शिमला। खुशहाली और संपन्नता का पर्व बैसाखी राजधानी शिमला में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी के सभी गुरुद्वारों को दुल्हन की तरह सजाया गया।
IPL सीजन-17 : तीन मई को धर्मशाला पहुंचेगी पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स की टीम
325 वां खालसा पंथ का सिरजना दिवस के उपलक्ष्य पर सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारा में जाकर माथा टेका। बैसाखी के इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन सत्संग और लंगर का आयोजन किया गया।
बैसाखी पर्व पर राजधानी के बस स्टेंड स्थित गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन पाठ किया गया, जिसमें बाहरी राज्यों के रागी जत्थों ने कीर्तन और अरदास की।
हिमाचल चुनाव : आज हो सकती है कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा, सीएम सुक्खू दिल्ली रवाना
सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने इसी दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी जिसके कारण इस त्योहार की महत्ता, गरिमा और बढ़ जाती है।
गुरुद्वारा सिंह सभा शिमला के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने देशवासियों को बैसाखी की बधाई देते हुए कहा कि सुबह से सिंह सभा गुरुद्वारा साहिब शिमला में बैसाखी पर्व के अवसर पर गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया गया और पूरे दिन कीर्तन सत्संग चलता रहा।
हिमाचल मौसम अपडेट : इन जिलों में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी, ऑरेंज अलर्ट
शिमला रिज पर हिमाचल दिवस की रिहर्सल : 14 टुकड़ियां लेंगी परेड में हिस्सा
शिमला ओल्ड बस स्टैंड में दो HRTC बसों की भिड़ंत : महिला की गई जान