शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आईजीएमसी में आज से आधे डॉक्टर ओपीडी और वार्डों में नहीं मिलेंगे। इसकी वजह से मरीजों को बीमारी के साथ डॉक्टरों की कमी से भी परेशानी झेलनी पड़ सकती हैं। वजह है डॉक्टरों की समर और विंटर वेकेशन।
आपदा के दौरान डॉक्टरों की गर्मियों में मिलने वाली एक सप्ताह की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं। इस अवकाश को अब अस्पताल प्रबंधन दे रहा है। 16 से 22 दिसंबर तक पहले चरण में 136 और 24 से 30 दिसंबर तक 153 डॉक्टर दूसरे चरण में अवकाश पर जाएंगे।
उसके बाद दो जनवरी से शीतकालीन अवकाश पर फिर से दो चरणों में डॉक्टर जाएंगे जो कि 18 मार्च तक अवकाश पर रहेंगे। इससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। हालांकि, आईजीएमसी प्रशासन व्यवस्था को आम दिनों की भांति चलाने का दावा कर रहा है।
आईजीएमसी की प्रिंसिपल डॉक्टर सीता ठाकुर ने कहा कि समर सीज़न में छुट्टियां रद्द हो गई थी जिस वजह से दिसंबर माह में 1-1 हफ्ते की छुट्टी पर चिकत्सक जाएंगे। ये छुट्टियां 16 से शुरू होंगी। पहला बैच 16 से 22 दिसंबर तक छुट्टी पर जाएगा।
23 को कॉमन डे रहेगा। 24 से 30 दूसरा बैच छुट्टी जाएगा। इसके बाद 2 जनवरी से विंटर वेकेशन शुरू हो रही हैं जो हर साल होती है। 19 मार्च से अस्पताल में सभी डॉक्टर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान मरीजों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी हर विभाग में आधे डॉक्टर मौजूद रहेंगे।
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आईजीएमसी शिमला में भर्ती हैं। उन्हें रात में अचानक पेट में तेज दर्द उठा। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को आधी रात को आईजीएमसी (IGMC) शिमला ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों की टीम ने उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की।
साथ ही अल्ट्रासाउंड सहित अन्य टेस्ट करवाए गए। सीएम सुक्खू अभी आईजीएमसी में ही उपचाराधीन हैं, जहां उनके रूटीन टेस्ट भी किए जा रहे हैं। कैबिनेट मंत्री जगत नेगी व रोहित ठाकुर भी उनकी सेहत का हाल जानने आईजीएमसी पहुंचे।
सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि रात को 3 बजे पेट में दर्द के चलते मुख्यमंत्री आईजीएमसी में भर्ती हुए हैं। अभी तक जो टेस्ट हुए हैं, उनमें पेट में इंफेक्शन इसकी वजह सामने आई है।
कोई गंभीर समस्या नहीं है। डॉक्टर्स की निगरानी में उनके अन्य रूटीन टेस्ट भी हो रहे हैं। डॉक्टर ने उन्हें आराम की सलाह दी है। उम्मीद है कि सभी टेस्ट की जांच के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
शिमला। पेट में दर्द के कारण मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में मुख्यमंत्री का अल्ट्रासाउंड लिया गया। रिपोर्ट सामान्य है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है।
डॉक्टरों ने उनकी सभी मेडिकल जांच की है और रिपोर्ट सामान्य हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री को निगरानी में रखा गया है।आगे की जांच कर रहे हैं, अभी मुख्यमंत्री अस्पताल में ही भर्ती रहेंगे।
आईजीएमसी नाला, मिलिट्री हॉस्पिटल के पास चला है काम
शिमला। राजधानी शिमला में आईजीएमसी नाला, मिलिट्री हॉस्पिटल के पास क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग की रिपेयर का कार्य प्रगति पर है। इस वजह से उक्त स्थानों पर वाहनों की आवाजाही एक तरफा है।
शिमला पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से अपील की है कि सड़क की मरम्मत का कार्य पूरा होने तक सहयोग करें व अबाधित यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें
नौकरी से निकाले कर्मियों को वापस न रखा तो करेंगे आंदोलन
शिमला। आईजीएमसी (IGMC) के 34 गार्ड्स को नौकरी से निकालने के खिलाफ सुरक्षा कर्मियों ने सीटू के बैनर तले आज डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नौकरी से निकाले गए कर्मियों को वापस नौकरी पर न रखा गया तो आंदोलन तेज होगा।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 34 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर निकालने का निर्णय गैर कानूनी है। इसे तुरंत वापस लिया जाए। अगर ऐसा न किया गया तो कल से आईजीएमसी (IGMC) में जोरदार प्रदर्शन और हड़ताल होगी। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों को मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है।
ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है जोकि यूनियन से आईजीएमसी प्रबंधन द्वारा किए गए समझौते व औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है।
आईजीएमसी (IGMC) प्रबंधन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है। पिछले कई वर्षों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है।
औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 एच की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नई आउटसोर्स कम्पनी द्वारा जो शपथ पत्र सुरक्षा कर्मियों से लिया जा रहा है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है।
उन्होंने चेताया है कि अगर सभी सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति न की गई तो कल से आईजीएमसी शिमला के बाहर धरना दिया जाएगा। इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC) में सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन के बीच विवाद बढ़ गया है। आईजीएमसी में सिक्योरिटी को लेकर हुए नए टेंडर में 34 सुरक्षा गार्ड्स को निकाल दिया गया है। शनिवार देर रात जारी की गई लिस्ट में 34 सुरक्षा कर्मियों को निकाल दिया गया है।
इसके बाद आईजीएमसी में माहौल गरमा गया है। रविवार सुबह से ही आईजीएमसी (IGMC) में सुरक्षा गार्ड्स ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और काम ठप कर दिया है।
कोई भी सुरक्षा गार्ड कहीं भी वार्ड में ड्यूटी पर नहीं गया और अपने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन पर बैठ गया है। यह विवाद और भी बढ़ सकता है। निकाले गए गार्डों के समर्थन में सीटू भी प्रदर्शन कर सकता है।
महिला सुरक्षाकर्मी श्रेया ने कहा कि हमारे साथी सुरक्षा कर्मियों को बिना किसी कारण काम से निकाल दिया गया है। अस्पताल में नए टेंडर किए गए लेकिन कुछ सुरक्षा कर्मियों को नए टेंडर में शामिल न करते हुए नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी सुरक्षा कर्मी नए टेंडर का विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि यहां सुरक्षा कर्मी 14 वर्ष से काम कर रहे थे उन्हें बिना नोटिस दिए कार्य से निकाल दिया। प्रशासन यह बताए कि उन्हें किस कारण से नोकरी से बाहर निकाला गया।
उन्होंने कहा कि वह उस समय तक कार्य पर नहीं जाएंगे जब तक सभी सुरक्षा कर्मियों को कार्य पर नहीं रखा जाता। उन्होंने कहा कि उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती।
आईजीएमसी (IGMC) सिक्योरिटी से निकाले गए सुरक्षा कर्मी बबलू ने बताया कि उनके 34 गार्ड को नौकरी से बिना किसी कारण निकाल दिया गया है। नौकरी से निकालने से पहले नोटिस भी नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि सभी 34 कर्मियों को नौकरी पर वापस रखा जाए। उन्होंने मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई जिस कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
शिमला। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री बुधवार सुबह आईजीएमसी (IGMC) अस्पताल पहुंचे। मुकेश अग्निहोत्री रूटीन चेकअप के लिए IGMC पहुंचे हैं। अग्निहोत्री अल्ट्रासाउंड करवाने अस्पताल पहुंचे हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC) की ओपीडी 13 मंजिला नए भवन में शिफ्ट हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नए ओपीडी भवन का उद्घाटन किया साथ ही ट्रामा सेंटर को भी जनता को समर्पित किया। नए भवन में ओपीडी व ट्रॉमा सेंटर आने के बाद प्रदेश की जनता को भीड़भाड़ से निजात मिलेगी। ओपीडी व ट्रॉमा सेंटर लगभग 136 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। 104 करोड़ ओपीडी व 32 करोड़ रुपए टॉमा सेंटर पर खर्च हुए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता को बेहतर सुविधाएं देने के लिए काम कर रही है। जल्द ही आईएमसी में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की जाएगी, साथ ही नए उपकरण लगाए जाएंगे ताकि दूरदराज से आने वाले मरीजों को समस्याओं का सामना ना करना पड़े। सत्ता परिवर्तन के साथ ही मेडिकल रिफॉर्म्स में भी सरकार बदलाव ला रही है।
आने वाले बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में भी नए बदलाव किए जाएंगे ताकि जनता को बेहतर स्वास्थ्य मिल सकें। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। कई ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिन्हें बदलने की जरूरत है।
ट्रॉमा ब्लॉक के इस बहुमंजिला भवन में फिजियोथैरेपी वार्ड, स्पेशल वार्ड, आपातकालीन चिकित्सा इकाई, गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) बेड, आईसोलेशन वार्ड सहित सीटी स्कैन, एक्स-रे, सैंपल एकत्रीकरण केंद्र तथा पैथोलॉजी प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। घायलों व गंभीर रोगियों के उपचार संबंधी वरीयता के लिए यहां अलग व्यवस्था की गई है। अन्य आपात सेवाओं के साथ-साथ यहां पर डॉक्टर, नर्स तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कक्ष, रोगियों के बैठने के लिए स्थान तथा अन्य जनोपयोगी सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर नए ओपीडी परिसर का अवलोकन किया और रोगियों, उनके परिचारकों तथा अस्पताल स्टाफ के साथ संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि इस ब्लॉक के निर्माण से लोगों को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मिलने के साथ साथ यहां सेवाएं देने वाले डॉक्टरों एवं अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को कार्य करने के लिए उचित वातावरण भी प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में मशीनरी तथा उपकरणों के लिए 12 करोड़ रूपये व्यय किए जा रहे हैं। यह उपकरण व मशीनरी, संस्थान के सर्जरी, ऑर्थोपीडिक्स, न्यूरो-सर्जरी, रेडियोलॉजी तथा एनस्थिसिया विभाग में उपयोग में लाए जाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में आपातकालीन चिकित्सा को सृदृढ़ करने के लिए अलग से विभाग स्थापित किए जाएंगे।
इसमें प्रत्येक 6 बिस्तर में दाखिल मरीजों की सुविधा के लिए एक नर्स तथा 10 बिस्तर में मरीजों की सुविधा के लिए चिकित्सक की व्यवस्था होगी। गहन देखभाल केंद्र (आईसीयू) में प्रत्येक बिस्तर में मरीजों की सुविधा के लिए एक नर्स की व्यवस्था की जाएगी। यहां विशेषज्ञ चिकित्सा भी तैनात किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए अनेक कदम उठा रही है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में रोबॉटिक सर्जरी की सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इसके अतिरिक्त इन स्वास्थ्य संस्थानों में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए 5-जी प्रौद्योगिकी का समावेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को उनके घर-द्वार के समीप उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रत्येक मेडिकल ब्लॉक में आधुनिक प्रौद्योगिकी युक्त हाईटैक अस्पताल स्थापित किए जाएंगे।
चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन ने मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कही ये बात
शिमला। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने आज कैंसर अस्पताल आईजीएमसी का दौरा किया और निर्माणाधीन कैंसर ओपीडी ब्लॉक के कार्य को भी शीघ्र पुरा करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि कैंसर आज के समय में देश दुनिया में बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसकी एक कारण मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन और जीवन शैली में बदलाव है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार फूड सेफ्टी को लेकर भी गंभीर है। किस तरह से मिलावटी खाद्य पदार्थों के चलन को रोका जाए इसके लिए भी सरकार काम कर रही है। शिमला के कैंसर अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनरी के इस्तेमाल से कैंसर का समय पर पता चल सके इस दिशा में प्रदेश सरकार काम करेगी और प्रदेश के भीतर ही लोगों को इलाज उपलब्ध करवाया जाए इसके लिए सरकार प्रयासरत है।
स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से लोग आईजीएमसी इलाज के लिए पहुंचते हैं, ऐसे सरकार लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं किस तरह से प्रदान कर सकती है इस दिशा में सरकार काम कर रही है।
वहीं, भाजपा द्वारा लगाए जा रहे हिम केयर योजना को बंद करने के आरोपों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार हिम केयर योजना को बंद करने वाली नहीं है, बल्कि इस योजना को और सुदृढ़ कैसे किया जाए इस दिशा में सरकार काम कर रही है।