूमि दी है।
उन्होंने डीसी कांगड़ा से आग्रह किया है कि एक अन्य जगह पर भी 17 मीटर भूमि डीसी लैंड में है, उसमें से स्कूल को 10 मीटर भूमि दी जाए। इसको लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं। वही, विभाग से आग्रह है कि अतिशीघ्र दुरुस्त करके दोबारा से निशानदेही करवाई जाए।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर एसएमसी की पूर्व प्रधान सुमन कुमारी ने कहा कि निशानदेही सही ढंग से नहीं हुई है। हम परेशान हो गए हैं। निशानदेही सही प्रकार से करवाई जाए। कमरे न होने से छात्रों को दिक्कत हो रही है।
फील्ड कानूनगो वीरेंद्र सिंह ने कहा कि रिकॉर्ड के मुताबिक निशानदेही की प्रक्रिया पूरी की गई है। स्कूल प्रबंधन ने इस पर आपत्ति जताई है। उनके पास अपील का अधिकार है। तहसीलदार हरिपुर सुरेश कुमार ने कहा कि निशानदेही कर दी गई है। अगर किसी पक्ष को आपत्ति है तो उसे भी सुना जाएगा।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर मामला ऐसे उलझता रहा तो स्कूल के कमरों का निर्माण कैसे हो सकेगा और छात्रों की दिक्कतें कैसे दूर होंगी। इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए।