शिमला। हिमाचल सरकार ने पटवारी और कानूनगो को जिला कैडर से स्टेट कैडर में शामिल करने के आदेश वापस ले लिए हैं।
शनिवार शाम को हिमाचल सरकार ने राजस्व विभाग के तहत मोहाल और बंदोबस्त के पटवारी (ग्रुप सी) और सभी कैटागिरी के कानूनगो को लेकर स्टेट कैडर में शामिल करने का फैसला लिया था। कुछ ही घंटों में सरकार ने फैसला वापस लेते हुए नई नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
बता दें कि हिमाचल राजस्व विभाग के तहत मोहाल और बंदोबस्त के पटवारी (ग्रुप सी) और सभी कैटागिरी के कानूनगो को स्टेट कैडर में शामिल करने के आदेश जारी हुए थे।
इस बारे नोटिफिकेशन भी जारी की गई थी। नोटिफिकेशन के अनुसार राजस्व विभाग के मोहाल और बंदोबस्त के पटवारी (ग्रुप सी) और कानूनगो के सभी वर्ग (ग्रुप सी) स्टेट कैडर घोषित किए थे। लेकिन, कुछ घंटे बाद ही यह आदेश वापस ले लिए गए।
ऊना। हिमाचल के ऊना जिला में पटवारी को पांच हजार रुपए लेते रंगे हाथ धरा है। शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने यह कार्रवाई की है।
बता दें कि मैहतपुर पटवार सर्कल के पटवारी ने राजस्व विभाग की वेबसाइट पर विभाजन की कार्रवाई को अपडेट करने की एवज में पैसों की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने मामले की शिकायत विजिलेंस में की।
शिकायत मिलने के बाद ऊना विजिलेंस की टीम ने आरोपी पटवारी को पकड़ने के जाल बिछाया और पटवारी को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ धर दबोचा। विजिलेंस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि कांगड़ा जिला में नूरपुर के तहत ब्रांडा पटवार सर्किल में भी 16 अक्टूबर को महिला पटवारी रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया था। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो कांगड़ा की टीम ने महिला पटवारी को निशानदेही की रिपोर्ट देने के बदले दो हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
ऊना। हिमाचल के जिला ऊना में विजिलेंस की टीम ने एक पटवारी को 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपी पटवारी के खिलाफ विजिलेंस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
विजिलेंस ऊना के डीएसपी कुलविन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो थाना ऊना में अशोक कुमार निवासी जखेड़ा ने शिकायत देते हुए बताया था कि सतपाल निवासी गांव बाथड़ी पटवार सर्कल मैहतपुर में बतौर पटवारी तैनात है और वह खानगी तकसीम को ऑनलाइन करने के बदले में 5000 रुपए की रिश्वत मांग रहा है।
बोले- अधिकारी, कर्मियों को बेवजह परेशान करने का नहीं इरादा
शिमला। बीते दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में लैंड रेवेन्यू एक्ट में संशोधन कर राजस्व से जुड़े मामलों में तेजी लाने के लिए समय सीमा निर्धारित करने का कानून बनाया और इसमें देरी होने पर विभागीय कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया है। पर इसको लेकर पटवारी व कानूनगो कर्मचारी संगठनों में विरोध है।
संगठनों का तर्क है कि पटवारी -कानूनगो पर अनावश्यक रूप से इतने काम थोप दिए हैं, जिनका मैन्युअल में तय कामों से दूर दूर तक वास्ता नहीं है। हर रोज विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट तैयार करने में आधा दिन बीत जाता है, जो किसी अधिकारी की गिनती में नहीं आता है। एक कानूनगो ज्यादा से ज्यादा पांच-सात निशानदेही के मामले एक माह में निपटा सकता है, जबकि उसके पास निशानदेही के प्रतिमाह 30 से 40 मामले आते हैं , ऐसी सूरत में सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा में काम कैसे होगा, इस पर विचार किया जाए।
नहीं तो पटवारी-कानूनगो एक दिन में कौन-कौन से काम कितनी मात्रा में करेगा, इस बारे में भी एक बिल लाया जाए। वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और भूमि और राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों को आश्वासन दिया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि लैंड रेवेन्यू एक्ट से जुड़े संशोधन को लेकर सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का किसी भी तरीके से अधिकारी, कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने का इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में मामले लंबित पड़े रहने के चलते यह फैसला लिया गया। जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार जल्दी ही राजस्व विभाग में भर्ती प्रक्रिया को भी शुरू करेगी। पटवारी से कानूनगो पदोन्नति प्रक्रिया में रियायत देने के बारे में भी सरकार सोच रही है।
वहीं, हिमाचल पटवारी कानूनगो कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि विधानसभा के दौरान कानून लाया गया, जिसमें तय समय सीमा के प्रावधान को लेकर कर्मचारियों ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि विभाग में कर्मचारियों की कमी है। साथ ही फसल के समय, घास के वक्त, बरसात और बर्फ के दौरान नाप नपाई यदि के काम नहीं किए जा सकते हैं।
ऐसे में सरकार समय सीमा कैसे तय करेगी। इसी आशंका को लेकर अधिकारी कर्मचारियों ने सरकार से बात की। इसके बाद अब उन्हें राजस्व मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है। मंत्री के साथ बैठक भी होनी तय है, जिसमें इन मसलों के हल पर विचार विमर्श किया जाएगा।
कांगड़ा। संयुक्त पटवार एवं कानूनगो महासंघ तहसील इकाई कांगड़ा की ओर से गुरुवार को तहसीलदार कांगड़ा मोहित रत्तन के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा।
इसमें महासंघ की ओर से संशोधित राजस्व अधिनियम की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए आग्रह किया है कि इस संशोधन के माध्यम से राजस्व कार्यों को निपटाए जाने के लिए बनाई गई समय सीमा से महासंघ सहमत नहीं है।
लोगों को समय पर सुविधा मिले इसका महासंघ स्वागत करता है, मगर यह केवल कानून बनाने से नहीं होगा अपितु धरातल पर आवश्यक सुधार करने होगा। वर्तमान समय में पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार व तहसीलदार स्तर तक के लगभग 25 से 70 फीसदी पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा पटवारी, कानूनगो को अपने राजस्व कार्य करने का तो समय ही नहीं मिल पाता है।
हर रोज विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट, फोन द्वारा विभिन्न -विभिन्न सूचनाओं को तैयार करके भेजना, पीएम किसान सम्मान से जुड़े काम, स्वामित्व योजना, 1100 सीएम सकंल्प शिकायत विवरणी के निपटारे , राहत कार्य, फसल गिरदावरी, निर्वाचन कार्य के अलावा बीएलओ व सुपरवाइजर के काम, लोक निर्माण , वन, खनन, उद्योग आदि अनेकों परियोजनाओं के मौका कार्य एवं संयुक्त निरीक्षण शामिल है।
साथ ही इंतकाल दर्ज करना, उच्च अधिकारियों तथा माननीयों के भ्रमण में हाजिर होना, विभिन्न न्यायालयों में पेशियों व रिकॉर्ड पेश करने बारे हाजिर होना, राजस्व अभिलेख को अपडेट करना, कार्य कृषि गणना, लघु सिंचाई गणना, धारा 163 के तहत मिसल कब्जा नाजायज तैयार करना, जमाबंदी की नकलें सत्यापित करना शामिल है।
साथ ही जो रिकॉर्ड वर्ष 2000 से पहले का कम्प्यूट्रीकृत नहीं हुआ है, उसकी लिखित रूप में नकलें तैयार करना, मौक़ा पर ततीमा तैयार करना, टीआरएस गिरदावरी करना , आरएमएस पोर्टल अपडेट करना, भूमि विक्रय हेतु दूरी प्रमाण पत्र, बीपीएल सर्वेक्षण कार्य, आरटीआई से संबंधित सूचना तैयार करना, 2/3 बिस्वा अलॉटमेंट, धारा 118 की रिपोर्ट तैयार करना शामिल है।
इसके अतिरिक्त बैंकों के लोन संबंधित रपटें दर्ज करना, भूमि की कुर्की संबंधित रपटें दर्ज करना, प्रतिदिन एनजीडीआरएस, मेघ , मेघ चार्ज क्रिएशन, मन्दिर व मेला ड्यूटी , क्राप कटिंग एक्सपेरिमेंट, लैंड एक्यूजेशन वर्क, पेंशन फार्म, मंदिर में चढ़ावा गणना, जनगणना कार्य, जल निकाय गणना, भू-हस्तांतरण संबंधित कार्य, वांरट वेदखली, रिकवरी, अटैकमैंट, व प्रतिदिन Whatsapp के माध्यम से मांगी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को तैयार करने में ही समय व्यतीत हो जाता है और माह के अंत में प्रोग्रेस निशानदेही व तकसीम की मांगी जाती है।
ज्ञापन के माध्यम से महासंघ सरकार के ध्यान में लाना चाहता है कि प्रदेश में पटवारी, कानूनगो को सप्ताह में तीन दिन कार्यालय में जरूरी तौर पर बैठने के अतिरिक्त फसल, घास व वर्षा के समय के बाद साल में 3-4 महीने ही फील्ड संबंधी कार्य करने को मिलते हैं। एक कानूनगो ज्यादा से ज्यादा पांच-सात निशानदेही के मामले एक माह में निपटा सकता है, जबकि उसके पास निशानदेही के प्रतिमाह 30 से 40 मामले आते हैं, ऐसी सूरत में सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा में काम कैसे होगा, इस पर विचार किया जाए।
महासंघ आग्रह करता है कि पटवारी, कानूनगो को इस बिल से कोई आपत्ति नहीं है। सरकार पटवारी-कानूनगो एक माह में कौन-कौन से काम कितनी मात्रा में करेगा, इस बारे एक बिल लाने की कृपा करें। महासंघ चाहता है कि संशोधित बिल को लागू करने से पहले एक बार राज्य कार्यकारिणी के साथ बैठक करने की कृपा करें।
महासंघ यह भी कहना चाहेगा कि यदि कार्यकारिणी के साथ चर्चा किए बिना इसको थोपने की कोशिश की गई तो महासंघ किसी भी प्रकार का आंदोलन करने पर विवश होगा।
ऊना। जिला ऊना की बंगाणा तहसील में एक पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। पटवार सर्कल थानाकलां के पटवारी विनोद कुमार पुत्र रोशन लाला निवासी हथलौण डा. हटली तहसील बंगाणा जिला ऊना को 6,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ विजिलेंस टीम ऊना ने पकड़ा है।
शिकायतकर्ता स्वर्ण सिंह ने शिकायत की थी कि आरोपी विनोद कुमार जमीन की तकसीम के बदले रिश्वत की मांग कर रहा है। इस शिकायत पर विजिलेंस टीम ऊना द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। टीम ने पटवारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते धरा है।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 के अंतर्गत अभियोग दर्ज किया गया है व आगामी अन्वेषण जारी है। विजिलेंस टीम का नेतृत्व एडिशनल एसपी धर्म चंद वर्मा द्वारा किया गया। टीम में इंदू देवी, जसवीर चंद, सुमन बाला आदि शामिल रहे।