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दलाई लामा की छवि धूमिल करने की साजिश की जा रही : किशन कपूर

दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई का किया अनुरोध

धर्मशाला। चंबा-कांगड़ा लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने गत सप्ताह तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की छवि सोशल मीडिया में धूमिल करने के प्रयास को महामना के विरुद्ध चीन की साजिश करार दिया है।

किशन कपूर ने कहा है महामना के दूसरे घर हिमाचल के लोग इस दुष्प्रचार से अत्यंत आहत हैं और इस संबंध में भारत सरकार से दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।

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सांसद किशन कपूर ने कहा कि महामना दलाई लामा ने तिब्बत से निर्वासन के बाद धर्मशाला के मैक्लोडगंज को अपना दूसरा घर बनाया। तिब्बत की निर्वासित सरकार का मुख्यालय यहां स्थापित किया तथा तिब्बत की आज़ादी के लिए अपना संघर्ष यहां से ही जारी रखा।

महामना दलाई लामा ने विश्व में शांति का संदेश फैलाया और आज उनके अनुयायी विश्व के कोने-कोने से उनके दर्शनार्थ मैक्लोडगंज पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा के यहां रहने से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि तिब्बती धर्मगुरु ने सदैव मानवीय मूल्यों के सम्मान की पैरवी की है। उनके विषय में दुष्प्रचार अतार्किक और असंगत है और इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

बच्चे को किस कर विवादों में फंसे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, मांगी माफी
ये है मामला

बता दें कि कि हाल ही में सोशल मीडिया पर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो उस समय का है, जब तिब्बती धर्मगुरु चंडीगढ़ में एक बौद्ध कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। वीडियो में तिब्बती धर्मगुरु एक बच्चे को लिप किस करते दिख रहे हैं।

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वीडियो में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा बच्चे के साथ और मजाकिया लहजे में और भी कुछ कहते नजर आए। दलाई लामा के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स तीखे कमेंट किए थे।

इसके बाद तिब्बती धर्मगुरु के आधिकारिक कार्यालय ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि आध्यात्मिक नेता का मकसद किसी को चोट पहुंचाना नहीं था। उन्हें बेहद दुख है कि उनकी बात से लोगों को दुख पहुंचा है। इसके लिए वे माफी मांगते हैं।

बता दें कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2019 में महिलाओं पर टिप्पणी करके उन्होंने विवाद खड़ा कर दिया था। दलाई लामा ने कहा था कि अगर उनकी उत्तराधिकारी एक महिला होती है तो वह आकर्षक होनी चाहिए। उनकी इस टिप्पणी की दुनियाभर में आलोचना हुई थी। यह टिप्पणी उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान की थी, लेकिन विवाद बढ़ने पर उन्हें इसके लिए माफी मांगनी पड़ी।

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अनुराग के नेतृत्व में हिमाचल के सांसदों ने नितिन गडकरी से की मुलाकात, रखी ये मांग

नए प्रोजेक्टों की जल्द मंजूरी की मांग की
शिमला। केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल के सांसदों किशन कपूर, सुरेश कश्यप, इंदू गोस्वामी, सिकंदर कुमार व पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर नए प्रोजेक्टों की जल्द मंजूरी की मांग की, जिसमें 900 करोड़ की लागत से लठियाणी-मंदली ब्रिज की मांग प्रमुखता से की व सड़कों के रूप में पुरानी सभी सौगातों के लिए उनका आभार प्रकट किया।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सीमित रेल और हवाई कनेक्टिविटी वाले हमारे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए सड़कें जीवन रेखा का काम करती हैं। औद्योगिक  व विकास की अन्य परियोजनाओं को गति देने , पर्यटन व राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए सड़क सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। इसी के दृष्टिगत आज वह हिमाचल के शिमला से सांसद सुरेश कश्यप, कांगड़ा-चंबा से सांसद  किशन कपूर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी व डॉ. सिकंदर कुमार, पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात कर नए प्रोजेक्टों की  जल्द मंज़ूरी की मांग उनके सामने रखी।
 केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हमारी मांगों को गंभीरता से सुना व हिमाचल के हित में इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेने का हमें आश्वासन दिया है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा  “मेरे संसदीय क्षेत्र के कुटलैहड़ विधानसभा में एनएच 503 ए पर 36/0  किलोमीटर से लेकर 42/0  पर बिहड़ू से लठियाणी के बीच में बनने वाले मिसिंग लिंक व गोविंदसागर झील पर लठियाणी-मंदली ब्रिज लागत लगभग 900 करोड़ के निर्माण की मंज़ूरी, ज़िला कांगड़ा में 0/0 से 15/600 रक्कड़-चपलाह-अपर भरोली-टिक्कर-शांतला रोड पर सुधार कार्यों के लिए 12.91 करोड़ रुपये की मंज़ूरी  लिए अनुरोध किया।
साथ ही साथ मटौर-हमीरपुर-शिमला के लिए फ़ोरलेन हाईवे की मांग,  पठानकोट-मंडी हाईवे जिसे परौर तक फ़ोरलेन किया जा रहा उसे पूरा मंडी तक फ़ोरलेन करने की मांग व नाहन बाइपास की मांग की। जहां इन सड़कों की मंज़ूरी से यातायात की सुविधा मिलेगी वहीं दूसरी तरफ़ किसानों को, फ़ौजियों को, पर्यटकों को इसका लाभ मिलेगा। नितिन गडकरी ने सभी पहलुओं को पूरे ध्यान से सुना व इसके उचित क्रियान्वयन की बात कही है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को सदैव अपना दूसरा घर माना है और हिमाचल को सौग़ातें देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पूर्व में भी मोदी सरकार ने कीरतपुर-नेरचौक हाईवे, परवाणू शिमला हाईवे, धर्मशाला-मटौर-शिमला हाईवे, मुकेरियां- पठानकोट, जीरकपुर-परवाणू, तकरोली-कुल्लू , परवाणू- सोलन-शिमला जैसी परियोजनाएं देकर हिमाचल में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने का कार्य किया है, आगे भी प्रदेश के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

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कपूर ने धर्मशाला में CU के स्थाई परिसर के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से की बात-पढ़ें खबर

धर्मशाला। कांगड़ा-चंबा के लोकसभा सदस्य किशन कपूर ने  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला में स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के संबंध में लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस संबंध में लिया गया निर्णय असंगत और अतार्किक है।
आज दूरभाष पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से बातचीत के  पश्चात  मंत्रालय को प्रेषित एक पत्र में सांसद ने मंत्रालय को अवगत किया कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला की स्थापना वर्ष 2009  में की गई थी। पूर्व में यह निर्णय लिया गया था कि इस  विश्वविद्यालय के सभी संकाय धर्मशाला में ही खोले जाएंगे, लेकिन बाद में इसके संकाय को तीन भागों में बांट इसके परिसर देहरा एवं शाहपुर (कांगड़ा) में भी खोले गए।
कई वर्ष तक इस विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के मामले में अनिश्चितता बनी रही। उन्होंने कहा कि अब जब जिला प्रशासन द्वारा स्थाई परिसर के लिए भूमि आदि का चयन कर लिया गया तो पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस परिसर के  निर्माण के संबंध में यह आपत्ति दर्ज की गई है कि यहां बारिश अत्याधिक होती है और यह भूकंपीय क्षेत्र है अतः यहां इस  विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर का निर्माण नहीं किया जा सकता है। यह आपत्ति असंगत और अतार्किक लगती है।
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 उन्होंने कहा कि  धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की कुल जनसंख्या के अनुसार सबसे  बड़े  जिले का मुख्यालय है।  यहां राज्य और केंद्र सरकार के सभी महत्वपूर्ण कार्यालय स्थित हैं। इसके अतिरिक्त यहां सेना का कोर मुख्यालय और तिब्बत की निर्वासित सरकार की राजधानी भी इसी क्षेत्र में स्थित है। इसके अतिरिक्त यहां हवाई अड्डा भी है और वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो संकायों के संचालन हेतु आवश्यक हैं। उन्होंने मंत्रालय से  इस निर्णय पर पुनर्विचार कर  हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय  धर्मशाला के  स्थाई परिसर के निर्माण पर पुनर्विचार करें। केंद्रीय मंत्री ने सांसद किशन कपूर को  इस संबंध में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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