तपोवन (धर्मशाला)। हिमाचल में 158 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जहां पर जुगाड़ से काम चल रहा है। इन स्कूलों में एक भी जेबीटी शिक्षक कार्यरत नहीं है।
इसमें मंडी जिला में 41, चंबा में 31, शिमला में 27, कांगड़ा में 16, कुल्लू में 15, सिरमौर में 13, बिलासपुर, हमीरपुर में 6-6 और सोलन जिला में 3 स्कूल हैं।
यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मुहैया करवाई है।
जवाब में कहा गया कि सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात का आकलन करके प्रत्येक स्कूल में सुचारू शिक्षण प्रबंध के लिए समय समय पर आवश्यकतानुसार समायोजन करने के लिए प्रयासरत है।
वहीं, शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी है कि कृषक और ओबीसी प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन करने का सरकार कोई विचार नहीं रखती है।
कृषक और ओबीसी प्रमाण पत्र की वैधता एक साल होती है। एससी और एसटी की आजीवन होती है।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार, विधायक भवानी पठानिया भी रहे साथ
ऋषि महाजन/नूरपुर।राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण से पूरे देश में उत्कृष्ट सरकारी स्कूलों का एक सफल मॉडल विकसित होगा। जिला कांगड़ा के दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण करते हुए यह शब्द कहे।
इस दौरान कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, विधायक फतेहपुर भवानी पठानिया और विधायक शाहपुर केवल सिंह पठानिया भी साथ रहे। रोहित ठाकुर ने आज जवाली विधानसभा के ठंगर, शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के डोहब और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के निर्देशानुसार वे जिला कांगड़ा में डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण के लिए चयनित भूमि के निरीक्षण के लिए दौरे पर आए हैं। उन्होंने बताया कि जवाली विधानसभा के अंतर्गत ठंगर में लगभग 53 कनाल और शाहपुर के डोहब में लगभग 76 कनाल भूमि डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों में बहुत जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
वहीं फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए लगभग 80 कनाल भूमि उन्होंने आज देखी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के नाम होने के बाद यहां भी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा।
रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के बच्चों के लिए शिक्षा के उत्कृष्ठ केंद्र विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में बनने वाला डे-बोर्डिंग स्कूल विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं से लैस होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लगभग 100 कनाल भूमि पर इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में इन स्कूलों में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई करवाई जाएगी। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें बारहवीं कक्षा तक स्तरौन्नयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसलिए इनका निर्माण जिला या उपमंडल मुख्यालय के 5 किलोमीटर रेडियस में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में आईसीटी सहित सभी आधुनिक तकनीकों के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इनका भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी अत्याधुनिक होगा। रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री का ध्येय है कि बच्चे स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी निपुण हों। उन्होंने कहा कि इस हेतु इन डे-बोर्डिंग स्कूलों में कुल क्षेत्र का लगभग एक तिहाई हिस्सा खेल गतिविधियों और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इससे पूर्व राजकीय महिला बहुतकनीकी रैहन में विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से भेंट की। इस दौरान राजकीय महिला बहुतकनीकी रैहन, वजीर रामसिंह पठानिया कॉलेज देहरी, पीटीए सहित विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों ने उनके समक्ष अपनी मांगे रखी। शिक्षा मंत्री ने सभी प्रतिनिधि मंडलों की समस्याओं को सहानुभूति पूर्वक सुनते हुए, उनके समाधान का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में केवल दो ही राजकीय महिला बहुतकनीकी संस्थान हैं। जिनमें एक राजकीय महिला बहुतकनीकी रैहन और दूसरा कंडाघाट में स्थित है। उन्होंने कहा कि लगभग 42 करोड़ की लागत से बना यह संस्थान प्रदेश के महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में न केवल हिमाचल बल्कि पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करते हैं।
उन्होंने कहा हिमाचल सहित पड़ोसी राज्यों की बेटियों की शिक्षा के लिए एक अच्छा संस्थान विकसित हो इसके लिए हर संभव प्रयास सरकार द्वारा किए जाएंगे। उन्होंने संस्थान में बी. फार्मेसी शुरू करने, छात्राओं के लिए होस्टल सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ इसके स्तरोन्नयन की मांग पर गंभीरता पूर्वक कार्य करने की बात कही।
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जीवन भारत की वीरता और साहस का परिचायक है। फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह शब्द कहे।
विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने प्रस्तुत किए सांस्कृतिक कार्यक्रम
शिमला। 76वां हिमाचल दिवस आज पूरे प्रदेश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम जहां लाहौल-स्पीति में मनाया गया वहीं सभी जिलों में जिला स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राजधानी शिमला में रिज पर हिमाचल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने रिज पर तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
रोहित ठाकुर ने रिज पर परेड का निरीक्षण किया जिसके बाद पुलिस, एनसीसी, एनएसएस, होमगार्ड की टुकड़ियों ने सलामी दी। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। साथ ही छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे को लेकर भी लोगों को जागरूक किया गया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज के दिन हिमाचल अस्तित्व में आया था और पूरे प्रदेश में हिमाचल दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। अस्तित्व में आने से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश में विकास में कई नए आयाम स्थापित किए हैं और आने वाले समय में भी हिमाचल विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र लाहौल-स्पीति के काजा में राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा हैं। जहां मुख्यमंत्री खुद शामिल हुए हैं। हिमाचल के एक सम्मान विकास में कांग्रेस सरकार विश्वास रखती है। हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आने से लेकर अब तक निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।
प्रदेश में जहां पहले 200 शिक्षण संस्थान हुआ करते थे वहीं अब इनकी संख्या 15,000 से ऊपर हो गई है। कॉलेजों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है और आने वाले समय में भी सरकार की प्राथमिकता रहेगी जो प्रदेश की मूलभूत आवश्यकताएं हैं उन्हें पूरा किया जाएगा।
प्रदेश में टनल बनाने के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है और कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है इसके अलावा प्रदेश में फ़ॉर लाइन प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ने के साथ हेलीपोर्ट बनाने पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नई सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं हालांकि पूर्व सरकार द्वारा कर्ज में प्रदेश को डुबोया है।
डबल इंजन का राग अलापने वाली भाजपा प्रदेश पर 75 हजार करोड के ऋण और 11 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़कर गए हैं। इसके बावजूद सरकार का प्रयास रहेगा कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही कर्ज के चक्कर से बाहर लाया जाए और आय के साधनों को बढ़ाने पर सरकार काम करेगी।
शिमला। हिमाचल में करीब 455 स्कूल बिना शिक्षक हैं। साथ ही 3,148 स्कूलों में एक टीचर है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में दी। चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने इस बारे सवाल पूछा था। शिक्षा मंत्री ने कहा कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में आठ स्कूल ऐसे हैं जहां कोई भी शिक्षक नहीं है। हिमाचल में ऐसे 455 स्कूल हैं। भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में 2020-21 में सिंगल टीचर स्कूल 1993 थे। वो संख्या 21 -22 में बढ़कर 2,922 हो गई है। 2022-23 में 3,148 हो गई है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि खाली पदों को भरना सरकार की प्राथमिकता है। अभी को नियुक्तियां हो रहीं हैं, उन्हें बिना शिक्षक और सिंगल टीचर स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने विधायक को आश्वासन दिया कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में डेपुटेशन को भी रद्द किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि डेपुटेशन पिछली सरकार के समय के हैं। उनकी सरकार ने डेपुटेशन पर शिक्षक तैनात नहीं किए हैं।
चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा के सवाल के जवाब में बताया गया कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 28 प्राथमिक और माध्यमिक पाठशालाओं में एक भी स्थाई स्टाफ नहीं है। 10 शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर तैनाती प्रदान की है।