राज्य स्तरीय होली महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम पालमपुर डॉ. अमित गुलेरिया ने बताया कि उत्सव के दौरान स्थानीय एवं लोक कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्सव में अच्छे कलाकार प्रस्तुतियां दें, इसके लिये ऑडिशन का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ऑडिशन 1 मार्च 2023 (बुधवार) को प्रातः 11 से 3 बजे तक सहायक लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय पालमपुर में आयोजित होगा। ऑडिशन में चयनित लोक कलाकारों को ही सांस्कृतिक संस्थाओं में प्रस्तुति देने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने समापन समारोह में की शिरकत
मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में चल रहा अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आज संपन्न हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। उन्होंने देव माधोराय मंदिर में पूजा-अर्चना कर पड्डल मैदान तक निकाली गई देव माधो राय की भव्य शोभा यात्रा (जलेब) में भी भाग लिया। उन्होंने इससे पहले बाबा भूतनाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।
महोत्सव के अन्तिम दिन शहर के चैहटा बाजार में चैहटा की जातर का आयोजन भी किया गया। जिसमें 200 से अधिक देवी-देवताओं ने भाग लिया। लोगों ने भारी संख्या में चैहटा की जातर में पहुंच कर देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आशीर्वाद हासिल किया। मंडी जनपद के अराध्य देव देव कमरूनाग सेरी मंच पर लोगों को दर्शन देने के लिए विराजमान रहे। अपने अराध्य देव कमरूनाग के दर्शनों के लिए सेरी मंच पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लगी रही।मेला समिति की ओर से उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने देवी-देवताओं को नजराना भेंट किया।
इस अवसर पर पड्डल मैदान में जनसमूह को संबोधित करते हुए राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मंडी शिवरात्रि ने पूरे विश्व में अध्यात्मिक प्रेरणा पुंज के रूप में अलग पहचान कायम की है। उच्च परंपराओं को संजोये शिवरात्रि महोत्सव समृद्वि, भाईचारा एवं प्रेमभाव को भी दर्शाता है। शैव, वैष्णव व लोक आस्था के साथ लोक संस्कृति का यह अनूठा समागम सभी के लिए एक बेजोड़ अनुभव है।
मंडी शहर हिमाचल प्रदेश के प्राचीनतम शहरों में से एक है जो विशेष तौर पर ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अपनी अलग पहचान रखता है। यहां स्थित प्राचीन एवं वैभवशाली मंदिर मंडी शहर को विशेष आकर्षण प्रदान करते हैं और इनके कारण ही मंडी को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। मंडी शिवरात्रि महोत्सव देव समाज का उत्सव है तथा इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सरकार की ओर से पहली मंडी शिवरात्रि महोत्सव में देव समाज पर एक करोड़ से ज्यादा की राशि दी गई है। हम सबका यह दायित्व है कि हम अपनी संस्कृति एवं परंपराओं के प्रति सजग रहें और इन्हें संरक्षण प्रदान करें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी अपने समृद्व अतीत पर गौरव अनुभव कर सकें।
उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार लोगों को नई ऊर्जा प्रदान करते हैं और हमें इनमें सक्रियता से भाग लेना चाहिए और निस्वार्थ भाव से पीड़ित मानवता की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज से बुराइयों का उन्मूलन प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेवारी है। उन्होंने युवाओं से समृद्ध संस्कृति का सम्मान करने तथा इसे आगे बढ़ाने की अपील की।
इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वालों को भी पुरस्कार प्रदान किए। उपायुक्त एवं मेला समिति के अध्यक्ष अरिंदम चैधरी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक चंद्रशेखर, अनिल शर्मा, जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर, नगर निगम के उप महापौर विरेन्द्र भट्ट, पार्षद राजेन्द्र मोहन, जस्टिस धर्म चंद चैधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे ।
मंडी। हिमाचल का मंडी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 19 से 25 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए आम जनमानस की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष, डीसी अरिंदम चौधरी ने शनिवार को डीआरडीए के सभागार में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव के आयोजन के लिए आम जनमानस के सुझावों के आधार पर प्रारूप तैयार किया जाएगा। इस के लिए 24 जनवरी को विपाशा सदन में महोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के लिए आम सभा की बैठक भी आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि देवताओं तथा बजंतरियों के ठहरने के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही देवताओं की सुरक्षा के लिए भी उचित प्रबंध किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। सांस्कृतिक संध्याओं में हिमाचल की संस्कृति को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा। इस बार हिमाचली कलाकारों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि मेले स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी। इसमें शिवरात्रि मेले के तब और अब के स्वरूप को प्रमुखता से समेटा जाएगा। डीसी अरिंदम चैधरी ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेले के सफल आयोजन के लिए अपने अपने विभागों से संबंधित कार्यों को तत्परता के साथ निपटाएं। उन्होंने कहा कि महोत्सव के आयोजन के लिए विभिन्न स्तरों पर कमेटियां भी गठित की जा रही हैं।
इससे पहले एसी टू डीसी राकेश शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर एसपी शालिनी अग्निहोत्री, एडीएम अश्वनी कुमार, एसडीएम रितिका सहित विभिन्न गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।
मंडी। हिमाचल के मंडी के सेरी मंच पर शनिवार को स्माइल हिमाचल संस्था द्वारा छोटी काशी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव का शुभारंभ एसडीएम सदर रितिका जिंदल ने किया। उन्होंने कहा कि छोटी काशी महोत्सव का आयोजन जिला मंडी की प्राचीन परंपरा, संस्कृति व विरासत को सहेजने के उद्देश्य लिए किया गया।
यह महोत्सव तीन साल के बाद मनाया गया। पहले इसे प्रत्येक वर्ष मनाया जाता था, परन्तु कोरोना के कारण यह पिछले कुछ वर्ष से आयोजित नहीं किया गया था। महोत्सव में संगीत सदन मंडी द्वारा सोलह संस्कार व लुड्डी, कृष्णा वूल उद्योग द्वारा मंडी की संस्कृति को दर्शाता फैशन शो, सिराज स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सराजी नाटी प्रस्तुत की गई।
पारंपरिक व्यंजनों के लगाए गए स्टॉल
भारतीय सांस्कृतिक निधी (इन्टैक) द्वारा सेरी में मंडी के प्राचीन व पारंपरिक पकवानों का स्टाल भी लगाया गया। इस स्टाल में भटाबरू, घयोर, ठण्स्सया (दंद कड़ाका), सगोती, लाड्डू, चुड़ का साग, कत्तीरे गोंदा रा फलूदा, भल्ले बाबरू आदि व्यंजन प्रर्दशित किए गए। स्थानीय जनता ने इन व्यंजनों का लुत्फ उठाया और बताया कि इन व्यंजनों में से कुछ ऐसे भी हैं जो उन्होंने पहली बार चखे और उन्हें बहुत स्वादिष्ठ लगे। उन्होंने बताया कि समय के साथ इन व्यंजनों को भुला दिया गया है, परन्तु ऐसे कार्यक्रम से हमें अपनी परंपरा को जानने और सहेजने का मौका मिलता है।
राजेश कुमार द्वारा बनाई गई मंडी कलम पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी व हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी एक झलक द्वारा विभिन्न छायाचित्रों को भी प्रदर्शित किया गया। साथ ही लोगों को ब्लैसिंग हैंडलूम ज्वैलरी व पहाड़ी भाषा की टांकरी लिपि से अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी लगाई गई।
हेरिटेज वॉक का भी आयोजन
छोटी काशी महोत्सव के बाद हेरिटेज वॉक का भी आयोजन किया गया जो सेरी मंच, अर्धनारीश्वर मंदिर, विक्टोरिया पुल होते हुए पंचवक्त्र मंदिर तक निकाली गई। वॉक में एसडीएम सदर रितिका जिंदल, तहसीलदार एवं अतिरिक्त पर्यटन अधिकारी विजय वर्धन, आईएएस प्रोबेशनर ईशान्त जसवाल और नेत्रा मेती, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, स्माईल हिमाचल संस्था के संस्थापक निखिल वालिया, सिराज स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सहित एनएसएस की छात्राओं व मंडी शहर के निवासियों ने भाग लिया।