मंडी। अगर आप अखबार में लिपटी तली हुई कचौरी, समोसा, बर्गर या कुछ और खाद्य सामग्री खा रहे हैं तो सावधान हो जाएं ये आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
कुछ समय पहले खाद्य नियामक FSSAI ने भी इसको लेकर चेतावनी दी थी। अखबार में लिपटे खाद्य पदार्थ आपके लिए कैसे हानिकारक साबित हो सकते हैं आइए जानते हैं विस्तार से ….
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एक्सपर्टस की मानें तो अखबार में इस्तेमाल होने वाली स्याही में लेड, खतरनाक धातु और हानिकारक रसायन होते हैं जिन्हें सेहत के लिहाज से बहुत खतरनाक माना जाता है।
इसके अलावा डिस्ट्रीब्यूशन के दौरान अखबार कई तरह के हाथों में आते हैं, जमीन पर फेंके जाते हैं और इस तरह की कई परिस्थितियों से होकर गुजरते हैं।
ऐसे में अखबार के जरिए बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित होने का रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है। कोरोना काल में भी इसी वजह से तमाम लोगों ने अखबार पढ़ना बंद कर दिया था।
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ऐसे अखबार में जब हम खाने की कोई चीज रखते हैं तो उसकी स्याही के हानिकारक तत्व खाने की वस्तु में चिपक जाते हैं, साथ ही बैक्टीरिया और वायरस भी खाने में पहुंचने का रिस्क बढ़ जाता है।
खाने के जरिए ये हानिकारक चीजें हमारे शरीर में पहुंचती हैं और सेहत से जुड़ी तमाम तरह की परेशानियों का रिस्क बढ़ाती हैं।
अखबार में लिपटी खाद्य सामग्री को खाने से हानिकारक तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं और डाइजेशन खराब करते हैं। इसके अलावा फेफड़े, मस्तिष्क, किडनी और लिवर समेत तमाम अंगों पर बुरा असर डाल सकते हैं। कैंसर आदि तमाम गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं।
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FSSAI के अनुसार खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम, 2018 के अनुसार भोजन के भंडारण और लपेटने के लिए समाचार पत्रों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है।
इस नियम के अनुसार, समाचार पत्रों का उपयोग भोजन के पैकेजिंग, ढकने या परोसने के लिए नहीं किया जाना चाहिए और न ही इसका उपयोग तले हुए भोजन से अतिरिक्त तेल को सोखने के लिए किया जाना चाहिए।
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एडीसी मंडी निवेदिता नेगी ने भी इसको लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मंडी जिले में बाजारों में जनता के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन तय बनाने के निर्देश दिए हैं। एडीसी ने अधिकारियों को बाजार में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों के मानकों की कड़ाई से जांच करने को कहा है।
एडीसी निवेदिता नेगी ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी दुकानदार अखबार में लपेट कर तले हुए खाद्य पदार्थों की बिक्री न करे।
इसके अलावा कचौरी, समोसा या अन्य खाद्य पदार्थों के तलने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल में पोलर पदार्थ की मात्रा 25 प्रतिशत से ज्यादा होने पर उसका इस्तेमाल न हो।