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हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय में नौकरी के लिए कर लें तैयारी

कोर्ट की बैठक में लिया फैसला, रिक्त पदों पर जल्द होंगी भर्ती

धर्मशाला।  हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपना नाम पूरे भारत में रोशन किया है। वे धौलाधार परिसर-एक के सेमिनार हॉल में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कोर्ट की आयोजित 6वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। इस मौके पर इस मौके पर कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल भी मौजूद रहे। इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने सभी कोर्ट के सदस्यों का स्वागत किया।

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गौरतलब है कि कोविड महामारी के कारण विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठकें आयोजित नहीं हो सकी थीं। इसलिए इस बैठक में 27 नवंबर, 2019 को आयोजित विश्वविद्यालय कोर्ट की 5वीं बैठक के कार्यवृत्त के संबंध में मंजूरी ली गई और उसमें लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा की गई।  बैठक में विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट तथा वार्षिक लेखा पर अनुमति ली गई। साथ ही विश्वविद्यालय के वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान पर विश्वविद्यालय कोर्ट में मंजूरी ली गई।

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इसके अतिरिक्‍त विश्वविद्यालय में रिक्‍त शैक्षणिक और शिक्षकेत्‍तर पदों को भरने के संबंध में चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय जल्‍द ही रिक्‍त पदों को भरेगा।

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बैठक में प्रो. विशाल सूद, कुलसचिव (अतिरिक्त प्रभार), हिप्रकेवि, प्रो. प्रदीप कुमार, अधिष्ठाएता (अकादमिक), हि.प्र.के.वि., हि.प्र.के.वि., डॉ. विरेंद्र नेगी, लॉ फैकल्टी, पीयू चंडीगढ़, प्रो. नवदीप गोयल, भौतिकी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, डॉ. कनु प्रिया, एसोसिएट डीन, स्कूल ऑफ लॉ, सुशांत विश्वविद्यालय, गुड़गांव, नरेंद्र ठाकुर, वित्त अधिकारी, हिप्रकेवि, प्रो. सुमन शर्मा, परीक्षा नियंत्रक, हिप्रकेवि, प्रो. सुनील कुमार, कुलानुशासक, विक्रम शर्मा, पुस्तकालय अध्यक्ष, डॉ. शिव राम राव, एसोसिएट प्रोफेसर, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, डॉ. खेम राज शर्मा, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, राघव मनोचा, वाणिज्यी एवं प्रबंधन अध्यययन स्कूल, सुश्री अदिति शर्मा, भौतिकी एवं खगोल विज्ञान विभाग मौजूद रहे।

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कांगड़ा: भारी बर्फबारी को लेकर तैयारी, ‘आपदा मित्र’ निभाएंगे अहम भूमिका

सर्दियों के मौसम के लिए  प्रशासन अलर्ट, डीसी ने की बैठक
धर्मशाला। हिमाचल के कांगड़ा जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारी शूरू कर दी है।  स्थानीय स्तर पर ‘आपदा मित्र’ के तौर पर प्रशिक्षित लोग इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही मैक्लोडगंज क्षेत्र में किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दल को रोप वे के माध्यम से भेजा जाएगा।
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डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने  पूर्व तैयारी के तौर पर बर्फबारी वाले क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के पर्याप्त भंडारण व उपलब्धता सुनिश्चत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सामान्यतः जिला का बड़ा एवं छोटा भंगाल क्षेत्र व मैक्लोडगंज क्षेत्र बर्फबारी से प्रभावित होता है। इन क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों के पर्याप्त भंडारण और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करवाने के अलावा जरूरी मशीनरी तैयार रखी गई है।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने सर्दियों के दौरान जिले में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संभावित हिमपात एवं इसके चलते उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने और प्राकृतिक आपदा के बेहतर प्रबंधन के लिए संबंधित विभागों की पूर्व तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी व उससे होने वाले नुकसान की स्थिति से निपटने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने संबंधित विभागों को शीतऋतु में किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति होने पर जन-धन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पूर्व प्रबन्ध करने और सभी अधिकारियों को पूरी तरह मुस्तैद रहने को कहा है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि आपात स्थिति में लोगों को हर सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से डीसी ऑफिस धर्मशाला में एक स्थायी आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किया गया है। 24 घंटे क्रियाशील रहने वाले इस संचालन केंद्र का फोन नंबर 1077 है। उन्होंने सभी उपमंडल कार्यालयों में भी आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित करने एवं उन्हें सुचारू बनाने को कहा।
डॉ. निपुण जिंदल ने इस दौरान जिले के सभी उपमंडलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से संबंधित क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों सहित सभी लोगों को खराब मौसम में ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने व ट्रैकिंग न करने को लेकर उपयुक्त कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि होटल मालिकों और टूरिस्ट गाइड्स का भी इसमें सहयोग लें।
उन्होंने सभी उपमंडलाधिकरियों को अपने यहां आपदा प्रबंधन को लेकर सभी आवश्यक वस्तुओं एवं राहत बचाव कार्यों में उपयोग आने वाले यंत्र व उपकरणों की पूरी व्यवस्था के भी निर्देश दिए। उन्होंने उपमंडलाधिकारियों को भारी बर्फबारी के दौरान प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर ‘आपदा मित्र’ के तौर पर प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में आपदा मित्र की उपलब्धता को लेकर पहले ही सूची बना लें, ताकि आवश्यकता पर उनकी सेवाएं ली जा सकें।
उन्होंने जल शक्ति विभाग और अग्निशमन विभाग को जिले में फायर हाइड्रेंट्स की मैपिंग करने को कहा। लोक निर्माण विभाग को बर्फबारी की स्थिति में रास्ते बहाल करने व अन्य प्रबंधों के लिए मशीनरी तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मैक्लोडगंज क्षेत्र में किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दल को रोप वे के माध्यम से भेजने को लेकर पूर्व तैयारी रखने को कहा। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्री सिंह, एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा, सभी उपमंडलों के एसडीएम, आरएम धर्मशाला राजन कुमार, होम गार्ड के कमांडैंट सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।