शिमला। हिमाचल बीजेपी के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस बिखर गई है। कांग्रेस का ग्राफ जीरो हो रहा है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।
उन्होंने विक्रमादित्य सिंह के मंत्री पद छोड़ने के फैसले को सही करार दिया है। हर्ष महाजन ने कहा कि विधायक सरकार में प्रताड़ित हैं। हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है। विधायक खुद हमारे पास आ रहे हैं। कांग्रेस में फाइव स्टार कल्चर है। लोगों को झूठी गारंटियां दी गईं।
शिमला। हिमाचल में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी को राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए चुने गए हैं।
हर्ष महाजन को कांग्रेस की सेवा का फल मिला और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नजदीकियों का फायदा यह कहना गलत न होगा। वहीं, भाजपा का मास्टर स्ट्रोक भी काम आया है।
हर्ष महाजन का लंबा अरसा कांग्रेस में बीता है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास नेताओं में माना जाता था। वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार भी रहे हैं।
हर्ष महाजन चंबा सदर से तीन बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे हैं। हर्ष महाजन ने कांग्रेस की टिकट पर 1993 में चंबा सदर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 1998, 2003 में भी वह विधायक रहे।
वर्ष 2007 के चुनाव में उन्होंने इलेक्शन लड़ने से मना कर दिया। उनके इस फैसले से उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा। वहीं, अन्य लोगों को भी इस फैसले ने हैरान किया।
2007 के बाद हर्ष महाजन ने कोई चुनाव नहीं लड़ा। चुनाव न लड़ते हुए हर्ष महाजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ साये की तरह रहे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अंतिम सांस तक हर्ष महाजन उनके साथ रहे।
वीरभद्र सिंह के अच्छे और बुरे वक्त में हर्ष महाजन उनके साथ हमेशा खड़े रहे।
हर्ष महाजन चुनावी प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के शिमला ग्रामीण और अर्की विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा भी हर्ष महाजन ने ही संभाला था।
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में भी सत्ता का केंद्र बदला। वहीं, हिमाचल में भी सत्ता बदली। सत्ता बदलने के बाद हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा।
हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं। भाजपा के 25 और तीन आजाद हैं। राज्यसभा चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को 34-34 मत मिले। पर्ची से विजेता का ऐलान हुआ। इसमें कांग्रेस के छह मत कम हुए।
भाजपा को तीन निर्दलीय और 6 कांग्रेस विधायकों का साथ मिला। इससे साफ है कि कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हुई है। 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा प्रत्याशी को मत डाला है।
बताया जा रहा है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने क्रॉस वोटिंग की है।
सबको पता है कि सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर और इंद दत्त लखनपाल को भी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह गुट का माना जाता है। वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के करीबियों में जाने जाते थे। सुधीर शर्मा के पिता बैजनाथ के पूर्व विधायक संत राम वीरभद्र सिंह के घनिष्ठ मित्रों में थे।
ऐसे में वीरभद्र सिंह के कटर समर्थक रहे हर्ष महाजन को वीरभद्र सिंह के कटर समर्थकों का मत जाना स्वाभाविक था। कहीं न कहीं यह नजदीकियां हर्ष महाजन के काम आई हैं।
इसी के चलते देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा का मत भी उन्हें मिला। कांग्रेस की अंतर्कलह ने इस मुकाम को और आसान कर दिया। क्योंकि सत्ता परिवर्तन के बाद वीरभद्र गुट कहीं न कहीं हाशिए पर है। हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह कई बार सरकार को चेता चुकी हैं।
भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हर्ष महाजन को राज्य सभा प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया था। कहीं न कहीं भाजपा ने भी हर्ष महाजन की कांग्रेस की नजदीकियों को भुनाया है।
हर्ष महाजन को चुनावी मैदान में उतारकर भाजपा ने कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह का फायदा उठाया, वहीं सुक्खू सरकार की कुर्सी हिलाने का भी दाव खेला। कहीं न कहीं भाजपा का मास्टर स्ट्रोक काम आया है। हर्ष महाजन की जगह अगर भाजपा का और कोई पुराना नेता होता तो परिणाम ऐसा न होता।
कहीं न कहीं राज्यसभा के लिए हिमाचल से बाहरी प्रत्याशी देना भी कांग्रेस को भारी पड़ा है। ऐसा कहा जा सकता है कि प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, बल्कि हाईकमान ने थोपा था।
शिमला। हिमाचल कांग्रेस आज पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की जयंती मना रही है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने उनकी तस्वीर के सामने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने भजन के माध्यम से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान कई कांग्रेस कार्यकर्ता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह को याद कर भावुक हो गए और अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। बता दें कि 23 जून, 1934 को जन्मे वीरभद्र सिंह का निधन 8 जुलाई, 2021 को हुआ। वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल का निर्माता कहा जाता है।
स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के जन्मदिन पर किया जाएगा आयोजन
शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के जन्मदिन पर 23 जून को शिमला में अंतरराष्ट्रीय प्रो बॉक्सिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन प्रोफेशनल बॉक्सिंग ऑर्गेनाइजेशन हिमाचल प्रदेश द्वारा किया जा रहा है। बॉक्सिंग चैंपियनशिप शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर करवाई जा रही है। इसमें भाग लेने आने वाले प्रतिभागी शिमला पहुंच चुके हैं।
प्रोफेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र स्तान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का 23 जून को जन्मदिन है। उनके जन्मदिन के मौके पर राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर प्रो बॉक्सिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश सहित 5 अन्य देशों के बॉक्सर हिस्सा ले रहे हैं जिसमें रूस, वियतनाम, साऊथ कोरिया, फिलिपीन्स के बॉक्सर भारत पहुंच चुके है।
उन्होंने बताया कि इस चैंपियनशिप का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल करेंगे और इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहेंगे। जबकि इसके समापन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला और प्रदेश के खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अब हर साल उनके जन्मदिन के मौके पर प्रो बॉक्सिंग चैंपियनशिप हिमाचल के अलग-अलग जिलों में आयोजन किया जाएगा ताकि युवाओं को मंच मिले और खेलों के प्रति युवाओं का रुझान भी बड़े। उन्होंने कहा कि बॉक्सर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में विजेताओं को इनाम भी दिए जाएंगे। यह चैंपियनशिप खेल प्रेमियों और शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।
भारत के “लवप्रति सिंह” लाइट वेट वर्ग में वियतनाम के “दाई लाम” के बीच पहली फाइट भारत के अर्जून सूपर लाईट वेट वर्ग में फिलिपीन्स के “जूआनटियों से भिड़ेगे। तीसरे मैच में कोरियो के “जोईवॉन किंम” वैल्थर वेट वर्ग में भारत के नितविर से लड़ेगे। चौथा मुकाबला हिमाचल के बॉक्सर सक्षम ठाकुर जोकि खेलों इंडिया गेम में गोल्ड मेडल जीत चूके है उनका मुकाबला लाइट हेवी वेट वर्ग में रूस के मुसालोव से होगा। वहीं अंतिम मुकाबला लाइट हेवी वेट वर्ग में भारत के कार्तिक व रूस के मक्सिम राइटर के बीच खेला जाएगा।
सुक्खू सरकार को विंटर वेकेशन खत्म होने का करना चाहिए इंतजार
शिमला। हिमाचल में स्कूल बंद करने के सुक्खू सरकार के फैसले पर भाजपा उग्र हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं पर अपने वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की बात को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार से बल्क में कांग्रेस सरकार ने स्कूल बंद किए हैं, वह गलत है। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में विंटर वेकेशन चल रही है और इस कारण भी जीरो इनरोलमेंट हो सकती है। कुछ समय कांग्रेस सरकार को इंतजार करना चाहिए था। हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं और मैदानी क्षेत्रों की अलग। मैदानी क्षेत्रों में स्कूल खोलना और पहाड़ी क्षेत्र में स्कूल खोलना दोनों अलग परिस्थितियों में कार्य करना जैसा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह कहते थे कि मैं एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलूंगा और जरूरत पड़ी तो दो बच्चों के लिए भी स्कूल खोलूंगा, क्योंकि शिक्षा की हिमाचल को जरूरत है।
कांग्रेस के नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेता की बात को नजरअंदाज किया है। स्वाभाविक रूप से एनरोलमेंट बढ़ती है और विंटर वेकेशन खत्म होने का इंतजार इस कांग्रेस की सरकार को करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि जो स्कूल आठ नौ महीने से फंक्शनल हो चुके थे उनको भी सरकार ने बंद कर दिया है।
शिमला। हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पीएसओ रहे डीएसपी पदम दास ठाकुर का सेवा विस्तार भी रद्द कर दिया है। इस बारे आज अधिसूचना जारी कर दी है।
बता दें कि डीएसपी पदम दास ठाकुर 31 अगस्त 2022 को रिटायर हुए थे। जयराम सरकार ने इन्हें 6 माह का सेवा विस्तार दिया था। 1 सितंबर 2022 को इस बारे अधिसूचना जारी की थी। उन्हें 28 फरवरी 2023 तक पुनर्नियुक्ति मिली थी। री इंप्लाइमेंट मिलने के बाद उन्हें डीएसपी (एलआर) टीटी एंडआर शिमला लगाया गया था। आज सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने उनकी पुनर्नियुक्ति रद्द कर दी है।
गौरतलब है कि डीएसपी पदम दास ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पीएसओ रहे हैं। वह वीरभद्र सिंह के खास अधिकारियों में जाने जाते थे। लंबे समय तक वह वीरभद्र सिंह के साथ रहे हैं।
[pdf-embedder url=”https://ewn24.in/wp-content/uploads/2022/12/DocScanner-Dec-19-2022-16-10.pdf” title=”DocScanner Dec 19, 2022 16-10″]