बोले- कार्यकर्ताओं को लंच कराने के लिए खर्च कर दिए करोड़ों रुपए
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान जनमंच को लेकर जमकर हंगामा देखने के लिए मिला। विपक्ष ने जनमंच बंद करने को लेकर सदन में नारेबाजी की और सरकार ने जनमंच को लंच मंच करार दिया। सदन में पक्ष-विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर बहस हुई।
हिमाचल प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार के वक्त शुरू किया गया जनमंच किसी काम का नहीं था। यहां लोगों की समस्या का समाधान तो होता नहीं था, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम किया जाता था। उन्होंने कहा कि सरकार ने कार्यकर्ताओं को लंच कराने के लिए करोड़ों रुपए व्यय कर दिए। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार जनता की समस्या का समाधान करेगी। इसके लिए जनमंच की आवश्यकता नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने उठाई कार्यक्रम को बंद न करने की मांग
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन प्रश्नकाल के बाद सदन में पूर्व सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनमंच कार्यक्रम को लेकर खूब बवाल हुआ। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूछा कि क्या वर्तमान सरकार जनमंच को बंद कर रही है। उन्होंने कार्यक्रम को बंद ना करने का मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया।
जयराम ने कहा कि जनमंच एक लोकप्रिय कार्यक्रम है जिसमें लोगों की शिकायतों का मौके पर निपटारा होता है और लगभग 43,821 शिकायतों का पूर्व की भाजपा सरकार में इसके माध्यम से हल हुआ है। वर्तमान सरकार इसको बंद करके गलत परंपरा शुरू कर रही है। इस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने दखल देते हुए कहा कि जनमंच कार्यक्रम लंच मंच में तब्दील हो गया था और पूर्व की सरकार में 5 करोड़ रुपए टेंट और लंच में फूंक दिए और कार्यक्रम में अधिकारियों की खूब बेइज्जती भी होती रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनी है और व्यवस्था परिवर्तन का दौर चल रहा है। सरकार जन मंच कार्यक्रम की जगह कोई नया मंच लोगों की समस्याओं को लेकर आएगी जिसमें अधिकारियों को भी सम्मान दिया जाएगा और लोगों की समस्याओं का भी मौके पर निपटारा होगा। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सदन की कार्यवाही को भी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में बंद करने की जो प्रक्रिया शुरू हुई है वह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जनमंच जनता की समस्याओं को लेकर हिमाचल प्रदेश ही नहीं देशभर में विख्यात हुआ है और ऐसे में इस कार्यक्रम को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने नाम पर नई योजनाएं बनाने की गलत परंपरा शुरु कर रहे हैं और एक भेदभावपूर्ण रवैया सरकार द्वारा अपनाया जा रहा है जिसका जनता में बहुत अधिक रोष है।
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जनमंच को लेकर हंगामा हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जनमंच को बंद न करने की मांग की। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नई सरकार जनता की समस्याएं हल करने के लिए नया मंच लाएगी।
गुस्साए विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष वैल तक पहुंच गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
बता दें कि जनमंच को लेकर प्रश्नकाल में प्रश्न लगा था। ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने सवाल पूछा था। सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने जानकारी दी कि 3 जून, 2018 से 1 मई, 2022 तक कुल 258 जनमंच कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इन पर 534.38 लाख रुपए की राशि व्यय की गई और इन जन मंचों में कुल 45,726 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 43,821 शिकायतों का निपटारा किया गया।