ज्योग्राफिकल इंडीकेशन एक्ट 1999 के तहत होगा रजिस्ट्रेशन
शिमला। मंडी की सेपूबड़ी, सिरमौरी लोईया, हिमाचली धाम, लाल चावल, थाची (मंडी) धातु शिल्प, हिमाचली वाद्य यंत्रों, किन्नौरी आभूषण, किन्नौरी सेब व हिमाचली टोपी का पंजीकरण होगा। 2022-23 में ज्योग्राफिकल इंडीकेशन एक्ट 1999 (Geographical Indication Act 1999) के अंतर्गत राज्य के इन उत्पादों के पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में की है।
हिमाचल: सात मार्च तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान, फिर होगा साफ
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक-एक नया क्षेत्रीय कार्यालय मंडी तथा ऊना में स्थापित किया जाएगा। ताकि बोर्ड प्रभावी ढंग से काम कर सके। e-District माध्यम से उपलब्ध की जा रही सेवाओं की संख्या को मौजूदा 96 से बढ़ाकर 150 किया जाएगा। प्रदेश के छात्रों की सुविधा के लिए एक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जिसमें विभिन्न प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी के लिए study material online उपलब्ध करवाया जाएगा भारत सरकार की ‘आपदा मित्र योजना’के अंतर्गत 1 हजार 500 सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
आ रहा है नवरात्रि का त्योहार, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त