शिमला। हिमाचल में 7 एचपीएस को पदोन्नति का तोहफा मिला है। इन्हें पुलिस अधीक्षक (SP) बनाया गया है। SP रैंक पर पदोन्नति पाने वाले पुलिस अधिकारियों में एचपीपीएस सुशील कुमार, निश्चिंत सिंह नेगी, पंकज शर्मा, विनोद कुमार-द्वितीय, विजय कुमार, कुलभूषण वर्मा और भूपिंदर सिंह नेगी शामिल हैं।
शिमला। हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को स्टे कर दिया, जिसमें डीजीपी संजय कुंडू को पद से ट्रांसफर करने के आदेश दिए थे।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने हाईकोर्ट के प्रारंभिक आदेश पर यह रोक लगाई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर रोक के बाद अब संजय कुंडू फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। डीजीपी संजय कुंडू ने वीरवार को ही हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
बता दें कि इससे पहले भी संजय कुंडू हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाते हुए डीजीपी संजय कुंडू को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने का मौका दिया था।
डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने हाईकोर्ट में रिकॉल एप्लीकेशन दायर की थी। 9 जनवरी को हाईकोर्ट ने रिकॉल एप्लीकेशन डिसमिस कर दी थी। साथ ही सरकार को आदेश दिए थे कि इन दोनों को पदों से हटाया जाए।
आदेशों के खिलाफ डीजीपी संजय कुंडू एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगा दी।
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने पूर्व DGP संजय कुंडू और SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री की रिकॉल एप्लिकेशन डिसमिस कर दी है।
इसी के साथ चीफ जस्टिस MS रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच ने आज अपनी जजमेंट सुनाते हुए DGP संजय कुंडू और कारोबारी निशांत शर्मा मामले की जांच के लिए पुलिस SIT गठित करने को कहा है।
इसमें कोर्ट के 26 दिसंबर के आदेशानुसार ट्रांसफर पर स्टे लगाने की गुहार लगाई गई थी। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दोनों अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर दिया था। डबल बैंच ने मंगलवार को इसे लेकर फैसला सुना दिया है।
शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू को अन्य पद पर स्थानांतरित करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आयुष प्रधान सचिव के पद पर संजय कुंडू की तैनाती फिलहाल प्रभावी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट से आदेश वापस लेने के कुंडू के आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर फैसला करने को भी कहा।
बता दें कि पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा मामले में 26 दिसंबर को हाईकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को मौजूदा पदों से हटाकर किंही और पदों पर लगाने के आदेश जारी किए थे। आदेश में साफतौर पर लिखा गया था कि जब तक दोनों अधिकारी पदों पर हैं, फेयर इन्वेस्टिगेशन की उम्मीद नहीं है।
कोर्ट ने आदेश में टिप्पणी की है कि जब पीड़ित निशांत शर्मा ने एसपी कांगड़ा से अप्रोच किया तो उन्होंने उपयुक्त कार्रवाई नहीं की। एक दो दिन तक कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई हुई तो भी प्रभावी तरीके से नहीं हुई। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि न्याय होना ही नहीं चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है, ताकि समाज को स्पष्ट संदेश जाए।
डीजीपी को लेकर कोर्ट ने विस्तृत टिप्पणी की है कि उन्होंने पीड़ित को फोन कॉल किए हैं। पीड़ित निशांत को सर्विलांस पर भी रखा और कुछ पुलिस अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ डीजीपी संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और याचिका दायर की। इसी बीच दो जनवरी को संजय कुंडू को आयुष विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही आईपीएस सतवंत अटवाल को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।
डीजीपी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। संजय कुंडू के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि हाईकोर्ट ने उन्हें नहीं सुना। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉल एप्लीकेशन को 2 हफ्ते के भीतर निपटाया जाए। तब तक संजय कुंडू अपने पद पर बने रहेंगे। हिमाचल हाईकोर्ट में कल इस मामले की सुनवाई होनी है।
हाईकोर्ट ने वर्तमान पोस्ट से हटाने के दिए हैं आदेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के बाद आज शिमला लौटे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आलाकमान के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा कि बैठक में तय हुआ कि पार्टी लोकसभा चुनाव में मजबूत और ईमानदारी प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी। वहीं, लोकसभा चुनाव के मुद्दों को लेकर उन्होंने कहा कि यह मुद्दे आने वाले वक्त में सामने होंगे।
वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को वर्तमान पोस्टिंग से हटाए जाने के आदेश को लेकर कहा कि वह इन ऑर्डर को पढ़ेंगे और इसके बाद विचार विमर्श कर फैसला लेंगे।
शिमला। पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा केस में हिमाचल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को वर्तमान पदों से हटाने के आदेश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने गृह सचिव को इस बाबत शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने के आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट ने पुलिस के इन दोनों आलाधिकारियों को ऐसे पदों पर तैनात करने के आदेश दिए जहां से इन दोनों को मामले में दर्ज प्राथमिकियों की जांच को प्रभावित करने का कोई अवसर न मिले। कोर्ट ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि इस मामले में यह पता नहीं क्यों गृह सचिव ने अपनी आंखे मूंद ली।
कोर्ट ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय न केवल होना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए के सिद्धांत को देखते हुए उक्त अधिकारियों का मौजूदा पदों पर रहना वाजिब नहीं होगा।
पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद हिमाचल हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश जारी किए हैं। इस मामले में प्रार्थी कारोबारी निशांत ने अपने और परिवार की सुरक्षा को खतरे बारे हाईकोर्ट को ईमेल के माध्यम से अवगत करवाया था।
इस ईमेल को आपराधिक रिट याचिका में तब्दील करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को प्रार्थी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए थे।
पिछली सुनवाई के दौरान एसपी कांगड़ा की ओर से बताया गया था कि प्रार्थी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में लगाए आरोपों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को सौंपी जा चुकी है।
मामले में एसपी शिमला ने इस मामले में ऊंचे लोगों की संलिप्तता का अंदेशा जताया था। एसपी शिमला की जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया कि डीजीपी उक्त कारोबारी द्वारा बताए गए एक रसूखदार व्यक्ति के संपर्क में रहे।
जांच में पाया गया कि डीजीपी ने 27 अक्टूबर को निशांत को 15 मिस्ड कॉल की। जांच में यह भी सामने आया कि डीजीपी ने कारोबारी पर निगरानी रखी। जबकि एसपी कांगड़ा द्वारा मामले में देरी से प्राथमिकी दर्ज करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
एसपी कांगड़ा कोर्ट को यह भी नहीं बता पाईं कि इस मामले में एसपी शिमला द्वारा की गई जांच में सामने आए तथ्यों का उपयोग कांगड़ा में दर्ज प्राथमिकी की जांच में उपयोग में क्यों नहीं लाए गए।
कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों के मद्देनजर मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उन्हें यह मामला अपने हाथों में लेने पर मजबूर होना पड़ा।
महाधिवक्ता अनूप रत्न ने बताया कि मामले की सुनवाई 21 दिसंबर को हो गई थी, आज आदेश आए हैं। कोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा को किंही और पदों पर लगाने के आदेश दिए हैं।
आदेशों में साफ किया कि जब तक दोनों पदों पर हैं, फेयर इंवेस्टिगेशन की उम्मीद नहीं है। कोर्ट ने आदेश में टिप्पणी की है कि जब पीड़ित निशांत शर्मा ने एसपी कांगड़ा से अप्रोच किया तो उन्होंने उपयुक्त कार्रवाई नहीं की। एक दो दिन तक कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्ट का मानना है कि कार्रवाई हुई भी है तो प्रभावी तरीके से नहीं हुई है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि न्याय होना ही नहीं चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए की न्याय हुआ है, ताकि समाज में स्पष्ट संदेश जाए।
डीजीपी को लेकर कोर्ट ने विस्तृत टिप्पणी की है कि उन्होंने फोन काल किए हैं। पीड़ित निशांत को सर्विलांस पर भी रखा है और कुछ पुलिस अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं।
इसी के चलते डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को पदों से स्थानांतरित कर कहीं और लगाने के आदेश दिए हैं।
ऋषि महाजन/नूरपुर।हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू शनिवार को नूरपुर पहुंचे। उन्होंने यहां पुलिस जिला नूरपुर एसपी ऑफिस और पुलिस लाइन के लिए जमीन देखी। नूरपुर में मीडिया से बातचीत में डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि जसूर एग्रो इंडस्ट्रीज में एसपी ऑफिस के लिए जमीन देखी है। एग्रो इंडस्ट्रीज को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं है। जल्द ही जमीन विभाग के नाम ट्रांसफर हो जाएगी।
पुलिस लाइन के लिए रैहन और राजा का तालाब में जमीन देखी। पर यह जमीन एसपी ऑफिस से काफी दूर है। कर्मचारी को आने-जाने में दिक्कत हो जाएगी। हमारी प्राथमिकता है कि पुलिस लाइन की जमीन एसपी ऑफिस से पांच किलोमीटर दायरे में हो। इसके लिए नागनी में जमीन देखी गई है। इसका जल्द ही एफसीए केस बनाकर भेजा जाएगा।
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि बॉर्डर क्षेत्र होने के चलते नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा दिया गया है। पुलिस जिला नूरपुर 26 अगस्त 2022 को बना था। 11 माह में पुलिस जिला नूरपुर ने अच्छा काम किया है। उन्होंने बताया कि करीब 11 माह में एनडीपीएस के 115 मामले दर्ज हुए हैं और करीब चार किलो चिट्टा बरामद किया है। साथ ही 1 करोड़ 21 लाख 12 हजार 420 का कैश सीज किया है।
जब नूरपुर कांगड़ा एसपी ऑफिस के अधीन था तो 82 केस और 454 ग्राम चिट्टा पकड़ा था। पैसों की जब्ती 4 करोड़ 57 लाख थी। संजय कुंडू ने कहा कि सीमावर्ती जिला है। पंजाब बॉर्डर के साथ लगता है। पहले भी आतंकी वारदात हुई हैं। आतंकी हिमाचल में न घुस सकें और चिट्टे की तस्करी पर अंकुश लगे इसके चलते नूरपुर पुलिस जिला बनाया गया था।
नूरपुर पुलिस जिला बनने पर अवैध खनन पर भी शिकंजा कसा है। करीब 11 माह की अवधि में 797 चालान किए हैं और 94 लाख 26 हजार जुर्माना वसूला गया है। कांगड़ा के अधीन होते 426 चालान और 17 लाख फाइन था। नूरपुर पुलिस जिला से पांच एनडीपीएस के केस 9.87 करोड़ संपत्ति सीज के लिए वित्त मंत्रालय भेजे गए हैं।
इनमें से 3 करोड़ रुपए की पुष्टि हो गई है और उन्हें पक्के तौर पर सीज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक कैश सीज नूरपुर पुलिस जिला में हुआ है। करीब दो करोड़ की राशि जब्त की है, जोकि ट्रेजरी में जमा है। जिसे लेने के लिए भी कोई नहीं आया है।
दो को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री करेंगे शुभारंभ
शिमला। हिमाचल पुलिस 2 मार्च से 6 मार्च तक जिला ऊना के अंदरौली में 22वीं अखिल भारतीय वाटर स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का आयोजन कर रही है। इस आयोजन की थीम Experience the water of himachal रखी गई है। इस प्रतियोगिता में 19 राज्यों और केंद्र पुलिस बलों के 460 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं। इसमें 10 टीमें महिलाओं की भी हैं। ये टीमें Rowing, Canoeing और Kayaking की प्रतियोगिताओं में दमखम दिखाएंगी।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री दो मार्च को चैंपियनशिप का शुभारंभ करेंगे। 2 मार्च को ऊना के लता मंगेशकर कला केंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। डीजीपी संजय कुंडू प्रतिभागियों के लिए 3 मार्च को बड़ा खाने की मेजबानी करेंगे। तीन मार्च को लता मंगेशकर कला केंद्र ऊना में हिमाचल पुलिस आर्केस्ट्रा हार्मनी ऑफ द पाइंस की प्रस्तुति होगी। 6 मार्च को पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह प्रतियोगिता का समापन करेंगे।
हिमाचल पुलिस ने आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। यह हिमाचल पुलिस के लिए एक गर्व का विषय है कि वाटर स्पोर्ट्स में इस तरह का पहला राष्ट्रीय आयोजन किया जा रहा है। अंदरोली को वाटर स्पोर्ट्स के विशेषज्ञ भी वाटर स्पोर्ट्स के लिए देश भर के बेहतरीन स्थानों में से एक मानते हैं। डीजीपी संजय कुंडू ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी हैं।
शिमला। हिमाचल पुलिस ऑर्केस्ट्रा हारमनी ऑफ द पाइन्स के सफर में बड़ी उपलब्धि जुड़ने वाली है। कलर्स टीवी के कार्यक्रम हुनरबाज देश की शान में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाला हिमाचल पुलिस ऑर्केस्ट्रा हारमनी ऑफ द पाइन्स दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2023 में जलवा बिखेरेगा। दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2023 20 फरवरी को मुंबई के ताज लैंड्स एंड में होगा।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2023 का आधिकारिक निमंत्रण मिल गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ऑर्केस्ट्रा हारमनी ऑफ द पाइन्स के सदस्य इंस्पेक्टर विजय कुमार ने आधिकारिक निमंत्रण डीजीपी संजय कुंडू को सौंपा। डीजीपी संजय कुंडू ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार में प्रस्तुति के लिए हारमनी ऑफ द पाइन्स को बधाई दी है।
वर्ष 1996 में शुरू हुए पुलिस आर्केस्ट्रा बैंड के पास कभी अपने यंत्र तक नहीं होते थे और अब इस बैंड ने देशभर में धूम मचा रखी है। यह देश का पहला मान्यता प्राप्त पुलिस आर्केस्ट्रा है।
हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस का आर्केस्ट्रा बैंड पूरे देश में नाम कमा रहा है। पुलिस बैंड को दादा साहेब फालके फिल्म अवार्ड 2023 सेरेमनी में परफॉर्म करने का निमंत्रण मिला है। इससे हम देशभर में अलग पहचान बनाने में कामयाब होंगे।