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हिमाचल में हिम डाटा पोर्टल के विकास को MOU साइन, क्या होंगे फायदे-जानिए

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ हुआ समझौता

शिमला। सभी सरकारी विभागों का डाटा एकीकृत करने के लिए ‘हिम डाटा पोर्टल’ प्लेटफार्म के विकास के लिए आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में प्रदेश सरकार एवं इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के मध्य एक समझौता ज्ञापन (MOU) हस्ताक्षरित किया गया। प्रदेश सरकार की ओर से सचिव सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. अभिषेक जैन तथा इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस की ओर से कार्यकारी निदेशक प्रो. अश्विनी छत्रे ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हिम डाटा पोर्टल’ के विकास के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ सहयोग करते हुए अनुसंधान और तकनीकी सहायता भागीदार के रूप में कार्य करेगा। यह डाटा पोर्टल उच्च श्रेणी के विश्लेषणात्मक डाटा सैट और आइडेंटिटी-एक्सेस-मैनेजमेंट-कन्ट्रोल्ड डैशबोर्ड और रिपोर्ट इत्यादि के माध्यम से राज्य के नीति निर्माण और सुशासन में सहायक होगा।

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उन्होंने कहा कि यह पोर्टल ‘हिम पल्स’ के माध्यम से हिमाचल की लाभ वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करेगा और इससे ‘हिम परिवार’ की क्षमता में भी वृद्धि होगी और लक्षित जनसंख्या को विभिन्न लाभ प्रदत्त करने के लिए उनकी डिजीटल पहचान को लिंक करने में यह सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते से हिमाचल की सामाजिक एवं आर्थिक समृद्धि में बढ़ोतरी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हिम डाटा पोटर्ल विभिन्न विभागों के बहुमूल्य डाटा को विभिन्न डोमेन से एकत्र करेगा और इससे प्रशासन में दक्षता को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल से संबंधित एक वेबसाइट भी विकसित की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम पल्स एक आधुनिक डेटा विश्लेषण एप्लीकेशन है, जो प्रशासन में विस्तार, अन्तिम व्यक्ति तक पहुंच और कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को चिन्हित करने के लिए विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रमों और प्रणालियों से आम नागरिकों को वास्तविक समय में डिजीटल डाटा के माध्यम से जोड़ने में सहायक होगा और इससे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हाई रेज्योल्यूशन सामाजिक एवं आर्थिक प्रोफाइल और सैटेलाइट इमेज़ के संयोजन का लाभ भी मिल सकेगा।

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इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल तथा नीरज नैयर, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी मुकेश रेपसवाल, इण्डियन ऑफ स्कूल बिजनेस की आरूषि जैन और अपूर्वा भी उपस्थित थीं।

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हिमाचल ने फ्रांसीसी एजेंसी से MOU किया साइन, 817.12 करोड़ की है परियोजना

612 करोड़ एएफडी और 204.85 करोड़ सरकार करेगी खर्च
शिमला। हिमाचल सरकार ने  राज्य के पांच शहरों में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं में सुधार के लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी ‘एजेंस फ्रैंकेंज डी. डेवलपमेंट’ (एएफडी) के साथ 817.12 करोड़ रुपये की परियोजना के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की उपस्थिति में प्रदेश सरकार की ओर से जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी व एएफडी की ओर से कंट्री निदेशक ब्रूनो बोस्ले ने समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के पांच शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन और करसोग में बेहतर मलनिकासी सुविधाएं विकसित करना और मनाली व पालमपुर में पेयजल आपूर्ति में सुधार करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत 612 करोड़ रुपये एएफडी द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जबकि हिमाचल सरकार 204.85 करोड़ रुपये व्यय करेगी। परियोजना के अंतर्गत इन पांच शहरों के लाभार्थियों को हाउस सर्विस कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे और मल निकासी संयंत्रों को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन किया जाएगा, ताकि कृषि और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए अपशिष्ट का पुनः उपयोग किया जा सके।
उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य जलस्रोतों की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार करना, जलजनित रोगों को कम करना, स्थानीय नियमों और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम परंपराओं के अनुसार गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सुविधाओं का प्रबंधन करना और पेयजल और स्वच्छता क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता लाना है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना दो चरणों में लागू की जाएगी, जिसमें पहले चरण में 425.85 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें से एएफडी द्वारा 340 करोड़ रुपये का वित्त पोषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 371 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 272 करोड़ रुपये एएफडी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि परियोजना की कार्यान्वयन अवधि तीन वर्ष होगी और चरण-1 के शुरू होने के 18 महीने बाद चरण-2 शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को बेहतर स्वच्छता सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और यह परियोजना इस लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक आशीष बुटेल, अजय सोलंकी, भुवनेश्वर गौड़, एएफडी के प्रतिनिधि अंकित तुलस्यान और अक्षिता शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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हिमाचल CU की ऐतिहासिक उपलब्धि-USA इंडियाना यूनिवर्सिटी से MOU साइन

शैक्षिक एवं शोध के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने की पहल

धर्मशाला। हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU)और यूएसए (USA) में इंडियाना यूनिवर्सिटी, पेन्सिलवेनिया ने हाल ही में शैक्षिक एवं शोध के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) ने हमेशा देश एवं विदेश के प्रख्यात शिक्षण संस्थाओं के साथ शिक्षा और 859 के क्षेत्र में सहयोग को प्राथमिकता दी है और यह समझौता ज्ञापन उसी कड़ी में उठाया गया एक कदम है।

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यह समझौता ज्ञापन बेंगलुरु में 13 जनवरी 2023 को केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) के कुलपति प्रो. एसपी बंसल द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर अमरीकी प्रतिनिधिमंडल में विशेषतः इंडियाना विश्वविद्यालय से डॉ. लारा लुएत्कहंस, डॉ. मिचेल पेत्रुच्ची, कामनवेल्थ विश्वविद्यालय, पेन्सिलवेनिया से डॉ. टॉड शाव्वर, कुटजटाउन ॉ96., पेन्सिलवेनिया के अध्यक्ष डॉ. केनेथ हाकिनसन, मिल्लेर्सविल्ले विश्वविद्यालय, पेन्सिलवेनिया के अध्यक्ष डॉ. डेनियल वुबाह तथा डॉ. पीटर गारलैंड और डॉ. अनीता मीहन उपस्थित रहे।

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दोनों विश्वविद्यालयों में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और इस समझौता ज्ञापन को अमलीजामा पहनाने में फिलेडैल्फ़िया राज्य की एंबेसडर कनिका चौधरी की विशेष भूमिका रही। केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) के कुलपति प्रो. बंसल ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन अन्य बिन्दुओं के अलावा मुख्यतः तीन विषयों पर केंद्रित रहेगा। दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त शोध प्रोजेक्ट्स पर कार्य करेंगे, जिसके लिए अध्यापकों और शोधार्थियों के एक्सचेंज पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। शोध के लिए दोनों विश्वविद्यालय शोध के ऐसे विषयों एवं क्षेत्रों का चयन करेंगे, जोकि मुख्यतः विज्ञान, पर्यटन, जन नीति, अध्यापक शिक्षा, प्रबंधन, जर्नलिज्म एवं मीडिया से संबंधित होंगे।

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प्रो. बंसल ने बताया कि दोनों विश्वविद्यालय छात्रों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले कोर्स क्रेडिट की शेयरिंग पर भी साथ मिलकर काम करेंगे। इसके लिए दोनों विश्वविद्यालय स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर ऐसे कोर्सेज की पहचान करते हुए उन कोर्सेज को विकसित करेंगे। इससे दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों को अधिक लाभ होगा और उन्हें अधिक विशेषज्ञता वाले अध्यापकों से सीखने के अवसर मिलेंगे और साथ ही उच्च गुणवत्ता और सार्थकता वाले पाठ्यक्रम को सीखने का भी अवसर प्राप्त होगा।

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दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त / दोहरी डिग्री कार्यक्रमों के ऊपर भी साथ मिलकर कार्य करेंगे, जिसे यूजीसी द्वारा भी अब महत्त्व दिया जा रहा है। ऐसे संयुक्त डिग्री कार्यक्रम दोनों विश्वविद्यालयों के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगे, जिनसे छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र मिलेगा। प्रो. बंसल ने बताया कि शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर सहयोग से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 का मुख्य उद्देश्य भी है।

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उन्होंने बताया कि अमरीकी प्रतिनिधिमंडल के साथ शिक्षा और शोध के क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा हुई और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस समझौता ज्ञापन को बहुत शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा, जिसके लिए दोनों विश्वविद्यालय जल्दी ही कार्य करना शुरू कर देंगे। अमरीकी प्रतिनिधिमंडल दोनों विश्वविद्यालयों में अत्यधिक सहयोग एवं शैक्षिक संसाधनों के आपसी उपयोग के प्रति बहुत आशान्वित एवं प्रसन्न दिखा। प्रो. बंसल ने यह भी बताया कि कुटजटाउन विश्वविद्यालय, पेन्सिलवेनिया के अध्यक्ष डॉ. केनेथ हाकिनसन और मिल्लेर्सविल्ले विश्वविद्यालय, पेन्सिलवेनिया के अध्यक्ष डॉ. डेनियल वुबाह ने भी हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने और समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने की इच्छा जाहिर की है।

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केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) के कुलपति को पेन्सिलवेनिया में विश्वविद्यालयों में पधारने हेतु आमंत्रित भी किया है। इस पर प्रो. बंसल ने ख़ुशी जाहिर करते हुए यह बताया कि सीयू द्वारा शीघ्र ही इन दो अमरीकी विश्वविद्यालयों के साथ भी शिक्षा एवं शोध हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। प्रो. बंसल ने इस अवसर पर पूरे विश्वविद्यालय परिवार, अध्यापकों, गैर- शैक्षणिक स्टाफ, शोधार्थियों तथा छात्रों को बधाई दी है और इस समझौता ज्ञापन को विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक करार दिया है।

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