शिमला। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एचआरटीसी (HRTC) कंडक्टर पोस्ट कोड 1031 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। इसमें 357 के नाम की सिफारिश नियुक्ति के लिए की गई है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 4 अप्रैल 2023 को एचआरटीसी (HRTC) कंडक्टर के 360 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इन पदों के लिए 10 दिसंबर 2023 को स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित किया था। इसके बाद 3 फरवरी को रिजल्ट घोषित किया था।
स्क्रीनिंग टेस्ट में 826 अभ्यर्थी सफल घोषित किए थे। दस्तावेज मूल्यांकन 19 फरवरी से 6 मार्च, 2024 (24, 25 फरवरी और 3 मार्च को छोड़कर) तक आयोजित किया गया। इसके बाद हिमाचल लोक सेवा आयोग ने फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया।
सरकाघाट। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) का प्लान 350 तैयार है। निगम में 350 ड्राइवरों, 350 कंडक्टरों की भर्ती होगी। साथ ही 350 इलेक्ट्रिक बसें HRTC के बेड़े में शामिल होंगी। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी धार्मिक दर्शन के लिए पौने दो सौ नए रूट चलाने जा रही है।
इससे प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों के साथ-साथ दूसरे राज्यों के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए भी बस सेवा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी (HRTC) में जल्द ही 700 ड्राइवरों-कंडक्टरों की भर्ती की जाएगी। इनमें 350 ड्राइवर और 350 कंडक्टर रखे जाएंगे। वहीं, जल्द ही एचआरटीसी के बेड़े में 350 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी।
डिप्टी सीएम शुक्रवार को मंडी जिले के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र की रखोटा पंचायत में आयोजित सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए काम कर रही है। सरकारी विभागों में भर्तियां की जा रही हैं। एचआरटीसी (HRTC) में भर्ती के अलावा अकेले जलशक्ति विभाग में ही 10 हजार युवा रखे जाएंगे। इससे प्रदेशभर में जलशक्ति विभाग की प्रत्येक स्कीम पर कर्मचारी होगा।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार जनता की अपनी सरकार है। जनकल्याण हमारी प्राथमिकता है। हमारी कोशिश है कि प्यार, सदभावना और विकास की राजनीति से जनता के सपनों का उन्नत हिमाचल बनाएं। इसके लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने अयोध्या में श्री राम मंदिर में प्रभु राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सभी भगवान राम को मानने वाले हैं। हम हर सुबह किसी न किसी मंदिर में होते हैं।
श्री राम हमारे आदर्श हैं, लेकिन हमारे लिए श्री राम राजनीति नहीं बल्कि आराधना का विषय है। बीजेपी वाले सिर्फ हवाई बाते करते हैं, हमने अयोध्या के लिए एचआरटीसी की 6 बसें चलाईं, ताकि प्रदेश के लोगों को सुविधा हो।
डिप्टी सीएम ने सरकाघाट के नबाही माता मंदिर के प्राचीन तालाब के जीर्णोंद्धार के लिए 25 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने रखोटा पंचायत के प्रांगण में बने मंच के सुधार के लिए 5 लाख तथा प्राचीन बताली माता मंदिर के सौंदर्यकरण के लिए 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
उन्होंने भदरोता क्षेत्र की सभी 16 पंचायतों के महिला मंडलों को 5-5 हजार रुपये देने की घोषणा भी की। उन्होंने भदरोता क्षेत्र से प्रदेश के बाहर के धार्मिक स्थलों के लिए 2 नए बस रूट आरंभ करने की स्वीकृति दी।
शिमला। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एचआरटीसी (HRTC) कंडक्टर के पदों को भरने के लिए आयोजित लिखित परीक्षा की अस्थाई उत्तर कुंजी (Answer Key) वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। अभ्यर्थी सहायक दस्तावेजों/संदर्भों के साथ ऑनलाइन आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। आपत्तियां 18 दिसंबर तक भेजी जा सकती हैं। आपत्ति दर्ज करवाने के लिए अभ्यर्थी को प्रति प्रश्न आपत्ति 100 रुपए (Non Refundable) शुल्क ऑनलाइन मोड से देना होगा, जो अधिकतम 500 रुपए तक सीमित है। इसके लिए आपत्ति को अंतिम रूप से प्रस्तुत करने से पहले अभ्यर्थी को लिंक उपलब्ध होगा।
आपत्तियां दर्ज करने या शुल्क जमा करने का कोई अन्य तरीका मान्य नहीं होगा। बिना आपेक्षित शुल्क जमा की गई आपत्तियों पर विचार नहीं किया जाएगा। किसी प्रकार की जानकारी के लिए अभ्यर्थी टेलीफोन नंबर 0177-2629738, 2624313 और टोल फ्री नंबर 1800-180-8004 पर संपर्क कर सकते हैं। यह जानकारी हिमाचल लोक सेवा आयोग के सचिव डीके रतन ने दी है।
बता दें कि आयोग ने HRTC कंडक्टर के 360 पदों के लिए आवेदन मांगें थे। 360 पदों में 130 अनारक्षित हैं। ईडब्ल्यूएस के लिए 38 पद आरक्षित हैं। ओबीसी के लिए 63, ओबीसी बीपीएल के लिए 13, ओबीसी वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर के लिए 2, एससी के लिए 73, एससी बीपीएल के लिए 13, एससी फ्रीडम फाइटर के लिए 4, एसटी के लिए 15 और एसटी बीपीएल के लिए 5 पद आरक्षित हैं।
चार पद अनारक्षित फ्रीडम ऑफ फाइटर के लिए आरक्षित हैं। साथ ही स्क्रीनिंग टेस्ट का अस्थाई शेड्यूल भी जारी कर दिया है। अब आयोग की उचित मंजूरी के बाद परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम भी अधिसूचित कर दिया है। इन पदों के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 10 दिसंबर 2023 को लिखित परीक्षा आयोजित की है। सैकड़ों युवाओं ने परीक्षा दी है।
हिमाचल लोक सेवा आयोग ने शुरू की है भर्ती प्रक्रिया
शिमला। हिमाचल में एचआरटीसी (HRTC) कंडक्टर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग 10 दिसंबर 2023 को पदों को भरने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित करेगा। परीक्षा सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ली जाएगी। रिपोर्टिंग टाइम 10 बजे होगा।
स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए ई एडमिट कार्ड निर्देशों के साथ हिमाचल लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। अभ्यर्थियों को उनके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के माध्यम से भी सूचित कर दिया गया है।
अभ्यर्थी को आवंटित परीक्षा केंद्र में बदलाव नहीं होगा। स्क्रीनिंग टेस्ट में उपस्थित होने से पहले अभ्यर्थी ई प्रवेश पत्र के साथ संलग्न निर्देशों को अच्छे से पढ़ें।
किसी प्रकार की जानकारी के लिए अभ्यर्थी किसी भी कार्य दिवस पर सुबह 10 से शाम पांच बजे तक आयोग के फोन नंबर 0177-2624313/2629739 और टोल फ्री नंबर 1800-180-8004 पर संपर्क कर सकते हैं। यह जानकारी आयोग के सचिव डीके रतन ने दी है।
बता दें कि आयोग ने HRTC कंडक्टर के 360 पदों के लिए आवेदन मांगें थे। 360 पदों में 130 अनारक्षित हैं। ईडब्ल्यूएस के लिए 38 पद आरक्षित हैं।
ओबीसी के लिए 63, ओबीसी बीपीएल के लिए 13, ओबीसी वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर के लिए 2, एससी के लिए 73, एससी बीपीएल के लिए 13, एससी फ्रीडम फाइटर के लिए 4, एसटी के लिए 15 और एसटी बीपीएल के लिए 5 पद आरक्षित हैं।
चार पद अनारक्षित फ्रीडम ऑफ फाइटर के लिए आरक्षित हैं। साथ ही स्क्रीनिंग टेस्ट का अस्थाई शेड्यूल भी जारी कर दिया है। अब आयोग की उचित मंजूरी के बाद परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम भी अधिसूचित कर दिया है।
अंतिम चयन शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन के बाद लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर निकाली गई संयुक्त योग्यता के आधार पर किया जाएगा।
हिमाचल लोक सेवा आयोग ने एचआरटीसी (HRTC) कंडक्टर पोस्ट का सिलेबस भी जारी किया है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी है। साथ ही हिमाचल का जीके, नेशनल और इंटरनेशनल जीके, मैथ शामिल है।
तार्किक तर्क (योग्यता) (Logical Reasoning Aptitude), आईटी टूल का ज्ञान (जीपीएस, वेबसाइट ऑफ एचआरटीसी, ई टिकटिंग, पेमेंट गेट वे, वेलफेयर स्कीम ऑफ एचआरटीसी), फर्स्ट एड और आपदा प्रबंधन, मोटर व्हीकल एक्ट और व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यवहार, कौशल भी शामिल है।
शिमला। एचआरटीसी प्रबंधन अपने कर्मचारियों की लापरवाहियों को लेकर सख्त हो गया है और तुरंत एक्शन भी ले रहा है। कुछ ऐसा ही एक्शन लिया गया है ड्यूटी के दौरान नशे में धुत्त मिले HRTC कंडक्टर पर। एचआरटीसी प्रबंधन ने कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
मामला एचआरटीसी के ढली डिपो के तहत सामने आया है। ढली डिपो से शिमला-जुन्गा सड़क पर चलने वाली बस के कंडक्टर को ऑन ड्यूटी नशे की हालत में पाया गया। इसके बाद कंडक्टर के खिलाफ जांच बैठाई गई। प्रथम जांच में एचआरटीसी कंडक्टर को दोषी पाया गया है। इसके बाद एचआरटीसी ने कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया है।
एचआरटीसी ढली डिपो के आरएम विनोद शर्मा का कहना है कि जुन्गा-शिमला रूट पर कंडक्टर की लापरवाही सामने आने और ड्यूटी के दौरान नशे की हालत में पाए जाने के बाद प्रबंधन ने कंडक्टर के खिलाफ जांच बैठाई थी। प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद अब कंडक्टर को सस्पेंड किया है।
शिमला। हिमाचल लोक सेवा आयोग ने एचआरटीसी कंडक्टर भर्ती स्क्रीनिंग टेस्ट के अस्थाई शेड्यूल के बाद सिलेबस भी जारी कर दिया है। स्क्रीनिंग टेस्ट 10 दिसंबर 2023 को है। अभ्यर्थी को आईटी टूल के बारे भी ज्ञान होना जरूरी है। इसमें जीपीएस (GPS) भी शामिल है। आईए आपको जीपीएस के बारे में कुछ जानकारी देते हैं।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) एक अमेरिकी स्वामित्व वाली उपयोगिता है, जो उपयोगकर्ताओं को पोजिशनिंग, नेविगेशन और टाइमिंग (पीएनटी) सेवाएं प्रदान करती है। इस प्रणाली में तीन खंड होते हैं।
पहला अंतरिक्ष खंड, नियंत्रण खंड और उपयोगकर्ता खंड होता है। GPS कम से कम 24 उपग्रहों से बना है, जीपीएस सभी प्रकार के मौसम में लगातार 24 घंटे काम करता है।
1960 में अमेरिका की सेना द्वारा जीपीएस टेक्नोलॉजी का पहली बार इस्तेमाल किया गया था।। आरंभिक चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा।
GPS की शुरुआत U.S Department of Defence के द्वारा 1973 में की गई थी। पहला सेटेलाइट साल 1978 में हुआ था। आम नागरिकों के लिए GPS का इस्तेमाल 1983 करीबन में चालू किया गया था। 27 अप्रैल, 1995 से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था।
साधारण शब्दों में कहें तो GPS आपको एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचने में मदद करता है। इससे लोकेशन पता करने में मदद मिलती है। साथ ही ट्रैकिंग के काम भी आता है।
यानी कोई वाहन इस वक्त कहां पहुंचा। जीपीएस उपग्रह जानकारी भेजते हैं, कंट्रोल रूम उसे कंट्रोल करता है और लोगों को इससे जानकारी मिलती है। जीपीएस तकनीक अब सेल फोन, कलाई घड़ी से लेकर बुलडोजर, शिपिंग कंटेनर और एटीएम तक हर चीज में है।
जीपीएस अर्थव्यवस्था के व्यापक हिस्से में उत्पादकता बढ़ाता है, जिसमें खेती, निर्माण, खनन, सर्वेक्षण, पैकेज वितरण और लॉजिस्टिक आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन शामिल हैं।
प्रमुख संचार नेटवर्क, बैंकिंग प्रणालियां, वित्तीय बाजार और पावर ग्रिड सटीक समय सिंक्रनाइज़ेशन के लिए जीपीएस पर बहुत अधिक निर्भर हैं। कुछ वायरलेस सेवाएं इसके बिना काम नहीं कर सकती हैं।
जीपीएस परिवहन दुर्घटनाओं को रोककर, खोज और बचाव प्रयासों में सहायता करके और आपातकालीन सेवाओं में तेजी लाकर लोगों की जान बचाता है। जीपीएस मौसम की भविष्यवाणी, भूकंप की निगरानी और पर्यावरण संरक्षण जैसे वैज्ञानिक उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष बल अंतरिक्ष और नियंत्रण खंडों संचालन करता है। जीपीएस उपग्रह लगभग 20,200 किमी (12,550 मील) की ऊंचाई पर मध्यम पृथ्वी कक्षा (एमईओ) में उड़ान भरते हैं। प्रत्येक उपग्रह दिन में दो बार पृथ्वी का चक्कर लगाता है।
जीपीएस तारामंडल में उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर छह समान दूरी वाले कक्षीय विमानों में व्यवस्थित किया गया है।
प्रत्येक विमान में बेसलाइन उपग्रहों द्वारा व्याप्त चार “स्लॉट” होते हैं। यह 24-स्लॉट व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्ता ग्रह पर किसी भी बिंदु से कम से कम चार उपग्रह देख सकते हैं।
3 जुलाई, 2023 तक, जीपीएस तारामंडल में कुल 31 परिचालन उपग्रह थे, जिनमें डीकमीशन किए गए, ऑन-ऑर्बिट स्पेयर शामिल नहीं थे। 25 मई, 2022 को स्पेस फोर्स ने पांचवें जीपीएस III उपग्रह को स्वस्थ (प्रयोग योग्य) स्थिति में स्थापित किया।
एससीए के एक दिन से भी कम समय में, 29 जून 2021 को, जीपीएस III एसवी05 को परिचालन स्वीकृति अनुमोदन प्राप्त हुआ जिससे 24 घंटे के भीतर एससीए हैंडओवर और परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने वाला पहला जीपीएस III एसवी चिह्नित हुआ। लॉन्च से लेकर ऑन-ऑर्बिट परिचालन क्षमता तक का समय 97 तक कम हो गया।
2020 में जीपीएस एंटरप्राइज ने वैश्विक महामारी के बीच दो जीपीएस III एसवी लॉन्च किए। इस महामारी द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों के बावजूद, उद्यम ने डिलीवरी समयसीमा को लगातार कम करके लॉन्च से लेकर परिचालन स्वीकृति तक की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना जारी रखा।
जीपीएस उद्यम में नवाचार और टीम वर्क ने अनावश्यक ऑन-ऑर्बिट सत्यापन चरणों की तेजी से पहचान और उन्मूलन को बढ़ाया है।
SV05, जिसका उपनाम “ARMSTRONG” है, को 17 जून 2021 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 ब्लॉक 5 वाहन पर लॉन्च किया गया था। 17 जून 2021 को पांचवें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) III अंतरिक्ष वाहन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
जीपीएस III एसवी05 वर्तमान जीपीएस समूह में शामिल होने वाला 24वां सैन्य कोड (एम-कोड) उपग्रह है, जिसमें 31-ऑपरेशनल अंतरिक्ष यान शामिल हैं, जो एम-कोड पूर्ण परिचालन क्षमता के लिए आवश्यक अंतिम है।
अमेरिकी अंतरिक्ष बल और उसके मिशन भागीदारों ने 30 जून 2020 को तीसरे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) III उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। GPS III SV08 में 2022 में लॉन्च हुआ।
भारत में भी इस प्रणाली के प्रयोग बढ़ते जा रहे हैं। दक्षिण रेलवे ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम पर आधारित यात्री सूचना प्रणाली वाली ईएमयू आरंभ कर रहा है। ऐसी पहली ईएमयू (बी-26) ट्रेन ताम्बरम स्टेशन से चेन्नई बीच के मध्य चलेगी।
इस ईएमयू में अत्याधुनिक ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम आधारित यात्री सूचना प्रणाली होगी जिसमें आने वाली ट्रेन का नाम, उस स्टेशन पर पहुंचने का अनुमानित समय, जनहित से जुड़े संदेश तथा यात्री सुरक्षा से संदेश प्रदर्शित किए जाएंगे।
दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम की लो-फ्लोर बसों के नए बेड़े जुड़े हैं इनकी ट्रैकिंग हेतु यहां भी जीपीएस सुविधा का प्रयोग आरंभ हो रहा है।
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) नई लगेज पॉलिसी लाया है। अब बिना सवारी भी सामान ले जाया जा सकता है। पूर्व में परिचालक बिना सवारी के कोई भी सामान नहीं ले जा सकता था।
नई लगेज नीति में कोई भी आम व्यक्ति अपना सामान परिचालक के माध्यम से भेज सकता है। सवारी के द्वारा सामान ले जाने के किराए में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है।
यदि बस में सामान ले जाने का स्थान उपलब्ध है तो कंडक्टर सामान ले जाने से मना नहीं कर सकता है। फिर भी यदि परिचालक मना करता है तो मुख्यमंत्री संकल्प सेवा 1100 पर शिकायत की जा सकती है।
नई लगेज नीति से हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने सितंबर, 2023 माह में 81 लाख रुपए की आय प्राप्त की है, जोकि पिछले वर्ष सितंबर, 2022 माह में 65 लाख रुपए थी।
कंडक्ट रूल, अनुबंध सेवा नियम आदि के पाए गए हैं दोषी
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) ने आय में बढ़ोतरी के लिए लगेज पॉलिसी शुरू की है। लगेज पॉलिसी को फेल करने के षड्यंत्र को आरोप में प्रबंधन ने दो कंडक्टर की सेवाएं बर्खास्त की हैं। अनुबंध पर सेवाएं दे रहे ये परिचालक (कंडक्टर) परिवहन सेवा आचरण नियम (कंडक्ट रूल), अनुबंध सेवा नियम और निगम की सोशल मीडिया पॉलिसी के उल्लंघन के दोषी पाए गए हैं।
लगेज पॉलिसी को फेल करने के कथित षड्यंत्र मामले में बर्खास्त दो परिचालक सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। रिकांगपिओ यूनिट के बर्खास्त परिचालकों रवि कुमार व सुनील कुमार ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि उनकी कोई ऐसी मंशा नहीं थी कि सरकार की वह इस पॉलिसी का विरोध करें।
HRTC से बर्खास्त परिचालक सुनील कुमार ने कहा कि निगम प्रबंधन द्वारा कुछ समय पहले नई लगेज पॉलिसी लागू की गई थी। इस नई लगेज पॉलिसी को फेल करने के षड्यंत्र रचने का आरोप हम दो परिचालकों पर लगाते हुए हमें दोषी ठहराया गया व बर्खास्त किया गया।
उन्होंने कहा कि मजबूरन आरोपों के चलते हमें आज मीडिया के समक्ष आना पड़ा। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी (HRTC) की लागू हुई नई लगेज पॉलिसी को लेकर काफी बवाल मचा था और कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिनसे निगम की छवि खराब हो रही थी।
उन्होंने कहा कि हम भी इस विषय को लेकर अपने छोटे से व्हाट्सएप ग्रुप में केवल चर्चा कर रहे थे, न कि किसी सार्वजनिक प्लेटफार्म पर बात कर रहे थे, जिससे की जनता के बीच गलत संदेश जाए। हम केवल अपनी बातें ग्रुप में अपने कर्मचारी साथियों (परिवार) के बीच ही रख रहे थे। चर्चा की कुछ प्रतिलिपियों को आधार बनाकर प्रबंधन के समक्ष रखा गया और हमें बिना जांच पड़ताल के ही बर्खास्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह किसी भी विभाग के इतिहास में होने वाला पहला ऐसा टर्मिनेशन होगा, जिसमें तमाम कर्मचारी यूनियन गलत को गलत कहने से डर रही हैं और चुप्पी साधे बैठी हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
उतारने-चढ़ाने की जिम्मेदारी सामान भेजने,प्राप्त करने वाले की
शिमला।हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) बसों में बिना सफर किए सामान भेजने की सुविधा देने की शुरुआत तो की है लेकिन एचआरटीसी के कर्मचारी ही इसके विरोध में उतर आए हैं। एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन ने इसका विरोध किया है। वहीं, निगम प्रबंधन ने साफ किया है कि बिना यात्री सामान को बस पर चढ़ाने और उतारने की जिम्मेदारी सामान भेजने और प्राप्त करने वाले की है, न कि परिचालक की है।
महाप्रबंधक सीपी/आईटी एचआरटीसी पवन महाजन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बसों में सामान लाने और ले जाने के लिए हाल ही में जो निगम द्वारा किराया निर्धारित किया गया है, उस बारे परिचालक संघ द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मुद्दा उठाया गया है।
कहा है कि निगम की बसों में सामान लाने ले जाने की जिम्मेदारी कुली की होती थी। इस संदर्भ में यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि बिना यात्री सामान को बस पर चढ़ाने और उतारने की जिम्मेदारी सामान भेजने और प्राप्त करने वाले की है, न कि परिचालक की है। इस व्यवस्था से लोगों को अब अपना सामान भिजवाने में आसानी होगी और निगम की आय में भी इजाफा होगा। यह निर्णय निगम की वित्तीय स्थिति के मध्यनजर लिया गया है और इसमें निगम के सभी कर्मचारियों का सहयोग अपेक्षित है।
बता दें कि एचआरटीसी की नई रेट लिस्ट के अनुसार, 70 प्रकार के सामान का जिक्र किया गया है, जिसका अतिरिक्त किराया लिया जाएगा। नई सुविधा के अनुसार आप HRTC बस में सब्जी, फल, फूल सहित ऑफिस और डाइनिंग चेयर, टेबल, सोफा सेट, बेड बॉक्स और अलमारी भी ले जा सकेंगे। एचआरटीसी परिचालक निगम प्रबंधन के इस निर्णय के विरोध में हैं।
एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन का कहना है कि अब लोग एचआरटीसी बसों में व्यावसायिक व घर का सामान भी ले जा सकते हैं और भेज भी सकते हैं जिसका वजन के आधार पर टिकट लगेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय एचआरटीसी प्रबंधन द्वारा बिना सोचे समझे लिया गया है।
पहले भी बसों में कुली ही सामान उतारते ओर चढ़ाते थे और अगर कहीं सामान भेजते थे तो कुली साथ जाता था। यूनियन ने प्रदेश सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन से कुली का प्रावधान करने की मांग की है। कहा कि बस में सामान की जिम्मेदारी परिचालक की नहीं होनी चाहिए।
शिमला। हिमाचल में कंडक्टर पोस्ट कोड 1031 के लिए आवेदन करने वाले 988 अभ्यर्थियों ने फीस जमा नहीं करवाई है। हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इन अभ्यर्थियों को फीस जमा करवाने का एक मौका दिया है। इसके लिए 25 अगस्त 2023 से 31 अगस्त 2023 तक पोर्टल खोला जाएगा।
बता दें कि पूर्ववर्ती हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने 24 सितंबर 2022 को एचआरटीसी में कंडक्टर के पदों पर पोस्ट कोड -1031 के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी।
हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के भंग होने के बाद हिमाचल लोक सेवा आयोग ने 4 अप्रैल 2023 को इन पदों के लिए फिर विज्ञापन जारी किया। आवेदन जांच में 988 अभ्यर्थियों की फीस जमा न होनी पाई गई है।
इसमें 620 ने हिमाचल लोक सेवा आयोग के विज्ञापन पर आवेदन किया है और 368 उम्मीदवार जिन्होंने दोनों के जवाब में आवेदन किया था। इसकी सूची हिमाचल लोक सेवा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अगर किसी ने शुल्क जमा करवाया है और उसका नाम सूची में है तो वे शुल्क जमा करने का प्रमाण जमा करवाए। अगर फीस जमा नहीं करवाई है तो सात दिन के भीतर फीस जमा करवाए।
पोर्टल 25 अगस्त से 31 अगस्त 2023 तक खुलेगा। किसी भी जानकारी के लिए अभ्यर्थी किसी भी कार्य दिवस पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोग के टेलीफोन नंबर 0177- 2629738, 2624313 और टोल फ्री नंबर 1800-180-8004 पर संपर्क कर सकते हैं।