शिमला। पूरे देश में आज बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजय दशमी धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में भी वर्षो से मनाए जा रहे दुर्गा उत्सव पर बंगाली महिलाओं ने आज एक दूसरे को सिंदूर लगा और प्रसाद खिला कर अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना की।
इस मौके पर बंगाली मूल की महिलाओं ने माता का श्रृंगार किया और परिवार के लिए सुख शांति का आशीर्वाद मांगा। बंगाली महिलाओं का कहना है कि नवरात्र के मौके पर नौ दिन के बाद आज माता को विदाई दी जाती है।
इसलिए आज के दिन नाच गाकर और सिंदूर की होली खेल कर माता को विदाई दी गई है। उन्होंने बताया कि एक तरफ विदाई का दुःख होता है तो दूसरे तरफ मां फिर आएगी इसकी खुशी भी है।
आश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवरात्र की शुरुआत होती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर (रविवार) से हो रही है।
शारदीय नवरात्र के एक दिन पहले ही सूर्य ग्रहण लग रहा है तो ऐसी स्थिति में ज्योतिष गणना के अनुसार इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर भी देखने को मिलेगा, लेकिन नवरात्र में खासकर कुछ राशि के जातकों पर कई तरह के लाभ भी देखने को मिल सकता है।
ज्योतिष गणना के अनुसार 14 अक्टूबर को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा जो 15 अक्टूबर को रात्रि 02 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नवरात्र पर नहीं पड़ेगा। चार राशियों की किस्मत इस नवरात्र में खुलने वाली है। इनके बारे में आपको बताते हैं विस्तार से …
मेष राशि : शारदीय नवरात्र मेष राशि के जातकों के लिए काफी खास रहने वाला है क्योंकि इस राशि पर मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलने वाला है। जिस कारण से मेष राशि के जातकों के काफी समय से रुके हुए कार्य संपन्न होंगे, सेहत में सुधार होगा, धन लाभ के योग बन सकते हैं।
वृषभ राशि : वृषभ राशि के जातकों के लिए शारदीय नवरात्र बहुत खास रहने वाला है। प्रतियोगिता परीक्षा करने वाले छात्रों के लिए कई तरह के लाभ मिल सकते है, नौकरी पेशा करने वाले जातकों को नौकरी में प्रमोशन भी मिल सकता है।
सिंह राशि : सिंह राशि के जातकों के लिए शारदीय नवरात्र विशेष रहने वाला है। सिंह राशि के जातक को अपनी मनपसंद नौकरी मिल सकती है। साथ ही अविवाहित जातकों को विवाह का योग बनेगा। व्यापार में वृद्धि होगी रुका हुआ पैसा प्राप्त होगा।
तुला राशि : तुला राशि के जातकों के लिए शारदीय नवरात्र में कई शुभ समाचार मिल सकते हैं। सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
पितृपक्ष के समापन के साथ ही शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो जाती है। नवरात्र के नौ दिन में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। घट स्थापना कर विधिवत मां की पूजा की जाती है।
नौ दिन में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को अलग-अलग पकवानों का भोग लगाया जाता है। आइए आपको बताते हैं कि इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत कब से हो रही है और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
वैसे तो शारदीय नवरात्र की शुरुआत 14 अक्टूबर 2023, शनिवार रात 11 बजकर 24 मिनट से ही हो रही है। इस समय सूर्य ग्रहण भी लगा होगा, लेकिन फिर भी ज्योतिष जानकारों के अनुसार सूर्य ग्रहण का नवरात्र की पूजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि नवरात्र में घटस्थापना का महत्व होता है और इस दिन घट स्थापना सूर्य ग्रहण समाप्त होने के कुछ घंटों बाद होगी।
15 अक्टूबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और इसी दिन से नवरात्र की शुरुआत मानी जाएगी। 15 अक्टूबर, 2023 को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त शुरू हो रहा है और इस दिन दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक ये मुहूर्त रहेगा।
घट स्थापना या कलश स्थापना विधि
शारदीय नवरात्र के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें।
इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें।
इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें।
मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।
कलश में चारों ओर आम या अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं।
फिर इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए मां जगदंबे का आह्वान करें।
शारदीय नवरात्र की शुरुआत जल्द होने वाली है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत 15 अक्टूबर (रविवार) से हो रही है। यदि आप माता रानी की कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्र के शुरू होने से पहले अपने घर से कुछ चीजों को निकाल फेंके, क्योंकि ये चीजें घर में नकारात्मकता लाती हैं।
ऐसी कौन की पांच चीजें हैं जो आपको नवरात्र से पहले घर से बाहर करनी है उनके बारे में आपको बताते हैं विस्तार से ….
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी कटी-फटी धार्मिक पुस्तकें नहीं रखनी चाहिए। यदि कोई धार्मिक पुस्तक फट गई है, तो उसे नवरात्र से पहले बहते जल में प्रवाहित कर दें।
घर से बाहर करें खंडित मूर्तियां
सबसे पहले आपको घर से बाहर करनी है खंडित मूर्तियां। घर में किसी भी भगवान की खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। इसे शुभ नहीं माना जाता है। अगर आपके घर में खंडित मूर्तियां हैं तो शारदीय नवरात्र के शुरू होने से पहले घर से इसको निकाल कर किसी पवित्र नदी में बहा देना चाहिए।
घर में बंद घड़ी रखने से परिवार के लोगों की तरक्की रुक जाती है और घर में नकारात्मकता बढ़ जाती है। इसलिए घर में बंद पड़ी घड़ी और अन्य फालतू सामान को नवरात्र शुरू होने से पहले हटा दें।
टूटा हुआ कांच लाए गरीबी
टूटा हुआ कांच या फिर इससे बनी चीजें रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, जिसके कारण आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है। इसलिए नवरात्र शुरू होने से पहले घर से कांच की टूटी हुई चीजें निकाल दें।
पुराने जूते-चप्पल को निकालें
अगर आपके घर में पुराने जूते चप्पल पड़े हैं, जिनका इस्तेमाल आप नहीं करते हैं उन्हें नवरात्र शुरू होने से पहले घर से निकाल दें। वास्तु जानकारों के अनुसार घर में पुराने जूते, चप्पल रखने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।