हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान डिप्टी सीएम ने दी जानकारी
शिमला। हिमाचल के जिन मंदिर में पूजा नहीं होता है, वहां पर पुजारी लगाने का विशेष प्रावधान किया जाएगा। कांगड़ा जिला की आशापुरी माता मंदिर में भी पुजारी की तैनाती की जाएगी। यह जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जयसिंहपुर के विधायक यादविंदर गोमा के सवाल के जवाब में दी।
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जानकारी में बताया गया कि आशापुरी माता मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण शिमला मंडल द्वारा उक्त मंदिर को सुचारू रूप से चलाने के लिए दो एमटीडब्ल्यू (MTW) तैनात किए गए हैं जो मंदिर की साफ सफाई एवं सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और मंदिर का रखरखाव करते हैं। मंदिर को सरकार के अधीन लाने के प्रस्ताव को देखा जाएगा, अगर सरकार के अधीन लेकर मंदिर का जीर्णोद्धार हो पाएगा तो इस पर विचार किया जाएगा।
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डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदस्य (यादविंदर गोमा) भाग्यशाली हैं, जिनके क्षेत्र में आशापुरी मंदिर है। पांडव अज्ञातवास के दौरान हिमाचल आए थे तो उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया था। वहीं, 17वीं सदी के शिलालेख के अनुसार मंदिर का निर्माण राजा चंद्रभान के सबसे बड़े बेटे ने नागर शैली में करवाया था। ऐसी धारणा है कि मंदिर पहुंचने वाले लोगों को यहां पर स्वर्ग की अनुभूति होती है।