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न्याय के देवता ‘शनिदेव’ को क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल? ये है वजह

हर व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं शनिदेव

सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है, जो व्यक्ति को जीवित अवस्था में उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। इसके तहत अच्छे कर्मों का अच्छा फल तो वहीं बुरे कर्म करने पर दंड के विधान के तहत दंड देते हैं। ज्योतिष के कई जानकारों के अनुसार शनि देव को उसके इस दंड के विधान के तहत ही क्रूर माना जाता है, इसी के चलते इन्हें लेकर लोगों में भय पैदा होता है। जबकि शनि देव केवल बुरे कर्म पर ही दंड देते हैं, वहीं यदि ये प्रसन्न हो जाएं तो व्यक्ति को आशिर्वाद देकर उन उंचाइयों तक ले जाते हैं, जिनकी व्यक्ति कल्पना तक नहीं कर सकता।

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ये बुरे कर्म के चलते राजा को रंक तक और अच्छे कर्म के चलते रंक को राजा तक बना देते हैं। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर शनि की बुरी दृष्टि पड़ जाए उसे परेशानियां घेर लेती हैं। इसलिए लोग शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए शनिवार के दिन उनका पूजन करते हैं और पूजा के समय उन्हें सरसों का तेल चढ़ाते हैं। शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना शुभ माना गया है।

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तो आइए जानते हैं कि शनिवार के दिन शनिदेव को क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल….

एक मान्यता के अनुसार एक बार हनमान जी भगनवान श्रीराम के किसी कार्य में व्यस्त थे। तभी वहां से गुजर रहे शनिदेव को हनुमान दिखाई दिए। इस दौरान शनिदेव ने हनुमान जी के कार्य में विघ्न डालने का प्रयास किया। हनुमान जी ने शनिदेव को चेतावनी दी लेकिन शनिदेव फिर भी नहीं माने। तब जाकर हनुमान जी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में जकड़ लिया और फिर से से बैसे की अपना कार्य करने में लीन हो गए। कार्य के दौरान वे इधरउधर चहलकदमी भी कर रहे थे इस दौरान शनिदेव को बहुत सी चोटें आईं। शनिदेव ने हुनमान जी के चंगुल से छूटने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह इसमें असफल रहे। जब प्रभु श्रीराम का कार्य ख़त्म हुआ तब उन्हें शनिदेव का ख्याल आया और तब जाकर उन्होंने शनिदेव को आजाद किया।

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इस वाक्या के बाद शनिदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने हनुमानजी से माफ़ी मांगी कि वे कभी भी राम और हनुमान जी के कार्यों में कोई विघ्न नहीं डालेंगे और श्री राम और हनुमान जी के भक्तों को उनका विशेष आशीष प्राप्त होगा। शनिदेव जी ने भगवान श्री हनुमान से सरसों का तेल मांगा जिसे वह अपने घावों पर लगा सके और जल्द ही चोटों से उभर सकें। हनुमानजी ने उन्हें वो तेल उपलब्ध करवाया और इस तरह शनिदेव के जख्म ठीक हुए। तब शनिदेव जी ने कहा कि इस स्मृति में जो भी भक्त शनिवार के दिन मुझपर सरसों का तेल चढ़ाएगा उसपर मेरी विशेष कृपा सदैव रेहेगी।

शनिदेव को प्रसन्न करने के आसान तरीके…

* प्रत्येक शनिवार सुंदरकांड या हनुमान चालिसा का पाठ करें।
* शनिदेव की पूजा करते समय उन्हें नीले रंग के वस्त्र अर्पत करे।
* निर्धनों की सेवा करने से शनिदेव हमेशा प्रसन्न होते हैं।
* शनिवार के दिन व्रत रखें और एक समय भोजन करें।
* शाम के समय काले तिल का दीपक जलाकर शनिदेव की पूजा -अर्चना करें व महामृत्युंनजय मंत्र का पाठ करें।
* शनिवार के दिन काले उड़द, काले कपड़े, काले तिल और काले चने किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।

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