चंबा। दिवाली की रात न्यू बस स्टैंड चंबा के पास एक सड़क हादसा पेश आया। यहां पर दो बाइक सवार रावी नदी में समा गए। हादसे के शिकार एक युवक का शव सोमवार दोपहर को परेल के पास बरामद कर लिया गया है जबकि दूसरा युवक अभी भी लापता है। पुलिस और दमकल विभाग की टीम पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ युवक की तलाश में जुटी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये हादसा रविवार को दिवाली की रात करीब एक बजे पेश आया है। दो युवक अभिनय पटियाल (21) पुत्र पवन कुमार निवासी छुद्रा और सन्नी (20) निवासी लचौड़ी, सलूणी रात को बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। रात के अंधेरे में दोनों बाइक सवार रावी नदी में जा गिरे। स्थानीय लोगों ने हादसे की खबर पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों बाइक सवार युवकों की तलाश में जुट गई। रात को दोनों में से किसी का कोई पता नहीं लग पाया। सोमवार सुबह अभिनय पटियाल (21) पुत्र पवन कुमार निवासी छुद्रा का शव परेल के पास मिला। पुलिस ने चंबा अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं सन्नी (20) निवासी लचौड़ी, सलूणी की तलाश अभी भी जारी है।
इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। उन्होंने लिखा कि हमारे बहादुर सुरक्षा बलों के साथ दिवाली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा पहुंचे।
शिमला। दिवाली के लिए राजधानी शिमला में पटाखा बाजार सजने शुरू हो गए हैं। शिमला में जिला प्रशासन ने पटाखों के लिए 14 स्थान चिन्हित किए हैं। लक्कड़ बाजार स्थित आईस स्केटिंग रिंक, संजौली और बालूगंज के अलावा उपनगरों में पटाखा बाजार सजना आरंभ हो गए हैं।
जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पटाखों के लिए चयनित स्थानों पर लगे स्टालों से खरीदारी कर सकते हैं। प्रशासन ने पटाखे जलाने का समय दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक निर्धारित किया है।
शहर के आईस स्केटिंग रिंक, बालूगंज मैदान (गोपाल मंदिर के सामने), संजौली, पीडब्ल्यूडी पार्किंग छोटा शिमला, खलीनी बाईपास, त्रिलोक चंद शॉप के पास, एचपीयू ग्राउंड समरहिल, छोटा शिमला कसुम्पटी की ओर सड़क पर खुला स्थान, जीएसएसएस फागली के पास खुला मैदान, कसुम्पटी के लिए रानी ग्राउंड कसुम्पटी, टुटू में शिव शक्ति मंदिर के पास ग्राउंड, न्यू शिमला के लिए साईं भवन के पास खाली जगह, ढली-संजौली बाईपास बस स्टॉप, विकास नगर क्षेत्र में सड़क किनारे पुलिस चौकी के पास का स्थान पटाखा बेचने के लिए चिन्हित किया है।
इन स्थानों के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर पटाखा बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की तरह पटाखों की बिक्री के लिए जगह चयनित कर ली गई है।
राजधानी में 14 जगह को पटाखा बिक्री के लिए चिन्हित किया गया है। PWD तथा अग्निशमन विभाग को व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई आगजनी की दुर्घटना होती है तो उस पर काबू पाया जा सके। शिमला में पटाखे जलाने का समय रात आठ बजे से दस बजे रखा गया है।
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शिमला। हिमाचल के सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय ने राज्य सरकार से केंद्रीय कानून को जल्द लागू करने की मांग की है। हाटी विकास मंच ने सरकार को दिवाली तक का अल्टीमेटम दिया है।
दिवाली तक अगर एसटी दर्जे को लेकर कानून लागू नहीं किया गया तो हाटी सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
हाटी विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता रमेश सिंगटा आदि ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को चेताया है। प्रदीप सिंगटा और रमेश सिंगटा ने कहा कि प्रदेश सरकार जानबूझकर कर सिरमौर जिला के हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने को लेकर बने कानून को लागू करने में देरी कर रही है।
सरकार संविधान और संसद का अपमान कर रही है। वे मुख्यमंत्री से भी मिले, लेकिन अब बातचीत का दौर खत्म हुआ। अब हाटी समुदाय सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय सरकार को दिवाली तक का समय देता है, अगर दिवाली तक यह कानून लागू नहीं किया जाता है तो हाटी समुदाय सड़कों पर उतरेगा और महामहिम का दरवाजा खटखटाएगा।
प्रदीप सिंगटा और रमेश सिंगटा ने कहा कि एससी समुदाय अगर एसटी का हिस्सा नहीं बनना चाहता है तो उनकी इच्छा है और हाटी समुदाय को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
मगर सरकार जिन लोगों को केंद्र सरकार की ओर से यह सौगात दी गई है, उनके लिए जल्द से जल्द कानून को लागू करें, ताकि लाभार्थी व्यक्ति भी इसका लाभ उठा सकें।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के ट्रांस गिरिपार इलाके के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया। इसको लेकर पहले संसद के दोनों सदनों से बिल पास हुआ, जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षरों के बाद हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की अधिसूचना जारी हुई।
वहीं, इस क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जाति के लोगों ने इसको लेकर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की। जिसको लेकर मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने सुनवाई की और केंद्र व हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होनी है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री और सिरमौर से विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति की अधिसूचना के बाद ट्रांस गिरिपार के जनजातीय समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है, लेकिन इसमें एक बड़ी समस्या यह है कि राष्ट्रपति और अंडर सेक्रेटरी की अधिसूचना में अंतर है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की अधिसूचना में गिरिपार क्षेत्र के सभी लोगों को एसटी के दर्जे में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अब ऐसे में दोनों अधिसूचनाओं में अंतर है और राष्ट्रपति की अधिसूचना अंतिम मानी जाती है, लिहाजा इस क्षेत्र में कई लोग जो अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं, वे एसटी (ST) कैटेगरी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
इन लोगों की ओर से हाईकोर्ट में सिविल याचिका भी दाखिल की गई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के अनुसूचित जाति के लोगों की मांग जायज है, ऐसे में अब प्रदेश सरकार केंद्र को एक पत्र लिखेगी, जिसमें केंद्र से इस बाबत स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि किस अधिसूचना को सही माना जाए।
शहरी क्षेत्र में बेचने को संबंधित एसडीएम से अनुमति जरूरी
धर्मशाला। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना करते हुए कांगड़ा जिला के शहरी क्षेत्रों में भी दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस तथा नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे चलाने के लिए समय निर्धारित कर दिया है।
इस बाबत डीसी डॉ निपुण जिंदल की ओर से आदेश भी पारित किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार इन पर्वों पर ग्रीन पटाखे यानि कम प्रदूषण वाले पटाखे ही चलाने की अनुमति है।
इसमें 12 नवंबर दिवाली को रात आठ बजे से लेकर रात दस बजे तक, गुरु पर्व 27 नवंबर को सुबह चार बजे से पांच बजे तक तथा रात्रि नौ बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक व क्रिसमस 25 दिसंबर को रात्रि 11 बजकर 55 से लेकर 12 बजकर 30 तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं।
इसी तरह से नववर्ष की पूर्व संध्या पर 31 दिसंबर को रात्रि 11 बजकर 55 से लेकर 12 बजकर 30 बजे तक की पटाखे चलाए जा सकते हैं। बाजार में, सरकारी कार्यालय परिसरों, हेरिटेज बिल्डिंग तथा आवाज निषिद्ध क्षेत्रों में पटाखों के चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
जिला दंडाधिकारी के आदेशों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में पटाखे बेचने के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति लेना भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में उपमंडल अधिकारियों द्वारा चिह्नित या निर्धारित जगहों पर ही पटाखे बेचे जा सकते हैं।
इन आदेशों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ संबंधित उपमंडल अधिकारियों को कार्रवाई के लिए प्राधिकृत किया गया है। इसके साथ ही नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पंचायतों को पटाखों से उत्पन्न होने वाले कूड़ा कचरा के वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन के लिए भी उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
चिहिन्त स्थानों पर पटाखों की दुकानों में बिना किसी रूकावट के आपातकालीन निकासी होना जरूरी है। पटाखों की दुकानों पर सेल्जमैन पटाखों की हैंडलिंग में दक्ष होने चाहिए।
मार्केट या भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में पटाखे बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चिहिन्त स्थानों पर पटाखों की दुकानों की आपसी दूरी कम से कम तीन मीटर होनी चाहिए। पटाखों की दुकानों के आसपास लैंप, मोमबत्ती जलाने तथा स्मोकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।