राहत शिविरों में रह रहे हैं करीब 237 लोग
कांगड़ा। जिला कांगड़ा सहित हिमाचल में इस बार बरसात ने काफी तबाही मचाई है। कांगड़ा जिला के इंदौरा और फतेहपुर सब डिवीजन के पौंग झील के साथ लगते क्षेत्रों के लोगों को बेघर होना पड़ा। लोगों को बचाने के लिए 24 घंटे से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
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इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में पौंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगते गांवों से करीब 1731 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मंगलवार दोपहर से जारी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बुधवार शाम तक करीब 1731 लोगों की जान बचाई है।
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हेलीकॉप्टर के मदद से कुल 739 (उनतालिस), बोट के द्वारा 780 और अन्य माध्यमों से 212 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में एयरफोर्स के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर के साथ सेना के 60 और एनडीआरएफ के 182 (बयासी) जवान डटे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में इंदौरा उपमंडल से करीब 1344 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
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यहां 564 लोगों को भारतीय वायुसेना के चॉपर से एयरलिफ्ट किया गया तथा बोट के माध्यम से 780 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। फतेहपुर उपमंडल में करीब 387 (सतासी) लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 175 लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया, वहीं 212 लोगों को ट्रैक्टर/ट्रॉली से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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करीब 237 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इंदौरा में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किए गए 71 लोगों में से पिछले 10 महीने से ब्रेन हेमरेज से बीमार मंड घंडरा की 68 (अडसठ) वर्षीय श्रोती देवी को रेस्क्यू किया गया, 1 माह की बच्ची मनुश्री को उसकी मां आशा रानी के साथ निकाला गया। जबकि पराल की ज्योति देवी को उनके 8 दिन के बेटे लवयांश तथा 8 माह की गर्भवती गीता को एयरलिफ्ट किया गया।
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आखिर क्यों आई ऐसी नौबत
हिमाचल में भारी बारिश के चलते व पंडोह डैम से पानी छोड़ने के चलते पौंग डैम झील का जल स्तर काफी बढ़ गया। यह खतरे के निशान तक पहुंच गया। सोमवार को इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए। इसके चलते पौंग डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ने पड़ा। पानी छोड़ने से इंदौरा और फतेहपुर सब डिवीजन के पौंग झील के साथ लगते क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
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